छत्तीसगढ़

आपकी बात - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ, पढ़े लोकवाणी की बड़ी बातें

Nilmani Pal
13 March 2022 7:11 AM GMT
आपकी बात - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ, पढ़े लोकवाणी की बड़ी बातें
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रायपुर। एंकर

- लोकवाणी की 27वीं कड़ी के प्रसारण के अवसर पर हम, माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल जी और सभी श्रोताओं का स्वागत करते हैं, अभिनंदन करते हैं।

- लोकवाणी की इस कड़ी का विषय है-'छत्तीसगढ़ सरकार-नारी शक्ति के सरोकार'।

- माननीय मुख्यमंत्री जी, कार्यक्रम प्रारंभ करने के पूर्व अवसर है आपके आशीर्वचन का, प्रारंभिक उद्बोधन का।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- जम्मो दाई-दीदी, अउ नोनी मन ल जय जोहार। जय सियाराम।

- लोकवाणी के प्रसारण ये बेरा अइसन महत्वपूर्ण महिना म होवथ हे। जे म अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस, होली, भक्त माता कर्मा जयंती, वीरांगना अवन्ति बाई बलिदान दिवस, विश्व वानिकी दिवस, विश्व जल दिवस हवय, अउ उखर बाद अपरेल महिना के सुरुआत म, दू अपरेल ले चैत्र नवरात्रि सुरू होवत हे।

- मोर कहे के मतलब हे, के एक महिना लगातार हमन ल अपन मातृशक्ति के अलग-अलग स्वरूप ल याद करना हे। ओखर दिवस अउ तिहार अनुसार कार्यक्रम करना हे।

- ये सब दिवस अउ तिहार, हमन ल नारी शक्ति, मातृशक्ति के सशक्तीकरण के बारे म बिचार करे के अवसर देथे।

- अउ वइसे तो हर दिन, हमन ल दाई-दीदी अउ नोनी के बारे म संसो करे बर हे, फेर विशेष अवसर म विशेष प्रयास बर घलोक सोचे -बिचारे के मउका मिलथे। एखर बारे में मैं अपन डहर ले अपील घलोक करथंव, के नारी मन के मान-सम्मान से ही हमर सभ्यता अउ संस्कृति के पहिचान होथे। जम्मो मन ल ये बात समझना चाहिए।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, हमारी बहुत-सी बहनें आपसे बहुत-सी बातें करना चाहती हैं। हम एक बेहतरीन सवाल से शुरुआत करते हैं।

बाइट -1

सरस्वती, जिला बिलासपुर

मैं सरस्वती ग्राम बेलगहना, जिला बिलासपुर से बोल रही हूं। माननीय मुख्यमंत्री जी जय जोहार। आपने जिस गीत को छत्तीसगढ़ का राज्य गीत घोषित किया है, उसमें छत्तीसगढ़ मइया का उल्लेख बार-बार आता है। आपने इसी गीत को क्यों चुना?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- सरस्वती बेटी जय जोहार।

- छत्तीसगढ़ राज्य के गठन को हम एक ऐतिहासिक घटना मानते हैं।

- हमारे पुरखों ने इसके लिए बहुत संघर्ष किया था।

- उनके मन में अपने राज्य की एक मुकम्मल तस्वीर थी। सदियों से छत्तीसगढ़ एक लोक प्रदेश रहा है। यहां की परंपरा, पर्व-त्यौहार, संस्कृति के विभिन्न रंगों में, अपने संसाधनों के प्रति आदर भाव में, अपने स्वाभिमान और अस्मिता के स्वभाव में, जो अपनी जननी के प्रति आस्था और श्रद्धा रही है, वही आस्था अपनी धरती के प्रति भी रही है। धरती के आंचल को भी मां का आंचल समझना हमारे पुरखों की बहुत बड़ी सीख है। विडम्बना है कि राज्य गठन के बाद डेढ़ दशक से अधिक समय तक प्रदेश की जनता को अपनी इस भावना को अभिव्यक्त करने का कोई साधन या अवसर भी नहीं दिया गया था। हमने अपनी विरासत से जो सीखा है, वंदे मातरम् के गान से हमने जो सीखा है, उसे अपने प्रदेश में उतारने की प्रबल इच्छा रही है। सौभाग्य से हमें यह अवसर मिला और सरकार बनने के बाद हमने जब इसके लिए उपयुक्त गीत की खोज की तो आचार्य डॉ. नरेन्द्र देव वर्मा का छत्तीसगढ़ी में लिखा यह गीत विचार में आया।

- डॉ. वर्मा हिन्दी साहित्य के साथ-साथ छत्तीसगढ़ी में भी पीएचडी करने वाले अपने समय के महानतम विद्वान थे।

