छत्तीसगढ़

कृति कोविड केयर सेंटर में 12 दिनों में ही 45 मरीजों ने जीती कोरोना से जंग

Admin2
3 May 2021 6:24 AM GMT
कृति कोविड केयर सेंटर में 12 दिनों में ही 45 मरीजों ने जीती कोरोना से जंग
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जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। काईट कॉलेज नरदहा रायपुर में कृति कोविड सेंटर (नि:शुल्क) को प्रारंभ हुए आज 12 दिन हो गए हैं द्य 20 अप्रैल से कोरोना मरीजों को लेना शुरू कर दिया गया है। जिसमें अभी तक 150 मरीजों की भर्ती हो गए है। यह सेंटर मानवता चैरिटेबल एंड वेलफेयर ट्रस्ट, अग्रवाल समाज, भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ, तेरापंथ प्रोफेशनल समाज, सेवा भारती एवं सर्व समाज के सहयोग से संचालित किया जा रहा है । डॉ. कमलेश अग्रवाल, डॉ. अखिलेश दुबे, डॉ जे.पी. शर्मा, एवं डॉ. शैलेष खंडेलवाल, डॉ अशोक त्रिपाठी, डॉ. अंकित खंडेलवाल के नेतृत्व मे 10 डॉकटरों की टीम लगातार मरीजों की देखरेख कर रही हैं । डॉ. गंभीर सिंह, डॉ. विकास अग्रवाल, डॉ. गिरीश अग्रवाल, डॉ. ऋषि अग्रवाल, डॉ. सुरेंद्र शुक्ला, डॉ. अजय अग्रवाल, डॉ. नितिन जैन, डॉ. शुभकीर्ती अग्रवाल, डॉ. तन्मय अग्रवाल, डॉ. नेहा खेतान, अपनी सेवाए दें रहें है। सी.एम.एच.ओ. डॉ. मीरा बघेल एवं स्मार्ट सिटी कमिश्नर सौरभ कुमार ने सेंटर का निरीक्षण किया एवं शासन की तरफ से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया हैं। इसके अलावा कृति कोविड केयर सेंटर में 5 ड्यूटी डॉक्टर, 25 नर्सिंग स्टाफ के साथ पर्याप्त सफाई कर्मचारी एवं वार्ड बॉय की व्यवस्था की गई है। यहां कुल 200 बेड है, जिसमें 60 ऑक्सीजन बेड हैं, ऑक्सीजन देने के लिए पृथक से ऑक्सीजन पाइप लाइन लगाई गई है और 20 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर मशीनों की सुविधा उपलब्ध है। इस सेंटर में शीघ्र ही अत्याधुनिक कांटेक्टलेस रिमोट पेशेंट मॉनिटरिंग सिस्टम लगाया जा रहा है, जिससे मरीजों की सतत निगरानी और आपात स्थिति में मैनेजमेंट करने में मदद मिलेगी। यह सिस्टम डोज़ी कंपनी द्वारा लगाया जा रहा हैं। भर्ती के समय ही तत्काल मरीज़ के सभी आवश्यक जाँच की जाती है। ऑक्सिजन की कमी होने पे, ऑक्सिजन बेड पे रखा जाता है। उसके बाद चिकित्सकों की सलाह से आवश्यक दवाएँ, इंजेक्शन और ऑक्सिजन की मात्रा तय करके मरीज़ को 5 मीनट के अंदर दी जाती है। वो मरीज़ जिनको ऑक्सिजन की आवश्यकता नहीं है उनको दवाओं का पैकेट (जिसमें खुराक की विस्तरित जानकारी दी जाती है) प्रदान किया जाता है। सभी मरीज़ों का परीक्षण (पल्स, बीपी, ऑक्सिजन सैचरेशन , टेम्प्रेचर) नर्सिंग स्टाफ़ और डॉक्टर द्वारा प्रति 4-4 घंटे में किया जाता है। ऑक्सिजन वाले मरीज़ों की जाँच और ऑक्सिजन सैचरेशन की मॉनिटरिंग प्रती घंटे की जाती है। ऑक्सिजन वाले मरीज़ों को लगातार देखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है जो नर्सिंग स्टेशन और कंट्रोल रूम में देखा जाता है।

