छत्तीसगढ़

पापुनि में 72 करोड़ का फर्जीवाड़ा, शैलेष ने किया खुलासा

Admin2
17 March 2021 6:15 AM GMT
पापुनि में 72 करोड़ का फर्जीवाड़ा, शैलेष ने किया खुलासा
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पाठ्यपुस्तक निगम के अध्यक्ष शैलेषनितिन त्रिवेदी भाजपा शासनकाल में निगम में हुए भ्रष्टाचार को लगातार सामने ला रहे हैं। इसी क्रम में उन्होंने कैग रिपोर्ट के आधार पर इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है

सक्षम अधिकारी के हस्ताक्षर के बिना राशि आहरण किया गया: कैग रिपोर्ट

रायपुर (जसेरि)। पाठ्य पुस्तक निगम में घोटाले का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। नवनियुक्त अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी पुराने भुगतान को लेकर महालेखाकार से जानकारी ली जिसमें चौकाने वाले तथ्य ने निगम के कान खड़े कर दिए है। चेक में सक्षम अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर बिना राशि आहरण का मामला सामने आया है। शासन वित्त विभाग व्दारा जारी आदेश में राज्य वित्त सेवा अधिकारियों के लिए वित्तीय नियंत्रण एवं उत्तरदायित्व निर्वहन के संदर्भ में विभिन्न निर्देशों में संयुक्त हस्ताक्षर से देयकों के भुगतान का प्रावधान है। पाठ्य पुस्तक निगम के कार्यकारिणी समिति की 61 वीं बैठक में पारित प्रस्ताव अनुसार देयकों के भुगतान संबंधी प्रावधान है जिसमें एक लाख तक महापर्रबंधक के साथ वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के संयुक्त हस्ताक्षर, एक लाख से अधिक भुगतान के लिए प्रबंध संचालक के साथ वरिष्ठ प्रबंध वित्त और प्रबंध संचालक के हस्ताक्षर होना अनिवार्य है। लेकिन निगम के वित्तीय वर्ष 2019-20 के चेक रजिस्टर के परीक्षण में पाया गया कि निकाय में कुछ भुगतानों में उपरोक्त आदेश का पालन न किया जाकर एक लाख तक के चेक में महाप्रबंधक व्दारा अकेले हस्ताक्षर किया जाना पाया गया। एक लाख से अधिक के चेकों में वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के संयुक्त हस्ताक्षर का अभाव पाया गया। चेक रजिस्टर में राशि 72,45,45,779.00 रुपए संलग्न पाया गया। चेक रजिस्टर में 4 अक्टू. 19 से 25 नवं. तक समस्त भुगतानों में नियमों का पालन नहीं किया गया। वहीं 6 दिस. 19 को एक्सिस बैंक के खाता ख्रमांक 917010050941539 में संयुक्त हस्ताक्षर से राशि का आहरण आरंभ हो गया था। उसके बावजूद इसी बैंक खाते से 28 दिस. 2000 को चेक क्रमांक 197310 में वरिष्ठ प्रबंधक वित्त के हस्ताक्षर के स्थान पर महाप्रबंधक के हस्ताक्षर से राशि 8,92,98,821.00 रुपए हस्तांतरण नियम विरूद्ध किए जाने से बैंक से भी स्पष्टीकरण अपेक्षित है। चेक रजिस्टर में एक्सिस बैंक चेक क्रमांक 197301 एवंं 197302 में केवल वरिष्ठ प्रबंधक वित्त का हस्ताक्षर है, प्रबंध संचालक के हस्ताक्षर का अभाव है। सीनियर आडिटर बीके साहू ने उपरोक्त बिंदुओं का परीक्षण किया जाकर उतरदायित्व निर्धारित कर परिणाम से अंकेक्षण को अवगत कराने लिखा है।

पापुनि ने प्रकाशक को किया सवा 8 करोड़ का पेमेंट : फर्जीवाड़े के ऐसे ही एक और मामले में पापुनि ने मेसर्स रामराजा प्रिंटर्स एंड पब्लिशर्स रावांभाठा रायपुर को पहले तो 8 करोड़ 20 लाख 4 हजार 401 रुपए की राशि का भुगतान कर दिया। बाद में ऑडिट में जब यह पता नहीं चला कि किस काम के लिए राशि का भुगतान किया गया, तब प्रकाशक को ही चि_ी लिखकर कार्यादेश की जानकारी मांगी गई है। संबंधित प्रकाशक को चि_ी लिखकर पूछा गया है कि आपके भारतीय स्टेट बैंक के खाता क्रमांक में 2 जनवरी 2020 को 8 करोड़ 20 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। वह किस कार्य का है? पाठ्यपुस्तक निगम ने संबंधित प्रकाशक से अब न सिर्फ इस कार्यादेश की जानकारी मांगी है, बल्कि मुद्रित सामग्री और उसके परिवहन का भी डिटेल मांगा गया है।

साथ ही इस काम के लिए पाठ्यपुस्तक निगम के साथ की गई अनुबंध की प्रति भी उपलब्ध कराने कहा गया है। इतना ही नहीं, प्रकाशक को बिल, वाउचर, सामग्री प्रदान की पावती और चालान की प्रति भी मांगी गई है।

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