स्वर्गीय प्रकाश चंद्र सेठी 8वें मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश और पंडित गुलाम अली फरिश्ता की 50 साल पुरानी फोटो
रायपुर। अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर स्वर्गीय प्रकाश चंद्र सेठी मुख्यमंत्री को आज 50 साल पूरे हुए पुराने जमाने के सबसे कठिन दौर में कांग्रेस के संकटमोचक के रूप में प्रकाश चंद सेठी का नाम लिया जाता है. इंदिरा गांधी के राजनीतिक काल में सबसे महत्वपूर्ण किरदार निभाने वाले प्रकाश चंद सेठी अविभाजित मध्यप्रदेश के आठवें मुख्यमंत्री बने थे. वे दो बार मुख्यमंत्री बने उज्जैन से ताल्लुक रखने वाले विधायक प्रकाश चंद्र सेठी 29 जनवरी 1972 को प्रथम बार मुख्यमंत्री बने, दूसरी बार 23 मार्च 1972 को मुख्यमंत्री बने जिनका कार्यकाल 23 दिसंबर 1975 तक रहा.
प्रकाश चंद्र सेठी के सबसे विश्वसनीय सलाहकार के रूप में पंडित गुलाम अली फरिश्ता को याद किया जाता है पंडित गुलाम अली फरिश्ता का स्वर्गवास 4 फरवरी 1977 को हुआ था. प्रकाश चंद्र सेठी की दोस्ती समय की सबसे चर्चित दोस्तों में से एक थी. गौरतलब है कि जनता से रिश्ता अखबार के प्रबंध संपादक पप्पू फरिश्ता के पिता स्वर्गीय पंडित गुलाम अली फरिश्ता स्वर्गीय पंडित प्रकाश चंद सेठी के मुख्यमंत्री काल में ही सबसे ज्यादा चर्चित और दोस्ती निभाने वाले नेताओं में से एक थे. उसी दरमियान पंडित प्रकाश चंद सेठी ने स्वर्गीय गुलाम अली फरिश्ता को पंडित की उपाधि से नवाजा था.
फोटो में स्वर्गीय पंडित प्रकाश चंद्र सेठी तत्कालीन मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश तथा स्वर्गीय पंडित गुलाम अली फरिश्ता और रायपुर शहर के कलेक्टर DG भावे 1972 की तस्वीर आपके लिए प्रस्तुत।
फोटो में स्वर्गीय स्वर्गीय पंडित प्रकाश चंद्र सेठी तत्कालीन मुख्यमंत्री मध्य प्रदेश तथा स्वर्गीय पंडित गुलाम अली फरिश्ता और रायपुर शहर के कलेक्टर DG भावे 1972 की तस्वीर रायपुर प्रवास के दौरान की दिखाई दे रहे हैं. गौरतलब है कि प्रकाश चंद सेठी केंद्र में भी इंदिरा गांधी जी के प्रधानमंत्री काल में मंत्री रहे होम और डिफेंस मिनिस्ट्री का पदभार भी संभाला था. स्वर्गीय पंडित प्रकाश चंद सेठी के मुख्यमंत्री काल में ही चंबल के डाकुओं ने हथियार डाला था. यह उनके कैरियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है.