- उनका लिखा लोक गीत है-अरपा पइरी के धार महानदी हे अपार, इन्द्रावती ह पखारय तोर पईंया। महूं पांव परंव तोर भुइंया, जय हो-जय हो छत्तिसगढ़ मइया।

- इस गीत में हमें छत्तीसगढ़ महतारी की सम्पूर्ण छवि दिखती है।

- हम इसी मातृभाव के साथ छत्तीसगढ़ की सेवा करना चाहते हैं। इसलिए इस गीत को छत्तीसगढ़ का राज्य गीत बनाया गया है।

बाइट-2

विद्या मारकण्डे, जिला रायपुर

मोर नाम विद्या मारकण्डे हे, मैं ग्राम तूता तहसील-अभनपुर जिला रायपुर म रहिथंव। माननीय मुख्यमंत्री जी, आप मन हरेली, तीजा, भक्त माता कर्मा जयंती, छठ पूजा, छेरछेरा पुन्नी जइसे 6 तिहार म सार्वजनिक अवकास के घोषणा करेव, का एकर पाछू कहूं न कहंू हमर नारी सम्मान रहिस हे या परंपरागत तिहार के कारण ये अवकास करे हव।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- विद्या बहन नमस्कार।

- देखिए, मेरे पूरे व्यक्तित्व का विकास गांव में हुआ है। गांव में जब कोई त्यौहार मनाते हैं तो पहले मां, बहन, भांजी आदि के पैर छूते हैं।

- एक तरह से यह हमारी परंपरा और संस्कृति की प्रारंभिक शिक्षा है।

- हमने बचपन में देखा है कि त्यौहार-बार के समय महिलाएं घर के काम में इतनी ज्यादा व्यस्त हो जाती हैं कि वे इस अवसर का आनंद भी ठीक से नहीं ले पातीं।

- यदि पति, बेटा-बेटी, बहू जैसे परिवार का कोई सदस्य सरकारी नौकरी में हो तो अवकाश नहीं होने के कारण वे अपने गांव नहीं जा पाते और परिवार के सदस्यों के साथ त्यौहार भी नहीं मना पाते।

- भागम-भाग की जिंदगी में अपनी परंपरा और संस्कृति से लोगों का ध्यान हट रहा था।

- शासन-प्रशासन के स्तर पर भी छत्तीसगढ़ी पर्व-त्यौहारों के प्रति संवेदनशीलता कम हो रही थी।

- मुझे लगता है कि यदि हम अपनी परंपरा और संस्कृति से कट गए तो हमारी अस्मिता का तत्व भी कमजोर पड़ जाएगा। यह एक स्थायी नुकसान हो जाता, जिसे रोकना बहुत जरूरी था।

- हमारे त्यौहारों में मातृशक्ति की प्रधानता है। चाहे हरेली हो, चाहे भक्त माता कर्मा जयंती हो, चाहे तीजा हो या फिर छेर-छेरा पुन्नी।

- माता कौशल्या भगवान राम की माता हैं तो हमारे छत्तीसगढ़ की बेटी भी हैं।

- मुझे इस बात का बेहद संतोष है कि हमने चंदखुरी में माता कौशल्या के प्राचीन मंदिर परिसर का जीर्णोद्धार और सौंदर्यीकरण किया है।

- मां की महिमा का प्रसार करने और इसके माध्यम से हम अपनी नई पीढ़ी को यह संदेश देने में सफल हुए हैं कि धरती, प्रकृति, परंपरा और नारी का सम्मान करो।

- नारी का सम्मान करने वाला समाज ही संस्कारी समाज होता है और अगर संस्कार के साथ जीवन जिया जाए तभी रिश्ते मजबूत होते हैं।

- रिश्तों की पवित्रता से ही यह संसार चलता है। नैतिकता चलती है और आदर्श जीवन मूल्य नई पीढ़ियों को मिलते हैं।

- इन बहुत सारी बातों को सोचकर तथा नई पीढ़ी को अपनी परंपरा, संस्कृति और अस्मिता की मजबूत बुनियाद देकर ही हम नवा छत्तीसगढ़ गढ़ना चाहते हैं। इस बुनियाद को अगर मैं एक शब्द में कहना चाहूं तो मैं कहूंगा ये छत्तीसगढ़ियत है। छत्तीसगढ़ियत यानी हमारी अस्मिता, हमारे संस्कार, हमारी संस्कृति, हमारी पहचान और कुल मिलाकर हमारी सबसे बड़ी ताकत।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, महिलाओं को पुरुषों के समान बराबरी के अधिकार देने के बारे में तो बहुत-सी बातंे किताबों में लिखी हैं।

- हमारा संविधान भी कहता है कि बराबरी होनी चाहिए। लेकिन हकीकत के बारे में हमेशा महिलाओं के कुछ सवाल होते हैं- आइए सुनते हैं कुछ सवाल।

