भिलाई। पैगम्बरे इस्लाम हजरत मुहम्मद की यौमे पैदाइश ईद मिलादुन्नबी पर इस बार पिछली बार की तरह भव्य जुलूस नहीं निकलेगा। कोरोना संक्रमण से जुड़े दिशा-निर्देशों के परिपालन में भिलाई नगर मस्जिद ट्रस्ट की पहल पर शहर की तमाम मस्जिद कमेटियों ने यह फैसला लिया है। इस बार सीमित संख्या में पूरी पाबंदी के साथ जुलूस निकलेगा और जामा मस्जिद सेक्टर-6 में परचमे इस्लाम फहराया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण के मद्देनजर शासकीय दिशा-निर्देशों को देखते हुए जश्ने ईद मिलादुन्नबी के आयोजन पर मस्जिद कमेटियों ने खुद ही नियम तय किए हैं। इसके पहले भिलाई नगर मस्जिद ट्रस्ट व दीगर कमेटियों के ओहदेदारों की जिला प्रशासन से दो दौर की बातचीत हुई। जिसमें सभी ने कोरोना से जुड़ा दिशा-निर्देशों के पालन पर सहमति दी। इसके बाद सभी कमेटियों की बैठक अलग से हुई। जिसमें तय किया कि बुजुर्ग व बच्चे इस जुलूस का हिस्सा नहीं होंगे। बेहद नियंत्रित संख्या में रस्म अदायगी के तौर पर 30 अक्टूबर को दोपहर कैम्प-2 मस्जिद से जुलूस निकलेगा जो शाम को सूरज डूबने (मगरिब) से पहले जामा मस्जिद सेक्टर-6 पहुंचेगा। जहां परचमे इस्लाम फहराया जाएगा। मस्जिद कमेटी ने प्रतीकात्मक जुलूस को देखते हुए सेक्टर-6 मस्जिद के बाहर पहले ही सूचना चस्पा कर दी है और पुलिस जवानों की तैनाती के लिए भी प्रशासन से अनुरोध किया है। इस बार मस्जिद के बाहर किसी तरह के लंगर या सबील लगाने की अनुमति नहीं होगी। डीजे पर पूर्ववत प्रतिबंध रहेगा। किसी तरह का कोई इस्तकबालिया या तकरीरी प्रोग्राम भी नहीं होगा। मस्जिदों में जुमा की नमाज के दौरान दोपहर में ही तकरीर होगी। ईद मिलादुन्नबी को देखते हुए शहर की तमाम मस्जिदों में रोशनी की गई है।