50 लाख का फ्लैट 20 लाख में, फिर भी नहीं मिल रहे खरीदार...
- कोरोना महामारी की चपेट के बाद युद्ध ने प्रापर्टी के धंधे को कर दिया तबाह
- राजधानी में प्रापर्टी के दाम औंधे मुंह गिरे, सरकारी और निजी क्षेत्र की प्रापर्टी का लेवाल नहीं
- बैंकाक-पटाया, सिंगापुर की टिकट, सोने का सिक्का, प्रापर्टी मेला पार्टी में भी लोगों ने नहीं दिखाई रूचि
- लागत मूल्य से 30-40 प्रतिशत कम रेट में भी बिल्डर प्रापर्टी बेचने को तैयार
- भारी-भरकम नुकसान से बचने सेलआउट करने प्रापर्टी बेचने बिल्डरों ने भी गिराए दाम
- लेवालों और निवेशकों ने प्रापर्टी में निवेश करने से हाथ खींचा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। बिल्डर और प्रापर्टी ब्रोकर पिछले दो साल से मंद पड़े कारोबार में तेजी लाने के लिए छटपटा रहे है। प्रापर्टी बेचने के लिए बिल्डरों ने बैंकाक-पटाया, सिंगापुर ट्रिप की टिकट, लागत मूल्य से 30-40 प्रतिशत कम रेट में बेचने के आफर देनने के बाद भी लेवाली में अब तक कोई हलचल दिखाई नहीं दे रही है। जिसे बिल्डर हलाकान है। अपनी प्रापर्टी को बेचकर बैंक कर्ज चुकाने औने -पौने दाम में भी बेचने को तैयार होने के बाद भी खरीदारों ने कोई रूचि नहीं दिखा रहे है। पिछले तीन माह से कोरोना की रफ्तार कम होते ही बिल्डरों ने प्रदेश भर में प्रापर्टी मेला लगाया, तरह तरह के आकर्षक इनाम और विदेश यात्रा के टिकट देने की भी योजना लांच किया लेकिन प्रापर्टी खरीदने वालों का रूझान सामने नहीं आ रहा है। राजधानी के बिल्डरों ने तो अपने बहुमंजिला भवन और इंटीज्युअल बंगलों को बेचने के लिए इतना रेट गिरा दिया है कि जिसकी कल्पना तक नहीं कर सकते। उसके बाद भी प्रापर्टी में कोई उठाव नजर नहीं आ रहा है। अचानक प्रापर्टी के क्षेत्र में आई गिरावट राजधानी के बड़े से बड़े और छोटे बिल्डर हताश है। उन्हें समझ नहीं आ रहा है कि धंधे में और किस तरह की योजना का समावेश किया जाए जिससे प्रापर्टी की खरीदी-बिक्री के धंधे में तेजी आए। प्रदेश सहित राजधानी में कोरोना काल के दो साल में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ तो बिल्डरों को हुआ। कोरोना संक्रमण कम होते ही फिर से धंधे को पटरी पर लाने की योजना को मूर्त रूप देने की सोच रहे थे कि रूस-यूक्रेन के युद्ध ने फिर प्रापर्टी को कारोबार को गर्त में धकेल दिया है। बैंकों के कर्ज चुकाने और प्रापर्टी को गिरे से गिरे भाव में सेलआउट करने की योजना तो लांच किया लेकिन जरूरतमंद लोगों ने भी मकान-दुकान, डुप्लेक्स, फ्लेट की खरीदी में आगे नहीं आने से योजना ध्वस्त हो गई।
पुराने नामी गिरामी बिल्डर ने घटाए 40 फीसदी दाम