बाइट-3

पूर्णिमा विश्वकर्मा, जिला कबीरधाम

माननीय मुख्यमंत्री जी नमस्ते। मैं पूर्णिमा विश्वकर्मा बोड़ला, जिला कबीरधाम से बोल रही हूं। हम जानना चाहते हैं कि लैंगिक समानता के मामले में हमारे छत्तीसगढ़ की क्या स्थिति है और आपकी सरकार ने ऐसे कौन-कौन से प्रयास किए हैं कि हम महिलाओं को समानता के अधिकार मिले?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- धन्यवाद पूर्णिमा बहन।

- बहुत अच्छा सवाल किया है आपने।

- सबसे पहले तो हमें इस बात पर बेहद गर्व है कि महात्मा गांधी, पंडित जवाहर लाल नेहरू, बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर जैसे हमारे पुरखों की वजह से हमें ऐसा संविधान मिला है, जिसमें महिलाओं को बराबरी का दर्जा दिया गया है।

- अब सवाल उठता है कि राज्य सरकार ऐसी क्या व्यवस्था कर सकती है, जिससे संविधान पर अमल हो और संविधान की भावना का सम्मान हो?

- हमारे संस्कार और प्रयासों का ही नतीजा है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिलाओं का प्रतिशत, देश की अन्य विधानसभाओं की तुलना में सबसे अधिक है। पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में भी महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है।

- भूमि और संपत्ति पर कानून के अनुसार महिलाओं को समान स्वामित्व और नियंत्रण का अधिकार है।

- हमने ऐसे कई नीतिगत इंतजाम किए हैं, जिसमें महिलाओं को अचल संपत्ति पर अधिकार मिले।

- अचल संपत्ति का पंजीयन महिलाओं के नाम पर कराए जाने पर स्टाम्प शुल्क में 1 प्रतिशत छूट देने का प्रावधान किया गया है, जिसके कारण एक वर्ष में 50 हजार से अधिक पंजीयन हुए और 37 करोड़ रुपए से अधिक की छूट उन्हें मिली।

- सरकारी पदों में भर्ती के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण की सुविधा महिलाओं को दी गई है।

- सरकारी सेवाओं में महिलाओं के अधिकार सुरक्षित रहें, इसके लिए भर्ती, पदोन्नति, दस्तावेजों की छानबीन के लिए बनाई गई समितियों में एक महिला प्रतिनिधि को रखना हमने अनिवार्य किया है।

- महिला छात्रावास तथा आश्रमों में महिला होम गार्ड के 2 हजार 200 नए पदों का सृजन किया गया है।

- प्रदेश के 370 थानों में महिला हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं।

- महिला हेल्प लाइन 181 का संचालन किया जा रहा है। प्रदेश के किसी भी कोने से इस टोल फ्री नंबर 181 पर फोन करके कोई भी महिला सहायता प्राप्त कर सकती है। मैं चाहूंगा कि हमारी बहनंे इस 181 नंबर को याद रखें और कोई भी तकलीफ होने पर इसकी मदद लें।

- अब हम प्रत्येक जिले में महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ का गठन करने जा रहे हैं ताकि हमारी माताओं, बहनों को पूर्ण सुरक्षा का वातावरण मिले।

- जिला खनिज न्यास निधि बोर्ड में ग्राम सभा सदस्य के रूप में 50 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है।

- प्रत्येक जिले में महिलाओं के लिए अपना महाविद्यालय हो, इसके लिए हमने 9 जिलों में नए महिला महाविद्यालय शुरू किए हैं।

- हमारे प्रयासों से सरकारी महाविद्यालयों में बेटियों की संख्या बेटों से डेढ़ गुना हो गई है। इसके कारण कॉलेजों का सकल नामांकन अनुपात भी 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 18.6 प्रतिशत हो गया है। इसका मतलब है कि पहले 1 लाख युवाओं में मात्र 3 हजार 500 युवा कॉलेज में दाखिला लेते थे। लेकिन अब 1 लाख में से 18 हजार 600 युवा कॉलेज में दाखिला लेते हैं।

- छत्तीसगढ़ के इन अभूतपूर्व प्रयासों को नीति आयोग ने भी सराहा है और वर्ष 2020-21 की इंडिया-इंडेक्स रिपोर्ट में लैंगिक समानता के लिए छत्तीसगढ़ को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, महिलाओं की सुरक्षा में उनके स्वावलंबन की सबसे बड़ी भूमिका होती है। इसमें दो राय नहीं है कि छत्तीसगढ़ की महिलाओं में जागरुकता लगातार बढ़ रही है। लेकिन इसमें सरकार की भूमिका को लेकर हमारी बहनों ने अपने विचार रखे हैं- आइए सुनते हैं।

बाइट-4

साफिया, जिला सरगुजा

माननीय मुख्यमंत्री जी। मैं साफिया ग्राम राता, विकासखण्ड लुण्ड्रा, जिला सरगुजा से बोल रही हूं। आपने महिला स्व-सहायता समूहों के बकाया ऋण माफ करने की घोषणा की थी। क्या इतने से ही महिलाओं को आर्थिक सुरक्षा और स्वावलंबन का लक्ष्य मिल जाएगा या इसके लिए आप और भी कोई नया कदम उठा रहे हैं?

