आम आदमी पार्टी ने हसदेव अरण्य को बचाने किया जंगी प्रदर्शन
रायपुर। हसदेव अरण्य में चल रही पेड़ों की कटाई के विरोध में आज आम आदमी पार्टी छत्तीसगढ़ द्वारा प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी के नेतृत्व में AAP के सैंकड़ो कार्यकर्ताओं के साथ विशाल धरना व जंगी प्रदर्शन करते हुए देश के राष्ट्रपति के नाम माननीय राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उइके को ज्ञापन सौंपा। प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी ने कहा कि भूपेश बघेल प्रदेश कि जनता के साथ छलावा कर रहें हैं। सत्ता पाने के लिए लालायित कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ कि जनता से वादा किया था की अगर कांग्रेस की सरकार आयी तो हसदेव अरण्य को नहीं कटने नही देंगें पर आज भूपेश बघेल उद्योगपति अडानी को फायदा पहुँचाने की खातिर इतने विरोध के बावजूद 27 व 28 सितंबर को पुलिस के बल पर पेड़ों की कटाई करवा रहें हैं। अबतक लगभग 12 हजार पेड़ो की कटाई हो चुकी है जोकि बेहद गंभीर है।
कोमल हुपेंडी ने बताया कि आज ज्ञापन सौंपने के दौरान राज्यपाल महोदय दौरे पर बाहर थी व हमे आश्वाशन दिया गया है कि जल्द ही राज्यपाल से मुलाकात का समय दिया जाएगा एवं साथ ही कहा गया है कि राज्यपाल महोदय के कार्यालय से सोमवार तक पत्र जारी कर हसदेव में पेड़ो की कटाई पर रोक लगाई जाने प्रदेश सरकार को कहा जायेगा । कांग्रेस भाजपा दोनो सिर्फ अदानी अंबानी को लाभ देने वाली पार्टी साबित हो चुकी है, इन्हे आम जनता से कोई मतलब नहीं, क्योंकि इन्हें पता है, आम जनता तो पढ़ा लिखा नही है, उसे क्या समझ में आएगा, बस चुनाव के समय प्रलोभन दे देंगे झूठे वादे कर देंगे, और वोट पा लेंगे, और बारी बारी से राज करेंगे।
साथियों आप सभी को इनके छल कपट को समझना होगा, आज ये अपने लाभ के लिए जंगल कटवा रहें हैं, जबकि कोरोना काल का समय जब आया था तो उस वक़्त सभी को पेड़ो की अहमियत का बखूबी अंदाज हो गया था कि हमे जिंदा रहने में इन पेड़ों का कितना महत्वपूर्ण योगदान है, कल ये आपको आपके घर से बेघर कर देंगे। जब जंगल ही नही रहेगा, तो इंसानों को जो तकलीफ होगा तो होगा ही, बेचारे जानवर जिनका बसेरा वो जंगल है, कहां जायेंगे कभी सोचा है, वे फिर जायेंगे बस्तियों में, और फिर होगा मानव - जानवर द्वंद, और इसकी सजा कौन भुगतेगा,आम जनता भुगतेगा, और बेचारे मासूम अनजान जानवरो के साथ क्या होगा, ये आप अच्छी तरह समझ सकते हैं।
आज भी आप मानव - हांथी द्वंद (टकराव) के बारे में बार बार सुनते होंगे। ये दोनो पार्टी कांग्रेस और भाजपा आदिवासी हितैसी होने का सिर्फ दिखावा करते हैं, क्योंकि सच्चाई ये है की इतना बड़ा जंगल जब कटेगा, तो इस जंगल पर आश्रित जो आदिवासी हैं, उनकी पूरी जिंदगी तहस नहस हो जायेगी।