छत्तीसगढ़

रइसजादों और छुटभैया नेताओं का नया सिंडिकेट बना

Nilmani Pal
24 March 2022 5:23 AM GMT
रइसजादों और छुटभैया नेताओं का नया सिंडिकेट बना
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  1. वीआईपी रोड के होटल-रेस्टोरेंट में फिर आबाद हो गया हुक्काबार
  2. छुटभैया नेताओं के संरक्षण पोषित हो रहा अपराध की जड़
  3. राजधानी में नशेड़ी फिर आधी रात को अपराध को देंगे अंजाम
  4. छुटभैया नेता मनमानी पर उतरे, सरकार और पुलिस को दिखा रहे ठेंगा
  5. लगातार पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी नहीं सुधरे हुक्काबार वाले

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। राजधानी में धड़ल्ले से चल रहे हुक्काबारों में ताबड़तोड़ कार्रवाई कर वीआईपी रोड में गाजरघास की तरह फैले हुक्काबारों से मुक्त कर दिया था। मात्र तीन माह तक हुक्काबारियों ने पुलिस की खौफ के चलते कालाधुआं का कारोबार बंद कर रखा। लेकिन फिर अचानक छुटभैया नेताओं और शहर के रइसजादों के हाथ जादुई चिराग हाथ लग गया। दोनों समूहों ने मिलकर एक नया सिंडिकेट बनाकर फिर से वीआईपी रोड में धुएं से कमाई का नया जरिया निकाल लिया। पुलिस प्रशासन की आंख में धूल झोंकने के लिए शहर के नामी गिरामी छुटभैया नेता जो मंत्री बंगले की गणेश परिक्रमा करते देखेजाते है, रइसजादों को विश्वास में लेकर हुक्काबारों में पैसा लगाने के लिए प्रेरित किया। छुटभैया नेताओं ने अपनी कमाई के लिए कई रसइजादों को फंसाकर अपना मतलब निकालने में जुट गए है। छुटभैया नेताओं ने पैसा लगाने वालों को मंत्रियों से अपने संपर्क और शहर में रसूख का जलवा दिखाया, पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से मंत्रियों के रास्ते पहुंच बनाकर रसइजादों को ठगने का खेल शुरू कर दिया है।

वीआईपी रोड में बंद पड़े होटलों और फूड जोन के मालिकों को किराया का लालच दिया। वहां शुद्ध शाकाहारी भोजन और नाश्ता सेंटर चलाने का लाइसेंस दिलाने का झांसा देकर होटल और फूड जोन की चाबी लेकर वहां पर फिर से गुपचप तरीके से हुक्काबार शुरू कर दिया है। अब तो वीआईपी रोड फिर से हुक्काबारों से आबाद होता दिखाई दे रहा है। पिछले कुछ दिनों से हर रोज रात को हुक्का का धुआं वीआईपी रोड को अपने आगोश में ले चुका। शाम होते ही शौकीनों की महफिल वीआईपी रोड में जमने लगती है, जो देर रात तक धमाचौकड़ी मचाते देख सकते है।

एसएमएस-वाट्सऐप और सोशल मीडिया से बना रहे मेंबर

छुटभैया नेताओं और रइसजादों ने मिलकर एक अघोषित क्लब बनाया है जिसके मेंबर बनाने के लिए सोशल मीडिया में जमकर प्रचार-प्रसार कर रहे है। इस अभियान में क्लब से रोज सैकड़ों युवक-युवतियां जुड़कर सिंडिकेट के ठेकेदारों के खाते में आनलाइन मेंबरशिप की फीस जमा करवा रहे है। नए मेंबरों को शाम को पहुंचने का पाइंट भी मेसेस देकर बता रहे है। शहर में वैसे भी नवधनाढ्यों की कमी नहीं है। 12 वीं और कालेज ज्वाइन करने वालों को टारगेट में लेकर उन्हें फंसाने का खेल चल रहा है। अगर अबी से इस पर फिर से अंकुश नहीं लगाया गया तो आगे चलकर शहर को अशांत करने में बड़ी भूमिका निभाएंगे।

राजधानी में फिर बढ़ेंगे अपराध

जैसे-तैसे पुलिस ने अपराध कंट्रोल करने के लिए राजधानी में चल रहे अवैध हुक्काबारों में अंकुश लगाया था। पुलिस की सख्ती और धड़ाधड़ कार्रवाई के चलते अवैध हुक्काबारों के संचालक कुछ दिनों के लिए भूमिगत हो गए थे। लेकिन अब फिर से पुराने फार्म में आ चुके है। जिसके चलते अब पिर से शहर में भयावह स्थिति निर्मित होने में देर नहीं लगेगी। नशे की तडफ़ लगते ही छिनताई और उठाईगिरी, लूट जैसी घटनाएं बढऩे लगेगी। क्योंकि वीआईपी रोड 24 घंटे चलती है,हजारों की संख्या में वाहनों का आवागमन होने के साथ वीआईपी रोड की रिहायशी कालोनी में लाखों की संख्या में लोग निवास करते है। पिछले कुछ सालों में लूट, उठाईगिरी, छिनताई के मामले सबसे ज्यादा वीआईपी रोड में हुए है।

होटल और ढाबा बने अपराधियों के शरणस्थली

वीआईपी रोड में जितने भी होटल और ढाबे में वहां वे सभी अपराधियों की अघोषित शरणस्थली है। बाहरी राज्यों के अपराधी अपराध को अंजाम देकर इन होटलों और ढाबों में फरारी काटते है। पिछले दिनों आउटर के होटलों से दूसरे राज्यों के अपराधियों को पुलिस ने पकड़ा था।

गांजा, शराब, अफीम की तस्करी का कारिडोर बना वीआईपी रोड

उड़ीसा से गांजा लाकर देश के दूसरे राज्यों मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, दिल्ली में खपाने वाले तस्करों के लिए राजधानी का वीआीपी रोड सबसे सुरक्षित ठिकाना बना हुआ है। यहां गांजा, शराब, अफीम व अन्य नशीली दवाई लाकर डंप करते है, फिर यहां से उसे अपने साधनों से दूसरे राज्यों के मौका देखकर तस्करों को सप्लाई करते है। पुलिस ने राज्य के सीमावर्ती क्षेेत्र के नाकों से पिछले एक माह में सैकड़ों क्विंटल गांजा, नशीली दवाई जब्त कर आरोपियों को गिरफ्तार किया जिसमें यूपी, बिहार, महाराष्ट्र और दिल्ली के तस्कर पकड़ाए थे। तस्करों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वो उड़ीसा से गांजा लाकर दूसरे राज्यों में सप्लाई करते है।

पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई के बाद भी नहीं सुधरे

पुलिस नने जनवरी से मार्च तक लगातार तस्करों और हुक्काबारों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई कर नशे के कारोबारियों के हौसले पस्त कर दिए थे। लेकिन फिर धीरे-धीरे वीआईपी रोड में हुक्काबारों की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। जिससे फिर राजधानी में अघोषित अपराध होने का भय मंडराने लगा है।

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