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- साफिया बिटिया धन्यवाद। आपने बहुत अच्छा सवाल किया है।

- छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संचालित एक संस्था है, छत्तीसगढ़ महिला कोष। इस संस्था द्वारा स्व-सहायता समूहों को ऋण देने का प्रावधान है।

- इस संस्था के माध्यम से लगभग 39 हजार समूहों को 9 हजार 500 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण दिए जा चुके हैं।

- इनमें से 6 हजार 489 महिला स्व-सहायता समूह किसी कारण से लगभग 13 करोड़ रुपए का ऋण नहीं पटा पाने के कारण डिफाल्टर की श्रेणी में आ गए थे और उनके आगे बढ़ने के रास्ते बंद हो गए थे।

- हमने ऐसे 6 हजार 489 समूहों को संकट से निकालने का फैसला किया और उनका ऋण माफ कर दिया।

- इसके साथ ही महिला स्व-सहायता समूहों को 3 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज दर पर ऋण दिया जाता है। हमने ऐसी व्यवस्था की है, जिससे समूहों को अब पहले की तुलना में दो से चार गुना तक ऋण मिल सके।

- सक्षम योजना में ब्याज दर 6.5 प्रतिशत थी, जिसे हमने घटाकर 3 प्रतिशत कर दिया है। वहीं ऋण लेने की पात्रता भी दोगुनी कर दी है। इस तरह महिलाओं को अपने व्यवसाय के लिए अधिक आर्थिक सहायता देने के इंतजाम हमने किए हैं। अन्य योजनाओं में भी महिलाओं को पुरुषों की तुलना में अधिक सुविधाएं दी जा रही हैं।

बाइट-5

शैलेन्द्री वर्मा, जिला दुर्ग

माननीय मुख्यमंत्री जी। मैं शैलेन्द्री वर्मा, ग्राम चेटवा, जिला दुर्ग से बोल रही हूं। मैं जानना चाहती हूं कि ऐसी कौन-कौन सी परियोजनाएं प्रदेश में संचालित की जा रही हैं, जिससे हम कमजोर आर्थिक स्थिति वाली महिलाएं कुछ कामकाज कर सकें और अपने परिवार की आवश्यकताएं पूरी कर सकें।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- शैलेन्द्री बिटिया नमस्कार।

- छत्तीसगढ़ में बेटियां शिक्षा से लेकर स्वावलंबन तक किस तरह से सरकार की योजनाओं से जुड़ना चाहती हैं, यह बिल्कुल निजी तौर पर समझने का विषय है। सभी की आवश्यकताएं अपने परिवार की परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग होती हैं। यदि कोई बेटी छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिला स्व-सहायता समूहों से जुड़कर स्वरोजगार करना चाहे तो बिहान योजना है, जिसमें अभी तक 2 लाख 6 हजार 362 समूहों के माध्यम से 22 लाख 14 हजार 426 महिलाएं जुड़ चुकी हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा भी महिला स्व-सहायता समूहों के गठन के माध्यम से रोजगारमूलक गतिविधियों के लिए मदद की जाती है।

- हमारी नई औद्योगिक नीति 2019-2024 में महिला स्व-सहायता समूहों, कृषि उत्पादक समूहों को औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन हेतु विशेष रूप से पात्रता दी गई है।

- मुझे यह कहते हुए खुशी है कि हमने 10 जिलों में 540 उत्पादक समूहों का गठन किया है, जिसमें 18 हजार 598 महिला किसानों को जोड़ा गया है।

- प्रदेश में तीन वर्षों में 478 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित की गई हैं, जिनमें 1 हजार 167 करोड़ रुपए का पूंजी निवेश हुआ है तथा इनमें 6 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिला है।

- इसी तरह लघु वनोपजों के प्रसंस्करण के लिए 52 इकाइयों की स्थापना की जा चुकी है।

- हमने समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 65 कर दिया है।

- छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के माध्यम से 121 उत्पादों का प्रसंस्करण और विक्रय हो रहा है।

- स्व-सहायता समूहों द्वारा भी वनोपजों की प्रोसेसिंग के माध्यम से 200 उत्पादों का विपणन किया जा रहा है।

