छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग का आदेश, शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध अनुसार पदभार ग्रहण नहीं करने वाले डॉक्टरों को पांच दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश

Admin2
21 April 2021 4:28 PM GMT
छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग का आदेश, शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध अनुसार पदभार ग्रहण नहीं करने वाले डॉक्टरों को पांच दिनों के भीतर कार्यभार ग्रहण करने के निर्देश
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रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने एमबीबीएस की पढ़ाई पूर्ण कर चुके डॉक्टरों से शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध के अनुसार पदस्थापना के बाद पदस्थापना स्थल पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करने के संबंध में सूचना जारी की है। राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा 28 मई 2020 और 5 फरवरी 2021 को दो अलग-अलग आदेश जारी कर एम.बी.बी.एस. पाठ्यक्रम उत्तीर्ण डॉक्टरों को शासकीय/ग्रामीण सेवा के अनुबंध के निष्पादन के लिए दो वर्ष की संविदा सेवा पर पदस्थ किया गया था। शासन द्वारा 28 मई 2020 को जारी आदेश के परिपालन में 31 डॉक्टरों द्वारा और 5 फरवरी 2021 को जारी आदेश के परिपालन में 23 डॉक्टरों द्वारा आज पर्यंत अपने पदस्थापना स्थलों में पदभार ग्रहण नहीं किया गया है। विभाग ने ऐसे सभी डॉक्टरों को पांच दिनों के भीतर पदभार ग्रहण करने कहा है।

छत्तीसगढ़ चिकित्सा एवं दंत चिकित्सा स्नातक प्रवेश नियम के तहत अनुबंधित डॉक्टरों को एम.बी.बी.एस. प्रवेश के समय निष्पादित अनुबंध के अनुसार संविदा आधार पर दो वर्ष की शासकीय सेवा करना अनिवार्य है। बंध-पत्र (Bond) के उल्लंघन पर बंध-पत्र की राशि की वसूली, विश्वविद्यालय से अंतिम डिग्री प्रदान नहीं किए जाने और राज्य मेडिकल काउंसिल में पंजीयन नहीं किए जाने के साथ ही पाठ्यक्रम अवधि के दौरान शासन द्वारा भुगतान की गई संपूर्ण छात्रवृत्ति/शिष्यवृत्ति की राशि की वसूली भू-राजस्व के बकाया के रूप में किए जाने का प्रावधान है। शासन द्वारा पूर्व में भी इन अनुपस्थित डॉक्टरों को अपने पदस्थापना स्थान में उपस्थिति देने के लिए निर्देशित किया गया था। शासन ने अब तक अनुपस्थित डॉक्टरों को सूचना जारी होने के पांच दिनों के भीतर अपने पदस्थापना स्थान में कार्यभार ग्रहण किया जाना सुनिश्चित करने कहा है। निर्धारित समय-सीमा में पदांकित स्थान पर कार्यभार ग्रहण नहीं करने या कार्यभार ग्रहण करने के बाद दो वर्ष की अनिवार्य शासकीय सेवा पूर्ण नहीं करने पर अनुबंध की राशि की वसूली भू-राजस्व के बकाया राशि की तरह की जाएगी। साथ ही राज्य मेडिकल बोर्ड में पंजीयन रद्द करने की कार्यवाही भी की जाएगी।

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