छत्तीसगढ़। आदिवासी विकास विभाग द्वारा दुर्ग शहर में संचालित हास्टल में रहते हुए पढ़ाई कर चार छात्राएं असिस्टेंट प्रोफेसर परीक्षा में चयनित हुईं है। इन्होंने भूगोल, रसायन और वनस्पति शास्त्र जैसे विषयों में यह सफलता प्राप्त की है। इन छात्राओं ने बातचीत में बताया कि हम लोग ऐसे दूरस्थ गाँवों में रह रहीं थीं जहाँ हमने प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में सुना भी नहीं था। शासकीय सेवा का मतलब हमारे लिए केवल स्कूलों में शिक्षिका बनने तक था जब हम लोग आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित हास्टल में आईं तो यहाँ पर करियर को लेकर बहुत से व्याख्यान सुने। हमें लगा कि हमारे लिए संभावनाओं का अनंत आकाश खुला है। हम सब अपने-अपने घर से यहाँ पढ़ने आई थीं तो लगता था कि घर से इतनी दूर रह रही हैं तो कुछ सार्थक करना चाहिए। हमने ग्रूप डिस्कशन किया, अपनी अधीक्षिका श्रीमती अंजलि बांधे से कहा कि हमें करियर के संबंध में नियमित मार्गदर्शन चाहिए, उन्होंने इसकी पूरी व्यवस्था की और हम सबका सपना साकार हो गया। यह बातें सहायक प्रध्यापक में चयन होेने पर ग्राम पेण्ड्री (बालोद) की धनवंत्री, ग्राम जेवरतला (बालोद) की भावना कंवर, ग्राम कोटेगांव (गुण्डरदेही) की रंजीता ठाकुर, ग्राम बड़भूम (बालोद) की यामिनी कुंजाम ने कही। उन्होंने बताया कि हास्टल में तैयारी करने वाली छात्राओं का सुंदर सा ग्रूप बना। किसी ने प्रशासनिक सेवाओं के लिए पीएससी की तैयारी की। कोई बैंकिंग की दिशा में आगे बढ़ा। कुछ लोगों की रुचि टीचिंग में थीं उन्होंने एपी की तैयारी की। हास्टल में बनी ठोस पृष्ठभूमि ने प्रतियोगी परीक्षाओं में मदद की और आज इसका नतीजा सामने है। हमारा सुंदर सपना पूरा हुआ है। सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग श्रीमती प्रियंवदा रामटेके ने बताया कि नियमित रूप से करियर मार्गदर्शन के लिए विशेषज्ञों को आमंत्रित किया गया। इससे करियर के चयन और इसे प्राप्त करने की दिशा में किये जाने वाले प्रयासों के संबंध में छात्राओं को जानकारी मिली। इन छात्राओं के चयन की जानकारी मिलने पर हमें बहुत खुशी हुई है। श्रीमती रामटेके ने बताया कि इसके अलावा लाइब्रेरी भी बहुत समृद्ध थी। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिहाज से इसे तैयार किया गया था। इसका लाभ भी मिल पाया।
धनवंत्री- ने बताया कि शासकीय पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास दुर्ग में निवास करते हुए एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा 2019 में सहायक प्राध्यापक (भूगोल) के पद में चयनित हुई हैं।
उन्होंने बताया कि आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा संचालित कन्या छात्रावास में घरेलू पारिवारिक माहौल में रहते हुए अध्ययन पूर्ण किया। छात्रावास में रहते हुए अध्ययन के साथ ही साथ विभाग द्वारा अनेक प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी हेतु मार्गदर्शन भी होता रहा है। इस माहौल के कारण शासकीय सेवा हासिल करने में सफलता प्राप्त हुई। सफलता में आदिवासी विकास विभाग के द्वारा छात्रावास में दी गई, सुविधाओं का पूर्ण योगदान रहा है।
भावना कंवर- ने बताया कि जिला बालोद प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात आगे की शिक्षा प्राप्त करने हेतु सक्षम नही थी किंतु माँ के प्रेरणा से आदिवासी विकास विभाग द्वारा संचालित पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास दुर्ग में प्रवेश लेकर अध्ययन करते हुए एम.ए. तक की शिक्षा प्राप्त की। तदोपरांत छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा 2019 में सहायक प्राध्यापक (भूगोल) के पद में चयनित हुई।
उन्होंने बताया कि छात्रावास में अध्ययन करते हुए उच्च शिक्षा प्राप्त कर शासकीय सेवा में जाने की इच्छा थी। इस क्रम में विभाग के मार्गदर्शन अनुसार प्रतियोगी परीक्षाओं की भी तैयारी करती रही। इन्होने यह महसूस किया कि आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा छात्रावास में विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराने तथा उनकी प्रतिभा के अनुरुप मार्गदर्शन देने में पूर्ण सहयोग रहा।
रंजीता ठाकुर- ने बताया कि जिला बालोद शासकीय पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास दुर्ग में रहते हुए एम.एस.सी तक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा 2019 में सहायक प्राध्यापक (रसायन शास्त्र) के पद में चयनित हुई।
छात्रावास में रहते हुए इसने अपनी प्रतिभा को निखारा। छात्रावास में प्रतिस्पर्धा की भावना से विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा में भाग लेने हेतु प्रोत्साहन मिलता है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयन हो पाई।
यामिनी कुंजाम- ने बताया जिला बालोद शासकीय पोस्ट मैट्रिक अनुसूचित जनजाति कन्या छात्रावास दुर्ग में रहते हुए एम.एस.सी तक की शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित परीक्षा 2019 में सहायक प्राध्यापक (वनस्पति शास्त्र) के पद में चयनित हुई।
उन्होंने बताया कि मै दूरस्थ अंचल में रहकर उच्च शिक्षा प्राप्त करने हेतु सोच नहीं पाई थी किंतु पिता जी के प्रेरणा से आदिवासी विकास विभाग दुर्ग के अधिकारी एवं कर्मचारियों के सहयोग प्राप्त कर छात्रावास में प्रवेश हुआ छात्रावास में एक परिवार के अनुरुप माहौल में अध्ययन की तथा शासकीय सेवा हासिल करने हेतु छात्रावास में विभाग के अधिकारी, कर्मचारी से निरंतर मार्गदर्शन एवं प्रेरणा प्राप्त कर लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित हुई और असिस्टेंट प्रोफेसर के पद में चयन हुई जिसके लिए मैं आदिवासी विकास विभाग दुर्ग के अधिकारी, कर्मचारियों को कोटिशः धन्यवाद देती हूॅ।