- इन सब कार्यों में महिलाओं की बहुत बड़ी भागीदारी है। हम लघु वनोपजों के संग्रहण का पारिश्रमिक, समर्थन मूल्य पर खरीदी के अलावा विक्रय का लाभांश भी संग्राहकों और स्व-सहायता समूहों को दे रहे हैं।

- इस भागीदारी को और आगे बढ़ाने के लिए हम सी-मार्ट की स्थापना हर शहर में कर रहे हैं।

- प्रदेश में अभी तक 8 हजार 48 गौठान स्थापित किए जा चुके हैं।

- गौठानों के माध्यम से हमने आजीविका के लिए जो प्रयास किए हैं, उसमें 9 हजार 331 महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 66 हजार से अधिक महिलाओं को जोड़ा गया है। इन समूहों ने 65 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार बहुत ही अल्प समय में कर लिया है।

- गोधन न्याय योजना के तहत भी 45 प्रतिशत से अधिक महिलाएं सीधे भागीदार बनी हैं।

- गांवों में घर-घर बैंकिंग सेवाएं पहुंचाने के लिए लगभग 4 हजार बीसी सखियों को जोड़ा गया है।

- मुझे यह कहते हुए खुशी है कि इन बीसी सखियों ने 455 करोड़ रुपए का लेनदेन किया है।

- महात्मा गांधी नरेगा योजना के अंतर्गत हमने एक वर्ष में 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस रोजगार देकर शत-प्रतिशत लक्ष्य की पूर्ति की है, जिसमें 50 प्रतिशत रोजगार महिलाओं को मिला है।

- छत्तीसगढ़ राज्य में हमने महिलाओं को बेहतर काम के अवसर भी दिए हैं, जिसमें वे सुपरवाइजरी काम भी कर रही हैं, जिन्हें महिला मेट या इंजीनियर दीदी के नाम से पहचाना जा रहा है।

- इस तरह नौकरी के अलावा अन्य तरह के रोजगार और स्वरोजगार के दरवाजे महिलाओं के लिए खोले गए हैं।

बाइट- 6

रिया सिदार, जिला रायगढ़

माननीय मुख्यमंत्री जी। मैं रिया सिदार, चक्रधर नगर, जिला रायगढ़ से बोल रही हूं। मैं स्कूल के बाद कॉलेज और पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ाई करना चाहती हूं। इस काम में सरकार मेरी क्या मदद करेगी, यह बताने की कृपा करें।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- बिटिया नमस्कार।

- आपने यह नहीं बताया कि अभी आप किस कक्षा में पढ़ रही हैं। यदि आप स्कूल में हैं तो हमारे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल से जुड़ सकती हैं। हमने प्रदेश में ऐसे 171 स्कूल शुरू कर दिए हैं, जो सरकारी स्कूल होने के बावजूद अच्छे से अच्छे निजी स्कूल को टक्कर दे रहे हैं।

- इन स्कूलों में प्रवेश और पढ़ाई निःशुल्क है। पढ़ाई के साथ ऐसी बहुत-सी गतिविधियां हैं, जिनसे आपके व्यक्तित्व और प्रतिभाओं में निखार आ जाएगा। इस योजना के तहत नए शिक्षा सत्र से हिन्दी माध्यम के विद्यालय भी खोले जा रहे हैं।

- जहां तक पोस्ट ग्रेजुएट तक पढ़ने का सवाल है तो मैं बताना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ में बेटियों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट तक निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है।

- इसके अलावा सरकारी नौकरी में बेटियों के लिए 30 प्रतिशत पद आरक्षित है।

- यदि आप अनुसूचित क्षेत्र में रहते हैं तो वहां जिला काडर के लिए योग्यताएं शिथिल की गई हैं। अब तो हमने कनिष्ठ सेवा चयन बोर्ड गठित कर दिया है, जो 14 जिलों में स्थानीय लोगों की भर्ती सुनिश्चित कर रहा है।

- मैं कहना चाहता हूं कि शिक्षा से रोजगार तक, गांवों से शहरों तक, सरकारी नौकरी से लेकर स्वरोजगार तक, हर जगह हमने बेटियों की तरक्की के रास्ते खोल दिए हैं।

- आप अपनी परिस्थिति के अनुसार पहला कदम बढ़ा सकती हैं और आगे चलकर मनचाही उपलब्धि भी हासिल कर सकती हैं।

- मेरा मानना है कि हमारी बस्तर की बेटी जब देश और दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी को फतह कर सकती है।

- हमारी बेटियां विभिन्न खेलों में अपने प्रदर्शन के दम पर भारतीय टीम में शामिल हुई हैं। हमारी बेटियों ने अपनी टीमों में कप्तानी का अवसर भी पाया है।

