रायपुर/एमपी। आज सुबह काल की गाल एक और हथिनी के समां जाने से मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में तीन दिन में मरने वाले हाथियों की संख्या नौ हो गयी। इतने हाथियों के मौत की गुत्थी सुलझ नहीं रही है। जंगल में एक हाथी और प्रभावित मिला है और इलाज के बाद जो हथिनी चली जंगल चली गयी थी वह भी खतरे में बताई जा रही है।
टाइगर के लिए विख्यात बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में जंगली हाथियों के मौत का सिलसिला जारी है। 13 हाथी के दल में 9 वां हाथी आज सुबह मर गया। दो और खतरे में बताए जा रहे। मौत के कारण की सुई वनोपज कोदो के खाने पर बार बार अटक जाती है। पता चला है कि सेंपल के लिये 'कोदो' को रख लिया है और बाकी को जला दिया है। मौत का सही कारण पीएम रिपोर्ट से पता लगेगा।
कल मृत हाथियों का मौक़े पर जहां पोस्टमार्टम हो रहा था वहां दल का बचा हाथी जंगल से अपने साथियों का हाल देखने समझने पहुंच जाता तब उसे सायरन बजा कर भगाया जाता।
यह भी पता चला है कि 25 हाथियों का एक दल इस जंगल में और पहुंच गया है। जिस जगह जंगली हाथी मरे हैं वह कोर जॉन में हैं पर टूरिस्ट की जिप्सी रूट से दूर इसलिए सैलानी गतिविधियों में कोई असर नहीं हुआ है।