मरीजों के लिए भांप की मशीन और नेबुलाइस करने और बुडामेत इन्हेलर के पूरी व्यवस्था है। अगर मरीज़ की स्तिथि गम्भीर हो जाती है, तो तत्काल हमारे ऐम्ब्युलन्स द्वारा उन्हें वेंटिलेटर वाले हॉस्पिटल में शिफ़्ट किया जाता है। प्रतिदिन शाम को प्रबंधकों ऐवम वरिश्ट चिकित्सकों की बैठक होती है जिसने समीक्षा , आगे की प्लानिंग , स्टाफ की ट्रेनिंग के बारे में विचार किया जाता है। इसके अलावा काउन्सिलर की एक टीम लगातार चर्चा करके उनका मनोबल बढ़ाती है। शहर के अनेक वरिश्ट चिकित्सक मरीज़ों की ऑनलाइन क्लास लेकर रोज़ सुबह शाम सलाह देते है। इसके अलावा मरीज़ों के मोबाइल पर सीधे बात करके उनकी समस्या का निराकरण करते है। मरीज़ों के मनोरंजन के लिए लूडो, कैरम, आन्स्क्रीन पिक्चर, धार्मिक कार्यक्रम, योगा आदी की व्यवस्था है। सेंटर में मरीजों को पौष्टिक भोजन उपलब्ध करने के लिए एक अलग टीम है जो दिन में 2 बार भोजन, 2 बार नाश्ता, दूध, काढ़ा, और फल इत्यादि पहुचाने का काम करती है। दिन में 2 से 3 बार पूरे सेंटर की सफाई करने के लिए एक अलग टीम लगायी गयी है। किसी भी ज़रूरत के लिए यह टीम मौके पे हमेशा उपलब्ध होती है। इस सारी व्यवस्था में अग्रवाल समाज की ओर से विजय अग्रवाल, मनमोहन अग्रवाल, अशोक अग्रवाल, सुभाष अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, सुमित श्रीवास्तव, चिमनलाल अग्रवाल, रजत जैन, आकाश लूथरा, शैलेश अग्रवाल, दिव्यम अग्रवाल, आदित्य अग्रवाल; काइट कॉलेज के स्टाफ से नीरज देशमुख, अरविन्द यादव एवं अन्य कई लोग लगे हुए हैं । कृति कोविड केयर सेंटर में आज 45 पेशेंट स्वस्थ होकर डिस्चार्जकर दिए गए हैं। यहां ऐसे गंभीर पेशेंट जिनका ऑक्सीजन सैचुरेशन 60 से नीचे चला गया था उनको भी ङ्कद्गठ्ठह्लद्ब क्कद्गद्गश्च हाई फ्लो ऑक्सीजन मास्क की मदद से मरीज का ऑक्सीजन फ्लो बढ़ाकर स्वस्थ किया जा रहा हैं. कोविड सेन्टर में लगातार ऐसे मरीजों को भी लेटेस्ट ऑक्सीजन डिवाइस ङ्कद्गठ्ठह्लद्ब क्कद्गद्गश्च हाई फ्लो ऑक्सीजन मास्क की मदद से नि:शुल्क इलाज देकर स्वास्थ्य किया जा रहा है, जो बड़े अस्पतालों में वेंटीलेटर पर थे तथा प्राइवेट हॉस्पिटल के भारी भरकम फीस देने में अक्षम थे। कुछ ऐसे गंभीर (ष्टह्म्द्बह्लद्बष्ड्डद्य) मरीजों को भी जिन्हे रात्रि में किसी भी अस्पताल में कोई जगह नहीं मिला तथा ऑक्सीजन सैचुरेशन लगातार डाउन होता जा रहा था, को भी रात्रि 2 बजे, रात्रि 4 बजे तक एडमिट कर मरीजों को स्टेबल किया जा रहा है। भर्ती समझदार मरीजो को अन्य मरीज़ों की सेवा के लिए ट्रेनिंग देकर वोलेंटियर (1शद्यह्वठ्ठह्लद्गद्गह्म्) बना दिया गया है जो बाक़ी मेरीजो का सहयोग करते है। जल्द ही हम इस सेंटर में 100 ऑक्सीजन बेड की सुविधा उपलब्ध कराएंगे। इस पुनीत कार्य में सभी समाज का सहयोग प्राप्त हो रहा हैं।

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