- हमारी बेटियां आईएएस, आईपीएस जैसी बड़ी परीक्षाओं में पास होकर प्रशासन की जिम्मेदारी संभाल रही हैं। मेरा मानना है कि बेटियों के लिए किसी भी चुनौती का सामना करना कोई बड़ी बात नहीं है।

- हम रोज एक नई खुशखबरी सुनते हैं कि बेटियों ने कौन सी नई सफलता हासिल की।

- तो मैं कहना चाहता हूं कि छत्तीसगढ़ की बेटियां अब बड़े लक्ष्य लेकर निकल पड़ी हैं। अब आपको आगे बढ़ने से कोई रोक नहीं सकता।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपको महतारी शब्द बहुत प्रिय है, यही वजह है कि प्रदेश में महतारी के नाम से कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, जो बेटियों को किसी भी संकट से उबारने, उनका आत्मविश्वास जगाने और जरूरत पड़ने पर उनका अभिभावक बनने का काम करती हैं। इनमें एक 'महतारी दुलार योजना' भी है। ऐसी योजनाओं से जिन लोगों को संबल मिला है, आइए सुनते हैं उनके विचार।

बाइट- 7

सुशीला, जिला सुकमा

माननीय मुख्यमंत्री जी। मैं सुशीला जिला सुकमा से बोल रही हूं। मुझे 'महतारी जतन योजना' के माध्यम से पोषण आहार मिल रहा है। गर्भावस्था के दौरान हमें बेहतर भोजन और बेहतर पोषण की जरूरत होती है। आपने इस दिशा में ध्यान दिया, यह बहुत ही अच्छी बात है। इसके लिए आपका बहुत-बहुत शुक्रिया।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- धन्यवाद बेटियों। आप सबको नमस्कार और धन्यवाद।

- कोरोना महामारी के दौरान बहुत हृदय विदारक प्रसंग सामने आ रहे थे। कई परिवारों में माता-पिता के न रहने से बच्चों को लेकर बहुत चिंताजनक स्थिति उत्पन्न हो गई थी।

- तब हमने यह निर्णय लिया कि ऐसे बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी हमारी सरकार उठाएगी।

- इस तरह हमने कोरोना के कारण माता-पिता को खोने वाले बच्चों की निःशुल्क शिक्षा के साथ उन्हें निःशुल्क कोचिंग और 500 से 1 हजार रुपए तक मासिक छात्रवृत्ति देने का निर्णय लिया।

- 'महतारी जतन योजना' के माध्यम से 1 लाख 71 हजार गर्भवती बहनों को गर्म भोजन तथा रेडी-टू-ईट, टेक होम राशन दिया जा रहा है।

- कोरोना के समय में भी हमने आंगनवाड़ी केन्द्र के हितग्राहियों को रेडी-टू-ईट फूड दिया। जैसे ही कोरोना का प्रकोप थोड़ा कम हुआ 5 जनवरी 2022 से प्रदेश के 51 हजार 415 आंगनवाड़ी केन्द्रों से गर्म भोजन देने की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई है।

- 'कौशल्या मातृत्व योजना' हमारे प्रदेश की अभिनव योजना है। पूर्व में प्रथम बेटी के जन्म पर प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान था। लेकिन दूसरी बेटी होने पर कोई आर्थिक मदद नहीं की जाती थी। हमने इस कमी को पहचाना और समाधान के लिए 'कौशल्या मातृत्व योजना' बनाई, जिसमें दूसरी बेटी के जन्म पर भी 5 हजार रुपए की एकमुश्त आर्थिक सहायता का प्रावधान है।

- हाल ही में हमने निर्माण कार्यों में संलग्न पंजीकृत श्रमिक परिवारों के लिए भी एक विशेष योजना शुरू की है। इस 'मुख्यमंत्री नोनी सशक्तीकरण सहायता योजना' के तहत छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण योजना में पंजीकृत हितग्राहियों की प्रथम दो पुत्रियों के बैंक खाते में 20-20 हजार रुपए की राशि का भुगतान एकमुश्त किया जाएगा।

- इस क्रम में मैं 'दाई-दीदी क्लीनिक योजना' का उल्लेख भी करना चाहूंगा। हमारे परिवार में महिलाएं सबका ख्याल रखती हैं। लेकिन अपने ही स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पातीं। इसलिए हमने चलित वाहनों में पूरे अस्पताल का सेटअप बनाकर, उन्हें बसाहटों और मोहल्लों में भेजने का इंतजाम किया है।

एंकर

- माननीय मुख्यमंत्री जी, आपने 2 अक्टूबर 2019 को प्रदेश में 'मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान' की शुरुआत की थी। इस अभियान के परिणाम क्या रहे और इससे हमारी बहनों को क्या सहायता मिली। इसके बारे में भी कुछ विचार आए हैं, आइए सुनते हैं-

