सांकेतिक फोटो
नारायणपुर। जिले के दूरस्थ ग्राम पंचायतों में यदाकदा ग्रामीणों की पलायन संबंधी घटनाएं घटित होती रहती हैं, जिसमें तथाकथित ग्राम के दलाल किस्म के व्यक्तियों द्वारा ग्रामीणों को अधिक मजदूरी का प्रलोभन देकर अन्यत्र प्रदेशों में भेजा जाता रहा है। परन्तु कटु सत्य तो यह है, कि इन भुक्तभोगी श्रमिकों को वहां रहने, खाने से लेकर मेहनताने प्राप्त करने में नानाप्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
श्रम विभाग द्वारा प्राप्त जानकारी अनुसार जिले के 6 श्रमिक जिनमें रूपसाय ग्राम कोरेण्डा, राजू आमगांव (कोण्डागावं), सनाय एवं रजाय ग्राम कोरेण्डा, मनबती ग्राम जातुरबेड़ा, मनदई ग्राम तातरी (कोण्डागावं) को तमिलनाडू राज्य के सेलम जिले स्थित विभिन्न स्थान कृष्णनगरी, मनीपाल में ले जाया गया था। ग्राम के शिकायतकर्ता कोटवार पनकुराम एवं अन्य ग्रामीण सुकलू राम और बाजूराम द्वारा इस संबंध में सूचना दी गयी थी। जिस पर त्वरित कार्यवाही करते हुए कलेक्टर ऋतुराज रघुवंशी के मार्गदर्शन में सेलम जिला के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर इन श्रमिकों छुड़वाया। साथ ही इन मजदूरों की बकाया मजदूरी भी संबंधित से वसूल की गयी। श्रमिकों ने बताया कि उन्हें ईट भट्टी में काम करने के लिए ले जाया गया था। परन्तु घर वापस जाने पर वहां के मालिकों द्वारा आनाकानी की जा रही थी। नारायणपुर पहुंचने पर अधिकारियों ने इन श्रमिकों को समझाईश देते हुए कहा कि जिले में ही अनेक प्रकार के रोजगारमूलक कार्य संचालित है। आप सभी यहीं रहकर आसानी से जीवन यापन कर सकते हैं। इस प्रकार के अधिक मजदूरी के लालच में आकर कहीं और न जायें। इस कार्य में डिप्टी कलेक्टर एवं प्रभारी अधिकारी श्रम शाखा श्री सुमित गर्ग, श्रम निरीक्षण आर.आर. धलेन्द्र, मुकेश कुमार कोर्राम का विशेष योगदान रहा।