Chhattisgarh में डॉक्टर बनने की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए राज्य सरकार अब 4 नए Medical College शुरू करने की तैयारी कर रही हैं। जानकारी के अनुसार यह सभी मेडिकल कॉलेज अगले 4 सालों के भीतर शुरू किए जाएंगे। लेकिन मेडिकल कॉलेज शुरू करने आवश्यक तकनीकी मापदण्ड पर राहत देने के लिए राज्य सरकार ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय एवं मानव संसाधन मंत्रालय और नेशनल मेडिकल काउंसिल से पत्राचार किया है।
दरअसल केंद्रीय स्वास्थ्य शिक्षा मंत्रालय के अनुसार मेडिकल कॉलेज शुरू करने के लिए जिले की आबादी 10 लाख या उससे अधिक होनी चाहिए है। यह क्राइटेरिया केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा तय किया गई। इस मामले में छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री टीएस सिंह देव का कहना है कि पूर्व में यूपीए सरकार ने नीति बनाई थी, कि देश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोले जाने चाहिए। जिससे देश के अस्पतालों में डॉक्टरों कमी को पूरा करते हुए स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर किया जा सके।
केंद्र सरकार के जनसंख्या मापदण्ड के अनुसार छत्तीसगढ़ के बहुत से ज़िलों में 10 लाख की आबादी नहीं है। क्योंकि नए जिलों के गठन के बाद प्रदेश के अधिकतर जिले जनसंख्या की दृष्टिकोण से सामान नहीं है। इसके साथ ही कई जिलों की जनसंख्या 10 लाख से कम है। लगभग 2 करोड़ 70 लाख की आबादी वाले छत्तीसगढ़ में 33 जिले हैं। अब राज्य सरकार ने इसके लिए जिला विभाजन को ध्यान रखते हुए केंद्र सरकार से आबादी की क्राइटेरिया में कुछ राहत देने का आग्रह किया है। इसके साथ ही दो छोटे जिलों के बीच एक मेडिकल कॉलेज की स्थापना की मांग की गई है।
दरअसल छत्तीसगढ़ के चार जिलों में मेडिकल कॉलेज शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जिनमें से कवर्धा ने नए मेडिकल कॉलेज की घोषणा, भेंट मुलाकात के दौरान सीएम भूपेश बघेल ने कर दी है। इसके अलावा जांजगीर चांपा, दंतेवाड़ा, मनेंद्रगढ़ जिले में मेडिकल कॉलेज प्रस्तावित हैं। यह सभी मेडिकल कॉलेज अगले 4 सालों के भीतर शुरू किए जाएंगे। इनमें मनेंद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव तत्कालीन रसायन राज्यमंत्री चरणदास महंत ने यूपीए सरकार के दौरान भेजा गया था।