छत्तीसगढ़

9 लाख का घोटाला: एनजीओ से साठगांठ करने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी

Nilmani Pal
30 March 2023 8:03 AM GMT
9 लाख का घोटाला: एनजीओ से साठगांठ करने वाले अधिकारियों को नोटिस जारी
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खबर का असर

सरगुजा। बतौली विकासखंड के ग्राम पंचायत घोघरा,गोविंदपुर और सलियाडीह के पहाडी कोरवा युवकों को इलेक्ट्रिशियन का प्रशिक्षण देने में गडबडी के मामले में जांच पूरी हो गई है। इसमें यह उजागर हुआ है कि प्रशिक्षण देने में गडबडी की गई। इस पर कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। बतौली विकासखंड में पहाडी कोरवा युवकों को रोजगार से जोडने के लिए आदिवासी विकास विभाग के द्वारा एनजीओ के माध्यम से प्रशिक्षण देना था। लेकिन एनजीओ ने प्रशिक्षण देने के नाम पर खानापूर्ति की। एनजीओ ने घोटाला करते हुए 45 दिन प्रशिक्षण को 1 दिन में कर के 9 लाख 45 हजार रुपये का घोटाला किया।पहाड़ी कोरवाओं को प्रशिक्षण देने के नाम पर जनपद सीईओ बतौली ने एनजीओ को 9.45 लाख का भुगतान कर दिया।जनपद के सीईओ ने किसी भी प्रकार की जांच नही की।

इसका खुलासा आरटीआई से होने के बाद गांव में पहुंचकर जब पहाडी कोरवाओं से बात की गई तो पता चला कि जिन्हें प्रशिक्षण देना बताया जा रहा है उनकी उम्र 60 साल से अधिक है और उनके हाथ कांप रहे हैं।इनमे से एक व्यक्ति 17 वर्ष से जेल में था,एक व्यक्ति की मौत हो चुकी थी।कई बुजुर्ग महिला और पुरुषों को भी शामिल किया गया था। कई इस हाल में नही हैं कि इलेक्ट्रिशियन का प्रशिक्षण ले सकें। पहाडी कोरवाओं का कहना है कि उन्हें एक दिन आंगनबाडी भवन में बैठक की बात कर बुलाया गया था इसके बाद वहां चार लोगों को पाना पेचकस दिया गया।दो समोसा खिलाकर उन्हें भेज दिया गया। लेकिन तब उन्हें नहीं बताया गया था कि यह कोई प्रशिक्षण है। बताया जाता है कि स्थानीय एक मंत्री के पीए के द्वारा एनजीओ की गडबडी पर पर्दा डालने के लिए अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है।

आदिवासी विकास विभाग के सहायक आयुक्त डीपी नागेश ने बताया कि जांच दल में वे भी थे और इस पर पंचनामा बनाया गया, जिसमें पता चला है कि जिस तरह प्रशिक्षण देना था वैसा नहीं दिया गया, इससे ज्यादा नहीं बता सकता। कार्रवाई के लिए जांच रिपोर्ट बनाकर कलेक्टर को भेज दिया गया है। कलेक्टर कुंदन कुमार ने कहा कि इलेक्ट्रिशियन प्रशिक्षण देने में गडबडी पर जांच के आदेश दिए थे, इस पर जांच पूरा हो गया है। इसमें पता चला है कि गडबडी हुई है। इस आधार पर जनपद सीईओ सहित अन्य अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उनके जवाब के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी लेकिन मृतकों को प्रशिक्षण देने की बात सही नहीं पाई गई लेकिन यह बात है कि बुजुर्गो को ट्रेनिंग कैसे दी गई।

(यह प्रश्न उठता है कि जब घोटाला उजागर हो गई है तो कारण बताओ नोटिस क्यों दिया जा रहा है।तत्काल कार्यवाही करते हुए घोटाले में लिप्त अधिकारियों,एनजीओ के संस्थापक और अन्य व्यक्तियों पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करते हुए कार्यवाही करनी चाहिए।)

पहले जनता से रिश्ता ने प्रकाशित की थी ये खबर


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