छत्तीसगढ़

नेशनल लोक अदालत में कुल 16 हजार प्रकरण हुए निराकृत

Shantanu Roy
12 Feb 2023 9:27 AM GMT
नेशनल लोक अदालत में कुल 16 हजार प्रकरण हुए निराकृत
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दुर्ग। जिला न्यायालय एवं तहसील न्यायालय में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। दुर्ग जिले में जिला न्यायालय दुर्ग, व्यवहार न्यायालय भिलाई-3 एवं व्यवहार न्यायालय पाटन तथा किशोर न्याय बोर्ड, श्रम न्यायालय व स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाऐं) दुर्ग में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत का शुभारंभ मॉ सरस्वती के तैलचित्र पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवल कर प्रातः 10ः30 बजे किया गया। शुभारंभ कार्यक्रम में परिवार न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश नरेन्द्र सिंह चावला, प्रथम अपर जिला न्यायाधीश संजीव कुमार तामक, एवं समस्त न्यायाधीशगण उपस्थित रहे। नेशनल लोक अदालत हेतु कुल 33 खण्डपीठ का गठन किया गया। परिवार न्यायालय दुर्ग हेतु 03 खण्डपीठ जिला न्यायालय दुर्ग हेतु 24 तहसील न्यायालय पाटन हेतु 01 खण्डपीठ, तहसील न्यायालय मिलाई-3 हेतु 02 खण्डपीठ, किशोर न्याय बोर्ड हेतु 01 श्रम न्यायालय हेतु 01 तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाऐं) दुर्ग हेतु 01 खण्डपीठ खण्डपीठ का गठन किया गया। नेशनल लोक अदालत में कुल 3136 न्यायालयीन प्रकरण तथा कुल 12954 प्री-लिटिगेशन प्रकरण निराकृत हुए जिसमें कुल समझौता राशि 10 करोड़ 92 लाख 34 हजार रूपये रहा। निराकृत हुए प्रकरण में 510 दांडिक प्रकरण, क्लेम के 33 प्रकरण, पारिवारिक मामलें, 102 चेक अनादरण 210 के मामले व्यवहार वाद के 35 मामलें, किशोर न्याय बोर्ड के 89 मामले श्रम प्रकरण के कुल 24 मामले तथा स्थायी लोक अदालत (जनोपयोगी सेवाऐं) दुर्ग के कुल 157 मामलें निराकृत हुए।
इस वर्ष के प्रथम नेशनल लोक अदालत में निराकृत प्रकरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रकरण रहे। कुल 33 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों में पक्षकारों को लगभग 2 करोड़ रूपये से अधिक राशि की क्षतिपूर्ति हेतु आदेशित किया गया। भूमि का कब्जा वादी को प्रदान किये जाने प्रस्तुत निस्पादन का निराकरण खण्डपीठ क. 02 पीठासीन अधिकारी श्री संजीव कुमार टामक के खण्डपीठ में पटवारी हल्का नंबर 60ध्04 वर्तमान 58, भिलाई 03 पाटन जिला दुर्ग स्थित खसरा नंबर 426, 447, 448/ 02, 428, 448/04, 479, विक्रय किये जाने के संबंध में उभयपक्ष के मध्य निस्पादित विकय लेख निस्पादन वाद भूमि का कब्जा वादी को प्रदान किये जाने प्रस्तुत उक्त मामले पर उभयपक्षों द्वारा आपसी राजीनामा के आधार पर प्रकरण वापस लिया गया। गुजरात में रहने वाले दो महिला पड़ोसियों द्वारा 11 फरवरी को आयोजित नेशनल लोक अदालत हेतु जारी नोटिस के पालनार्थ आज खण्डपीठ क. 07, पीठासीन अधिकारी श्री संतोष ठाकुर सी. जे. एम. दुर्ग के खण्डपीठ में उपस्थित होकर आपराधिक दर्ज मामले में आपसी सुलह एवं समझौता कर आपसी राजीनामा कर मामला समाप्त किया गया। 04. नेशनल लोक अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुआ प्रकरण में राजीनामा। खण्डपीठ क्र. 08 के पीठासीन अधिकारी ताजुद्दीन आसिफ न्यामजि प्रथम श्रेणी दुर्ग. के खण्डपीठ में अपराध अंतर्गत धारा 294, 506 (2) 323/34 भा. द. विधान में प्रार्थी एवं आहत ने वर्चुअल मोड द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर अभियुक्तगणों से समझौते का निवेदन कर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से व्यक्त किया कि वह टाटा मेमोरियल हास्पिटल जमशेधपुर में है और वह अभियुक्तगणों से समझौता करना चाहता है। उक्त मामले में एक अभियुक्त हैदराबाद से तथा एक अभियुक्त पुणे से आया था। उक्त मामले में वर्चुअल मोड द्वारा समझौता आवेदन स्वीकार कर अभियुक्तगण को राजीनामा के आधार पर दोषमुक्त किया गया।
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