सरगुजा/सीतापुर। सालों पहले अभियान चलाकर बच्चों को स्कूली शिक्षा से जोड़ने एक नारा दिया गया था। 'जिनगी ला गढे बर, स्कूल जाबो पढ़े बर' लेकिन आज क्षेत्र के स्कूलों का जो हाल है उसे देखते हुये ये नारा अब बेमानी हो गया है। मरम्मत के अभाव में जर्जर हो चुके स्कूलों में पढ़ाई करने वाले छात्र अपनी जान जोखिम में डाल भविष्य गढ़ने को मजबूर है। स्कूलों की माली हालत देख अभिभावक भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतराने लगे हैं। उनका कहना है कि समय रहते जर्जर स्कूलों की मरम्मत नहीं कराई गई तो यहाँ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।
माध्यमिक शाला ग्राम पंचायत बगडोली में है। जिसकी हालत मरम्मत और रखरखाव के अभाव में काफी जर्जर हो चुकी है। जहाँ बरसात के दिनों में छत से पानी रिसाव होने के कारण छत का प्लास्टर कई जगहों से उखड़कर गिर चुका है। गाँव में इस विद्यालय के अलावा पढ़ाई करने का अन्य कोई विकल्प नहीं होने के कारण मजबूरी में गाँव के बच्चे यहाँ पढ़ने आते है।