प्रतिष्ठापूर्ण चुनाव को लेकर गहमागहमी, पहली बार भारी तादात में मुस्लिम समाज के लोग करेंगे मतदान
मतदाताओं को ले कर जनता से रिश्ता ने तीन दिन पहले लगाया था अनुमान, जो सच निकला
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। जामा मस्जिद रायपुर में आगामी कुछ ही दिनों में मुतवल्ली चुनाव होगा। जिसके लिए मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन का काम सोमवार 5 सितम्बर को शाम 6 बजे बंद किया गया जिसमें 8675 मतदाताओं ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा गठित एडहॉक कमेटी के संयोजक सहायक ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शोएब अहमद खान ने बताया कि मतदाताओं का रजिस्ट्रेशन पूर्ण होने के उपरांत एक दो दिन में मतदान स्थल का चयन कमेटी के सदस्यों द्वारा कर लिया जायेगा जिसकी जानकारी समाज के लोगों को दे दी जाएगी। पिछले तीन दिन रजिस्ट्रेशन करने के लिए मतदाताओं की काफी भीड़ थी । इस वजह से मतदाताओं का आधार कार्ड लेकर रजिस्ट्रेशन किया गया जिसमें काफी तादात में मतदाता पर्ची अभी कमेटी के पास है जिन लोगों ने अपना पर्ची नहीं लिए है उनको दो दिन का वक्त दिया गया है। कमेटी के वकील अहमद रिजवी,शेख तनवीर नवाब बाबा भाई,अब्दुल समद, अनवारुल हसन जामा मस्जिद में उपलब्ध रहेंगे और जो लोग अपनी पर्ची नहीं ले गए हैं वे अपना आधार कार्ड दिखाकर पर्ची हासिल कर सकते है। दो दिन बाद बची हुई पर्ची नहीं दी जाएगी। छत्तीसगढ़ राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा शांति पूर्वक चुनाव करवाने की जिम्मेदारी सहायक ट्रांसपोर्ट कमिश्नर शोएब अहमद खान को सौंपी है जिनके साथ आठ से दस लोग भी एडहाक कमेटी में शामिल हैं जिनके देखरेख में जामा मस्जिद का चुनाव सपन्न किया जाना है। सोमवार अंतिम दिन होने के वजह से रजिस्ट्रेशन के लिए काफी भीड़ रही। कमेटी के सदस्यों के अलावा समाज के लोगों ने भी कमेटी के काम में सहयोग किया जिसमें प्रमुख रूप से शहर सीरत कमेटी के पूर्व सदर नोमान अकरम हामिद,मो. नदीम लाईफ, रफीक सिद्दीकी, रिजवान हमजा, मो. फहीम दद्दा,सैयद राजू, रफीक नियाजी सहित काफी लोग मौजूद रहे।
पर्ची लेने दो दिन का वक्त
कमेटी के संयोजक शोएब अहमद खान ने बताया की जिन लोगों की पर्ची बन चुकी है वे दो दिन के भीतर जामा मस्जिद आकर अपना मतदाता पर्ची ले जा सकते हैं। दो दिन बाद कोई विचार नहीं किया जायेगा।
मतदान स्थल का चयन आज
8675 मतदाताओं के द्वारा मुतवल्ली का चुनाव किया जायेगा जिसके लिए पार्किग, सुरक्षा और बड़ी जगह की जरुरत होगी। कमेटी के संयोजक और सदस्य एक दो दिन में उपयुक्त स्थान का चयन करेंगे। संभावित स्थल में नेता जी सुभाष स्टेडियम, गवर्नमेंट स्कूल, सप्रेशाला. मुस्लिम हाल और सालेम स्कूल में से किीस अक एक स्थल का चयन किया जा सकता है। इसके लिए पहले स्कूल प्रबंधन और संबंधित प्रबंधकों से अनुमति ली जाएगी।
4 लोग कर सकते हैं दावेदारी
मुतवल्ली के पद के किये कुल चार दावेदार होने की भी चर्चा है। जिसमे राजातालाब से दो प्रत्याशी, मौदहापारा से एक, रहमानिया चौक से एक प्रत्याशी सहित कुल चार से पांच प्रत्याशी चुनाव में किस्मत आजमा सकते हैं। हालांकि अभी दावेदारों ने आवेदन नहीं दिया है और न ही कमेटी की ओर से किसी भी को फार्म वितरित किया गया है। मुस्लिम समाज की सबसे बड़ी मस्जिद जामा मस्जिद होती है। जो काफी प्रतिष्ठित मानी जाती है। शासन-प्रशासन में भी मुस्लिम समाज की ओर से जामा मस्जिद के मुतवल्ली को समाज के प्रतिनिधि की तरह माने जाते हैं। और समय-समय पर बैठकों में शामिल भी होते हैं। मुतवल्ली बनने के लिए दावेदारों ने अभी से लोगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिए हैं। संभावित दावेदारों ने व्यक्तिगत रूप से वाट्सअप के जरिये मतदाताओं से संपर्क करना भी शुरू कर दिया है।
संयोजक शोएब अहमद खान ने बताया कि स्क्रूटनी के बाद मतदाता सूची जारी कर दी जाएगी। उसके बाद मुतवल्ली हेतु नामांकन भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस बार जमानत राशि 20 हजार रुपए रखा गया है जो वापसी योग्य नहीं है,साथ ही उम्मीदवारों से शपथ पत्र भी लिया जाएगा । नाम वापसी के बाद बचे उम्मीदवारों का बैलेट पेपर तैयार किया जाएगा। चुनाव चिन्ह आवंटित किया जाएगा। चुनाव सर्वसम्मति से हो ऐसा प्रयास किया जाएगा। जिस हिसाब से जामा मस्जिद में वोटरों के रूप में मुस्लिम समाज के लोगों को जोड़ा गया है जिससे यह चुनाव काफी महत्वपूर्ण हो गया है।
सत्ता पक्ष की भी रूचि
लगभग 25 से 30 साल बाद हो रहे जामा मस्जिद का चुनाव काफी प्रतिष्ठापूर्ण माना जा रहा है। समाज के कुछ बुजुर्ग यह भी बता रहे थे कि इस चुनाव में सत्ता पक्ष भी रूचि ले रहा है जिसके लिए बाकायदा एक दावेदार के पक्ष में लोगों की पर्ची भी इकठ्ठा किये जाने की खबर आ रही है,अगर दावेदार मो. फहीम सत्ता पक्ष की पसंद होंगे तो चुनाव निर्विरोध होने की पूरी संभावना है। हालांकि समाजसेवी मो. नदीम से चर्चा करने पर उन्होंने बताया कि कोशिश रहेगी कि यह चुनाव निर्विरोध हो इसके लिए दावेदारों से चर्चा की जाएगी। गौरतलब है पूर्व मुतवल्ली हाजी अब्दुल अज़ीम भोंदू के इन्तेकाल के बाद जामा मस्जिद का चुनाव कराया जा रहा है। प्रत्याशी और वोटरों के रुझान से ऐसा लग रहा है कि चुनाव काफी दिलचस्प होगा।