रामदास अग्रवाल का जीवन सेवा, सद्भाव और कर्तव्य परायणता का अनुपम उदाहरण है। आज के समय में ऐसे लोग विरले ही हैं। जीवनभर लोगों की मदद और सेवा के लिए तत्पर रहने वाले रामदास सहज, सरल और सुहृदय व्यक्तित्व के धनी थे। मृदुभाषी एवं अत्यंत व्यवहार कुशल स्वभाव द्वारा वे लोगों को अपना बना लेते थे। उदारता उनके व्यक्तित्व की विशेषता थी। वे अपने परिजनों एवं प्रसंशकों में सेवा करने के प्रबल संस्कार छोड़ गए हैं। लोग जब उनके पास किसी आकर कोई अपनी समस्या या परेशानी बताते थे तो वे उसका काम बन जाये ऐसा भाव रखकर जी जान से जुट जाते थे। विभिन्न माध्यम सों देशभर से हजारों की संख्या में प्रशंसकों, परिचितों, इष्ट मित्रों, सामाजिक बंधुओं ने उनके निधन पर गहरा शोक व्यक्त कर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए उस विराट व्यक्तित्व के प्रति अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये हैं। उनके अत्यधिक निकट रहने वालों का रामदास जी के प्रति श्रद्धासुमन श्रद्धांजलि का क्रम निरंतर जारी है। रामदास परिवार उन सबके प्रति अपनी कृतज्ञता एवं आभार व्यक्त करता है।
रायगढ़ शहर के दानवीर एवम समाज सेवी रामदास अग्रवाल जी का देहांत 1 नवंबर हो गया। रायपुर के समता कालोनी स्थित रामनाथ भीमसेन भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन गत 8 नवम्बर दिन रविवार को किया गया था। जिसमें राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, भाजपा नेता ओ. पी. चैधरी, विधायक रेणु जोगी, सामाजिक कार्यकर्ता रामजी अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल संगठन और प्रांतीय अग्रवाल संगठन के पदाधिकारी सियाराम अग्रवाल, जयदेव सिंघल, महेन्द्र सकसेरिया, हरिकेशव पालीवाल, मिनुलाल अग्रवाल, विष्णु गोयल, मधुसूदन अग्रवाल, हरिश अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल (राजू), संजय राधेश्यम अग्रवाल, मनोज अग्रवाल दूर्ग, संजय अग्रवाल दूर्ग, पंकज अग्रवाल, संतोष अग्रवाल भिलाई, नवल किशोर अग्रवाल, हनुमान प्रसाद अग्रवाल, ईश्वर प्रसाद अग्रवाल, कैलाश मुरारका, राम अवतार अग्रवाल, कन्हैया अग्रवाल, योगेश अग्रवाल, सुनील अग्रवाल बसना, गोविन्द अग्रवाल, नरेन्द्र राठी, सुनील शर्मा, आनंद सिंघानिया, अरूण सिंघानिया, जितेन्द्र गोयाल, अमित गोयल, सुरेश गोयल, नंदन अग्रवाल व सैकड़ो की संख्या में संगठन के सदस्य, तथा रायपुर सहित प्रदेश के सैकड़ों गणमान्य लोगों ने सजल नयन से रामदास अग्रवाल को भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इस श्रद्धांजलि सभा का मंच संचालन संगठन के महामंत्री अशोक अग्रवाल ने किया। सभा में उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने शोक प्रकट करते हुए रामदास जी के साथ विताए गए पल को याद किया और अपने-अपने उदागार व्यक्त किया। किसी ने उन्हें सम्बधों का सूरमा कहकर याद किया तो किसी ने उनके व्यवहार कुशलता का पुरोधा कहकर याद किया। श्रद्धांजलि सभा में लोगों द्वारा दी जाने वाली श्रद्धांजलि के शब्दों से याद आया कि रामदास जी अपने संबोधन में हमेशा कहा करते थे कि किसी से स्नेह करो तो दिल से, जुबान से नहीं और किसी पर गुस्सा करो तो जुबान से, दिल से नहीं। यही कारण है कि उन्हें आज श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए शहर - शहर शोक सभाओं का आयोजन किया जा रहा है।