बाइट- 8

पूनम, जिला सूरजपुर

माननीय मुख्यमंत्री जी, नमस्ते। मैं पूनम, जिला सूरजपुर से बोल रही हूं। जब मैं गर्भवती हुई तो हमारे परिवार में खुशियां छा गईं। मायके से लेकर ससुराल तक मुझे खूब प्यार मिला और सबको इंतजार था परिवार के नए सदस्य का। बेटा हुआ तो खबर सुनकर ही मिठाइयां बंटने लगीं। लेकिन बच्चा बहुत कमजोर था। ऐसे में 'मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान' की मदद से अच्छी देखरेख, पोषण आहार और उपहार की सुविधा मिली। आज हमारा बेटा बहुत स्वस्थ है। हमारा पूरा परिवार माननीय मुख्यमंत्री जी के प्रति आभार व्यक्त करता है।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- जय जोहार।

- जब मैंने मुख्यमंत्री का पद संभाला था तो बताया गया कि वर्ष 2018 में राज्य में कुपोषण की दर 40 प्रतिशत है।

- यह आंकड़ा बहुत ही भयावह था।

- कुपोषण का मतलब नई पीढ़ियों की कमजोर बुनियाद।

- इसलिए हमने 'मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान' की शुरुआत की।

- अभी एन.एफ.एच.एस. 5 के आंकड़े आए हैं, जो बताते हैं कि अब छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर 31.3 प्रतिशत है। अर्थात लगभग 2 वर्षों में हमने कुपोषण की दर 9 प्रतिशत तक कम करने में सफलता हासिल की है।

- इस तरह अब छत्तीसगढ़ में कुपोषण की दर राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से भी कम हो गई है।

- यदि हम इसी रफ्तार से काम करें तो आगामी 5 वर्षों में प्रदेश में कुपोषण की दर को इकाई में ला सकते हैं। अर्थात 10 प्रतिशत से कम कर सकते हैं।

- इस अभियान के दौरान हमने यह महसूस किया है कि हमारी बहनों को थोड़ा सहयोग, पोषण सामग्री और डॉक्टरी देखभाल की सुविधाएं मिल जाएं तो वे अपनी और शिशु की देखभाल बहुत अच्छी तरह से कर सकती हैं।

- कुपोषण दर कम करने में मिली सफलता के लिए मैं सभी बहनों को साधुवाद देता हूं।

- इस अभियान के कारण 1 लाख 70 हजार बच्चे कुपोषण से तथा 1 लाख से अधिक महिलाएं, एनीमिया से बाहर आई हैं और स्वस्थ जीवन जी रही हैं।

- आज मैं उन सभी योजनाओं और सुविधाओं का नाम भी लेना चाहूंगा, जो 27 लाख हितग्राहियों की सेवा कर रही हैं।

- आंगनवाड़ी केन्द्र, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार, नवा जतन कार्यक्रम, महतारी जतन योजना, शाला त्यागी किशोरी बालिकाओं को पोषण आहार, डीएमएफ तथा जिला स्तर पर सीएसआर निधि आदि का सहयोग मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान को मिल रहा है। मुख्यमंत्री हाट-बाजार योजना और दाई-दीदी क्लीनिक की भी बहुत मदद कुपोषित बच्चों के उपचार में मिली है।

एंकर

माननीय मुख्यमंत्री जी, छत्तीसगढ़ की बहुत-सी बेटियों ने पिछले तीन वर्षों में अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता के झंडे गाड़े हैं। आइए सुनते हैं प्रदेश की प्रतिभावान बेटियों की आवाज में उनके विचार और आपकी योजनाओं के लिए उनकी प्रतिक्रियाएं।

(1) याशी जैन-रायगढ़ पर्वतारोही

- माननीय मुख्यमंत्री जी नमस्कार। मैं रायगढ़ से पर्वतारोही याशी जैन बोल रही हंू। सर्वप्रथम तो मैं आपका और हमारे छत्तीसगढ़ सरकार का विशेष आभार व्यक्त करती हंू कि आपके सहयोग से अपने लक्ष्य हासिल प्राप्त कर रही हंू और धन्यवाद देती हंू कि खेल एवं महिलाओं के विकास के लिए आपकी सरकार बहुत काम कर रही है। मुख्यमंत्री जी मैं आपसे अनुरोध करती हंू कि हमारे बस्तर को साहसिक केन्द्रों के धानी अर्थात साहस धानी के रूप में डेवलप करें और पर्वतारोहण को खेल का दर्जा देकर रिर्जेवेशन देने की कृपा करें। धन्यवाद!

