रायगढ़। राहगीरों की प्यास बुझाने नगर निगम सीमा क्षेत्र में आधा दर्जन वाटर एटीएम स्थापित किए गए थे, वर्तमान में सभी बंद पड़े हैं। रायगढ नगर निगम ने लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए शहर में पांच जगहों पर 50 लाख रुपए की लागत से वाटर एटीएम लगाया था। लेकिन साल भर चलने के बाद ही शहर के सारे एटीएम बंद पड़े हुए हैं। एटीएम मशीन इस्टाल करने वाली कंपनी ने भी मेंटेनेंस चार्ज नही मिलने पर मेंटेनेंस से हाथ खींच लिया है। ऐसे में लाखों रुपए की मशीनें कबाड़ हो रही हैं। इधर अव्यवस्था के लिए भाजपा शहर सरकार को दोषी ठहरा रही है।
दरअसल पूर्ववर्ती सरकार में रायगढ सहित प्रदेश भर के नगरीय निकायों और नगर पंचायतों में वाटर एटीएम मशीनें लगाई गई थीं। रायगढ में भी नगर निगम ने पांच स्थानों पर मशीन लगाने के नाम पर 50 लाख रुपए खर्च किए थे। मेसर्स यूरो केयर इंटरप्राइजेस नामक कंपनी को एटीएम मशीनें इंस्टाल करने और रखरखाव का ठेका दिया गया था। लेकिन शुरु के दो साल तो मशीनों का मेंटेनेंस कंपनी ने किया, लेकिन उसके बाद निगम से राशि नहीं मिलने से एजेंसी ने मेंटेनेंस से हाथ खींच लिया।
अब आलम ये है कि पिछले दो सालों से शहर की सभी वाटर एटीएम मशीनें बंद पड़ी हैं। बता दें कि लंबे समय तक मशीन बंद होने की वजह से अब मशीनों के मेंटेनेंस पर 15 लाख से अधिक का खर्च है। नगर निगम फंड नहीं होने का हवाला देते हुए मेंटेनेंस बंद कर दिया है। ऐसे मे मशीनें पड़े पड़े कबाड में तब्दील हो रही हैं।