खबर है कि जमीन और बिल्डर का कारोबार करने वाले पुराने और नामचीन बिल्डरों ने अपने बढ़ते कर्ज को कम करने के लिए अपनी प्रापर्टी के दाम 40 फीसदी तक कम कर दिए है। लगातार दो साल तक बैंक का कर्जा नहीं चुकाने से भारी भरकम कर्ज और ब्याज चढ़ ने बैंकों ने तगादा करना शुरू कर दिया है। कुछ बिल्डरों को दस्तावेज बैंकों में माडगेज है, जिसके कारण कुर्की के डर से भी प्रापर्टी के दाम घटाकर बेचने के लिए तैयार है। लगातार विज्ञापनबाजी करने के बाद भी प्रापर्टी में अब तक कोई उठाव बिल्डरों को नजर नहीं आ रहा है।
नए नवेले बिल्डरों ने पुरानों को हासिए पर धकेलने की रची साजिश
नए बिल्डरों ने उपभोक्ताओं को आकर्षित करने के लिए तरहृ-तरह के आकर्षक योजना बंपर ड्रा, विदेश जाने की टिकट, 6 माह की किश्त फ्री, टोकन मनी के साथ पजेशन, होटलों में रंगीन पाटियों के आयोजन कर बड़े बिल्डरों को पीछे हासिए पर धकेल दिया है। नए नवेलों बिल्डरों ने एक समूह बनाकर पुराने और नीमचीन बिल्डरों को परेशान करने के लिए लोगों को पुरानी प्रापर्टी खरीदने के बजाय नए लांचिंग हो रहे प्रोजेक्ट में बुलाकर पूरे परिवार को पार्टी देकर ग्राहकी जमा रहे है। वहीं नए बिल्डरों ने नामी गिरामी बिल्डरों से कम रेट पर मकान-दुकान-फ्लैट, डुप्लेक्स देने की गारंटी के साथ 6 माह तक किराया मुफ्त देने का आफर दे रहे है।
पजेशन के नाम पर वसूली
राजधानी के बिल्डरों ने मंदी से उबरने के लिए 31 और 51 हजार में पजेशन देने के साथ अनकम्प्लिट प्रोजेक्ट में पजेसन देने तक अधिकतम 6 माह तक किराया मुफ्त बिल्डर की तरफ से दिया जाएगा। यानी आपको 6 माह तक किश्त नहीं चुकाना है। यह बिल्डर ही देगा। इस तरह बिल्डरों ने नए तरकीब निकाल कर लोगों का पैसा अपने खाते में डलवा रहे है ताकि कर्ज की अदायगी हो सके।
प्लाट के दाम घटाए
राजधानी के आउटर में बिल्डरों ने थोक में सैकड़ों एकड़ आज से 20 साल पहले खरीद ली थी, जिस पर अब परोजेक्ट शुरू करने के साथ प्लाट की बिक्री के लिए दाम घटाने का एसएमएस और वाट्सएप से मेसेस कर रहे है। राजधानी रायपुर में पूरे 70 वार्डो में मुख्य मार्ग की जमीन 3-4 हजार स्क्वेयक फीट के भाव चल रहे है वहीं नरदहा, मुगहन, छछानपैरी, गुमा में नया रायपुर में 7-8 सौ रुपए स्क्वेयर फीट जमीन बेचने का प्रोपोगंडा कर रहे है। मार्केटिंग मैनेजमेंट का पंडा अपना कर रोज लाखों उपभोक्ताओं को फोन पर फोन कर स्पाट विजिट के लिए आमंत्रित कर रहे है।
जिन लोगों ने पहले प्रापर्टी खरीदी उनकी शिकायतों पर नहीं दे रहे ध्यान
कोरोनाकाल से पहले जिन लोगों ने प्रापर्टी खरीदी ुन बहुमंजिला प्रोजेक्टों में दो-दो साल से मेंटनेंस नहीं हुआ है। कई ने तो भरोशर के हिसाब से प्लट बनाकर नहीं देने और कुछ ने तो अब तक पजेशन नहीं देने की शिकायत रेरा से भी की है जिस पर रेरा ने कार्रवाई कर 15-20 बिल्डरों को नोटिस जारी कर मेंटनेंस के साथ ब्रोशर अनुसार सुविधा और जिन्हें पजेशन नहीं दिया उन्हें पजेशन देने का आदेश दिया है।
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