छत्तीसगढ़

साकार हो रहा एक सपना, मलेरिया मुक्त बस्तर हो अपना

Janta Se Rishta Admin
23 Sep 2021 11:53 AM GMT
साकार हो रहा एक सपना, मलेरिया मुक्त बस्तर हो अपना
x

बस्तर। राज्य के बस्तर जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सघन मलेरिया मुक्त अभियान चलाया जा रहा है। मलेरिया रोग का दंश झेल रहे बस्तर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के दिशा निर्देश में पूरी तरह मलेरिया मुक्त बनाकर निवासियांे को राहत प्रदान करने की दिशा में निरंतर प्रयास किये जा रहे हैं। यूं तो बस्तर मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य एवं वन संसाधनों से परिपूर्ण अपनी सुंदरता के लिए जाना जाता है परंतु स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच खासकर दूरस्थ वनांचल इलााकों में नहीें होने के कारण मलेरिया की समस्या बनी हुई थी परंतु अब शासन की दूरदर्शी योजनाओं के कारण स्वास्थ्य सुविधाएं हर नागरिक तक पहुंच रही है। जिससे इस क्षेत्र में मलेरिया की दर तेजी से घट रही है।

मलेरिया के अभिशाप के कारण यहां के लोग स्वास्थ्य समस्या से लगातार जूझते रहे हैं इसके कारण यहां के लोगों को जनधन की भी क्षति उठानी पड़ी है। राज्य शासन द्वारा पूरे बस्तर जिले को मलेरिया मुक्त करने विशेष रूप से मलेरिया मुक्ति अभियान प्रारंभ किया गया था । बस्तर जिले को मलेरिया मुक्त बनाने के इस अभियान को सफल बनाने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अथक प्रयास किया है। जिले में चल रहे मलेरिया मुक्त अभियान के चारों चरणों के दौरान स्वास्थ्य विभाग के टीम के द्वारा प्रत्येक घरों में पहुंचकर सर्वे कार्य के अलावा मलेरिया के लक्षण वाले मरीजों को चिंन्हित कर उनका मलेरिया जांच तथा पॉजिटिव मरीजों को दवाई आदि वितरण के अलावा मच्छरदानी का वितरण भी किया जाता रहा हैै। बस्तर की जनता को जागरूक करने मलेरिया के रोकथाम के उपायों की जानकारी नुक्कड़ नाटक एवं अन्य माध्यमों से दी जाती रही है। साथ ही उन्हें लगातार आवश्यक मदद भी उपलब्ध कराई जाती रही है। इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों एवं जांच दल के सदस्यों को कई स्थानों पर विशेषकर दरभा एवं लोहंडीगुड़ा विकासखण्ड क्षेत्रों के दुर्गम गांवों में अत्यंत संघर्ष करना पड़ा। बारिश के दिनों में नदी-नालों को पार कर पूरे साजो-सामान के साथ पहुंचना दुष्कर है। मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के सपने को साकार करने के लिए अधिकारी-कर्मचारियों के दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है कि इस अभियान के चारों चरण सफलतापूर्वक संपन्न होने के साथ ही मलेरिया के दर मंे तेजी से गिरावट दर्ज की गई है।

मलेरियामुक्त बस्तर अभियान के तहत संवेदनशील एवं अतिसंवेदनशील क्षेत्रों को चिंन्हित कर प्राथमिकता के आधार पर सिंथेटिक पायरेथ्राईट एवं डीडीटी आदि मच्छररोधी दवाईयों का छिड़काव किया जा रहा है। जिसके फलस्वरूप वर्ष 2020 की तुलना में वर्ष 2021 में सकारात्मक मलेरिया मरीजों की संख्या में 20 प्रतिशत कमी आई है। इस अभियान के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 में प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ चरण जिले के सभी सात विकासखण्डों में सफलतापूर्वक चलाया गया। जिसमें मलेरिया जांच के दौरान प्रत्येक चरणों मे पाजिटिव मरीजों की संख्या की दर में लगातार कमी दिखाई दी है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन सभी मरीजों की इलाज की समुचित व्यवस्था की गई। अभियान के चारो चरणों में जांच के दौरान पॉजिटिविटी रेट प्रथम चरण 2.10 प्रतिशत, द्वितीय चरण में 1.26 प्रतिशत, तृतीय चरण में 0.90 प्रतिशत एवं चतुर्थ चरण में 0.99 प्रतिशत रहा।

मलेरिया के प्रभाव को देखते हुए किलेपाल ,दरभा एवं लोहण्डीगुड़ा विकासखण्ड संक्रमण की दृष्टि से अतिसंवेदनशील खण्डों में शामिल है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा इन तीनों विकासखण्डों को मलेरिया मुक्त बनाने हेतु सभी उपाय सुनिश्चित किए जा रहे हैं। सघन मलेरिया अभियान के फलस्वरूप जिले में मलेरिया के प्रकरणों में भारी कमी आई है।

Next Story
© All Rights Reserved @ 2023 Janta Se Rishta