रायपुर। शिक्षा विभाग में गड़बड़ी और घोटाले का सिलसिला रुक नहीं रहा है। एक लेखापाल के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी की जांच पूरी होने के एक साल बाद निलंबन की कार्रवाई की गई है, पर अब भी एफआईआर दर्ज नहीं की गई है।
जानकारी के मुताबिक बीईओ कार्यालय कोटा में पदस्थ अकाउंटेंट राजेश कुमार प्रताप के खिलाफ पिछले वर्ष वित्तीय गड़बड़ी की जांच की गई थी। जांच में यह पाया गया था कि एक ही मद से दो दो बार राशि का आहरण किया गया है। इनमें परिवार कल्याण निधि, सामूहिक बीमा योजना, अवकाश नकदीकरण आदि का भुगतान शामिल है। कुल गबन 18 लाख 56 हजार रुपए का पाया गया। जांच पिछले वर्ष जून में पूरी हो चुकी थी। हाल ही में लोक शिक्षण संचालनालय ने ऑडिट के दौरान पाया कि उक्त अनियमितता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी डीके कौशिक ने अकाउंटेंट को निलंबित कर दिया है। राशि की वसूली और अपराध दर्ज करने की कार्रवाई नहीं की गई है।