छत्तीसगढ़

यूट्यूबर पर 50 लोगों ने किया हमला, चर्चित हसदेव की घटना

Nilmani Pal
2 Sep 2024 6:07 AM GMT
यूट्यूबर पर 50 लोगों ने किया हमला, चर्चित हसदेव की घटना
x
छग

बिलासपुर Bilaspur। सुपरिचित ट्रैवल यूट्यूबर दीपक पटेल (डीके 808) के साथ हसदेव के जंगल में माब लिंचिंग जैसी घटना होते रह गई। 50-60 लोगों की भीड़ ने उन्हें लगभग एक घंटे तक बंधक बनाए रखा, उनका कैमरा और मोबाइल फोन छीन लिया और पिछले दो महीनों में शूट किए गए सभी डेटा को डिलीट कर दिया। भीड़ मारपीट पर उतारू थी, लेकिन एक परिचित अधिकारी की मदद से पटेल वहां से बचकर निकलने में सफल हुए। youtuber dipak patel

दीपक पटेल ने इस घटना के बारे में जानकारी दी और उन्होंने बताया कि वे पिछले दो महीनों से छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों की यात्रा कर रहे थे। जशपुर में कृष्ण जन्माष्टमी का दही हांडी कवर करने के बाद वे मैनपाट में दो दिन रुके और फिर बिलासपुर लौट रहे थे। लौटते समय, वे हरिहरपुर गांव पहुंचे, जहां घाटबर्रा, हरिहरपुर, और आसपास के ग्रामीण कोयला खदान के लिए की जा रही कटाई के खिलाफ विरोध कर रहे थे। उनके साथ गरियाबंद की एक यूट्यूबर और राजनांदगांव का एक ब्लॉगर भी था। कुछ देर तक वीडियो शूट करने के बाद अचानक 50-60 लोगों की भीड़ कई गाड़ियों में वहां पहुंच गई। उन्हें घेर लिया गया, जिनमें कुछ ने खुद को अडानी कंपनी का कर्मचारी और कुछ ने अपने को स्थानीय ग्रामीण बताया। उनके साथ पुलिस के कुछ जवान भी थे, जिनमें एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल थे। भीड़ ने उनका कैमरा और मोबाइल फोन छीनकर, उन पर सवालों की बौछार कर दी, जैसे - "कहां से आए हो?" "बाहरी लोगों का आना मना है," "बिना परमिशन क्यों आए हो?" "खदान एरिया में क्यों घुसे?" और "एफआईआर दर्ज कराएंगे।"

पटेल ने बताया कि उन्होंने भीड़ को समझाने की कोशिश की कि वे छत्तीसगढ़ के ही हैं और केवल आंदोलन को कवर करने आए हैं। उन्होंने कहा कि खदान या पेड़ों की कटाई की तरफ वे गए ही नहीं थे। इसके बावजूद, भीड़ ने उनके फोन और कैमरे का सारा डेटा डिलीट करने का दबाव बनाया। पटेल ने कहा कि इसमें उनके पारिवारिक वीडियो भी थे और दो महीनों की मेहनत के वीडियो भी। उन्होंने केवल ताज़ा शूटिंग को डिलीट करने का अनुरोध किया, लेकिन भीड़ ने उनकी बात नहीं मानी और सारा डेटा डिलीट कर दिया। पुलिस इस दौरान चुपचाप खड़ी रही।

पटेल ने बताया कि भीड़ ने डेटा डिलीट करने के बाद उनका मोबाइल फोन तो लौटा दिया, लेकिन कैमरा वापस नहीं किया। तब पटेल ने इलाके में तैनात एक परिचित तहसीलदार से संपर्क किया। तहसीलदार मौके पर पहुंचे और कैमरा वापस कराया। इसके बाद पटेल किसी तरह वहां से बचकर निकले।

Next Story