(2) टेकेश्वरी साहू- थाई बॉक्ंिसग में स्वर्ण पदक विजेता।

माननीय मुख्यमंत्री जी जय जोहार। मैं टेकेश्वरी साहू रायपुर ले आप मन ले गोठियात हावंव मेह म्यू और थाई बाक्सिंग के खेल के अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक के विजेता खिलाड़ी हावंव। वैसे तो मेहा पितृविहीन अउ मोर दाई हा मजदूर हावे। तभोले मोर अंतरराष्ट्रीय उपलब्धि म आप मन के अउ आप मन के सरकार केे अब्बड़ योगदान हावे। मोर माननीय मुख्यमंत्री कका ले निवेदन हावे कि ओ हा हमर छत्तीसगढ़ ए म्यूच्योर म्यू थाई एसोसिएशन रायपुर ल खेल विभाग छत्तीसगढ़ शासन से एक बार अउ मान्यता दिला देवे ताकि आप मन के द्वारा बनाए गए खिलाड़ी मन के लाभ के लिए ये योजना ला अउ म्यू थाई के जम्मो संगवारी मन ह उठा सके। अउ हमर छत्तीसगढ़ महतारी के नाम राष्ट्रीय अउ अंतर्राष्ट्रीय स्तर म ऊंचा कर सके।

(3) आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय

- मननीय मुख्यमंत्री जी सादर प्रणाम! मैं बलरामपुर के स्वामी आत्मानंद स्कूल से कक्षा नवमी की छात्रा बोल रही हंू। यह हमारे लिए बहुत ही खुशी की बात है कि आपके प्रयासों के कारण ही छत्तीसगढ़ में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की शुरुआत हो पायी है। जिले के सुदूर आदिवासी अंचल में रहने वाले बच्चों के आखों में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में पढ़ने का जो सपना था। वह भी पूरा हो पा रहा है। यह शिक्षा निःशुल्क होने के कारण अभिभावकों के ऊपर किसी तरह का आर्थिक दबाव नहीं है। हमें गुणवत्तामूलक शिक्षा उपलब्ध हो पा रही है। माननीय मुख्यमंत्री जी आपके पहल से शुरू हुई यह अंग्रेजी माध्यम विद्यालय हम सभी बच्चों के लिए किसी सपनों के मंदिर से कम नहीं है। आपको सहृदय धन्यवाद करते हैं।

(4) डेनेक्स कर्मचारी-मनीषा देवांगन, जिला दंतेवाड़ा

- नमस्ते। मेरा नाम मनीषा देवांगन है। ग्राम हारंग, गीदम जिला दंतेवाड़ा की निवासी हूं। हमारे ग्राम हारंग में डेनेक्स नवा दंतेवाड़ा गारमेंट फैक्ट्री का शुभारंभ 31 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री जी के द्वारा किया गया। जिसमें पिछले मैं एक साल से कार्य कर रही हूं। मुझे प्रतिमाह 12 हजार रुपए का वेतन प्राप्त हो रहा है। जिससे मैं बहुत खुश हूं। इससे मेरे घर की आर्थिक स्थिति में भी सुधार आया है और मेरे घर वाले भी खुश हैं। मैं माननीय मुख्यमंत्री जी, जिला प्रशासन दंतेवाड़ा एवं डेनेक्स को बहुत-बहुत धन्यवाद करती हूं।

माननीय मुख्यमंत्री जी का जवाब

- मेरी प्रिय बेटियों, आप लोगों ने अपनी तरह से प्रदेश का नाम ऊंचा किया है। आपने अपनी प्रतिभा और योगदान से छत्तीसगढ़ की अन्य बेटियों को प्रेरणा दी है। आपने मुझे जो बधाई और शुभकामनाएं दी हैं, उनकी वास्तविक हकदार आप लोग ही हैं। आप सबको बहुत बधाई और शुभकामनाएं।

- मैं चाहूंगा कि नवा छत्तीसगढ़ हमारी बेटियों की सफलता की कहानियों से गढ़ा जाए।

- मैं वचन देता हूं कि हम आप लोगों के लिए नई सुविधाएं और अवसर जुटाने की दिशा में लगातार प्रयास करते रहेंगे।

धन्यवाद, जय हिन्द, जय छत्तीसगढ़

एंकर

- श्रोताओं, लोकवाणी का आगामी प्रसारण 10 अप्रैल, 2022 को होगा, जिसमें माननीय मुख्यमंत्री जी 'नवा छत्तीसगढ़, नवा बजट' विषय पर चर्चा करेंगे। आप इस विषय पर अपने विचार, सुझाव और सवाल दिनांक 29, 30 और 31 मार्च, 2022 को दिन में 3 बजे से 4 बजे के बीच फोन करके रिकार्ड करा सकते हैं। फोन नम्बर इस प्रकार हैं। 0771-4003482, 4003483 और 4003484।

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