छत्तीसगढ़

राज्य सिकल सेल संस्थान के जनसूचना अधिकारी पर लगा 10 हजार जुर्माना

Nilmani Pal
24 Oct 2024 9:06 AM GMT
राज्य सिकल सेल संस्थान के जनसूचना अधिकारी पर लगा 10 हजार जुर्माना
x

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार शुक्ल ने शिकायतकर्ता राजा शर्मा, बिलासपुर द्वारा प्रस्तुत शिकायत प्रकरण क्रमांक C/232/ 2023 में विचारण उपरांत आवेदक को वांछित जानकारी प्रदान नहीं करने का दोषी पाते हुए राज्य सिकल सेल संस्थान के जनसूचना अधिकारी प्रवीण कुमार देवांगन पर आरटीआई एक्ट 2005 की धारा 20 (1) के तहत 10000/- का अर्थदंड निरूपित किया है तथा प्रथम अपीलीय अधिकारी डॉ. आशीष कुमार सिन्हा, डायरेक्टर मेडिकल, सिकल सेल संस्थान को उनसे वसूली कर राशि शासकीय कोष में जमा कर पालन प्रतिवेदन राज्य सूचना आयोग को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए हैं।

शिकायतकर्ता राजा शर्मा, बिलासपुर ने छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध RTI एक्टिविस्ट इंदरचंद सोनी के मार्गदर्शन से 13.06.2022 को सिकल सेल संस्थान छत्तीसगढ़, रायपुर के जनसूचना अधिकारी से उन्हीं के कार्यालय से जारी हुए टेंडर, वर्ष 2022 के संबंध में 6 बिंदुओं में जानकारी चाही थी, परंतु आवेदक को जानबूझकर जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई ।

आवेदक के स्मरण पत्रों के बावजूद भी उसे जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई, और 1 साल तक गुमराह किया जाता रहा। जिससे क्षुब्ध आवेदक ने दिनांक 03 दिसम्बर 2022 को आयोग के समक्ष शिकायत प्रस्तुत की थी । आयोग ने जनसूचना अधिकारी प्रवीण देवांगन को तलब किया, तो उनके द्वारा आयोग को भी गुमराह करने का प्रयत्न किया गया । इसके पश्चात छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयुक्त नरेंद्र कुमार शुक्ल ने जानकारी देने से बचने तथा जानबूझकर असद्भावना युक्त कृत्य का दोषी पाते हुए ₹10000/- के जुर्माने का दंडादेश पारित किया है। उक्त प्रकरण में मूल आवेदन दिनांक 13.06.2022 को जनसूचना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत किए जाने के उपरांत प्रकरण 1 वर्ष से अधिक समय तक लंबित रहा है, जिसमे टेंडर की जानकारियों को जानबूझकर छुपाया जा रहा था । सूचना के अधिकार से जानकारी प्राप्त होने के पश्चात यह भी ज्ञात हुआ है कि उक्त टेंडर की जानकारी जनसूचना अधिकारी प्रवीण देवांगन द्वारा सिर्फ इसलिए नहीं दी जा रही थी, क्यूंकि उक्त जनसूचना अधिकारी स्वयं ही क्रय अधिकारी के प्रभार में कार्य कर रहा है, जिसके द्वारा टेंडर कार्य में एमआरपी से अधिक मूल्य पर दवाईयों की खरीदी किया गया था, स्वयं के द्वारा किये गए भयंकर भ्रष्टाचार उजागर हो जाने के डर से जानकरी प्रदान करने में उनके द्वारा हिल हवाला किया जा रहा था, आवेदक द्वारा ही शिकायत कर टेंडर में अनियमितता का खुलासा करने पर उक्त टेंडर को निरस्त किया गया था। यह जानकारी इंदरचंद सोनी सामाजिक कार्यकर्ता एवं R.T.I. एक्टिविस्ट ने दी है।

Next Story