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रायपुर। भारत में महिलाओं में स्तन कैंसर सबसे आम कैंसर है। इस कैंसर को विकसित होने में महीनों से लेकर सालों तक का समय लगता है, इसलिए यदि इसके लक्षणों के बारे में आम लोगों में जागरूकता हो तो इसका जल्द निदान किया जा सकता है। रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल के डॉ. सौरभ जैन, कैंसर विशेषज्ञ ने कहा कि, न केवल उच्च वर्ग के लोगों में बल्कि मध्यम और निम्न सामाजिक आर्थिक वर्ग के लोगों में भी स्तन कैंसर की आंकड़ों में वृद्धि हुई है। पहले स्तन कैंसर को महिलाओं को 50 या 60 वर्ष की आयु में होने वाली या बीमारी माना जाता था, लेकिन पिछले एक दशक में युवा स्तन कैंसर के मरीजों की संख्या में वृद्धि हुई है। हालांकि स्तन कैंसर किसी भी महिला को हो सकता है, लेकिन उन महिलाओं को स्तन कैंसर का खतरा ज्यादा होता है जिन्हें 35 वर्ष की आयु के बाद पहला बच्चा हुआ है, महिलाएं जिनके बच्चे नहीं हैं।
महिलाएं जिन्होंने अपने बच्चों को स्तनपान नहीं कराया है या एक साल से भी कम समय के लिए स्तनपान कराया है। जिन महिलाओं की मां या बहन स्तन और अंडाशय ओवरी के कैंसर से पीड़ित हैं, उनमें भी स्तन कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यदि महिलाएं स्तन कैंसर के लक्षणों से अवगत हों और इन 3 सरल सलाहों का पालन करें तो स्तन कैंसर का निदान बहुत पहले किया जा सकता है। ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन, 18 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को नहाते समय अपने स्तन की जांच करनी चाहिए कि क्या वे कोई गांठ महसूस कर सकती हैं या त्वचा में कोई बदलाव या निप्पल से डिस्चार्ज हो रहा है। और इसे महीने में कम से कम एक बार किया जाना चाहिए। अगर इनमें से कोई भी लक्षण हों तो किसी कैंसर एक्सपर्ट को ज़रूर दिखाएं। दूसरा, क्लीनिकल ब्रेस्ट एक्जामिनेशन 30 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं को साल में एक बार कैंसर विशेषज्ञों से स्तन जांच करवानी चाहिए। कैंसर विशेषज्ञ स्तन के अंदरूनी हिस्से में गठान की जांच करने में सक्षम होंगे।
तीसरा, 40 वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को वर्ष में एक बार स्तन का एक्स-रे करवाना चाहिए, जिसे मैमोग्राफी भी कहा जाता है। यह 1 सेमी से कम के पूर्व कैंसर वाले घावों या गांठों की पहचान करने और उनका जल्दी इलाज करने में मदद करेगा। प्रारंभिक स्तन कैंसर का इलाज स्तन संरक्षण चिकित्सा (ब्रेस्ट को बचाकर) सर्जरी के साथ किया जा सकता है, जिसमें पर्याप्त मार्जिन के साथ गांठ को निकालकर एवं हाथ के नीचे लिम्फ नोड्स निकालकर किया जाता है, जिसके बाद शेष स्तन के लिए विकिरण चिकित्सा(रेडियोथेरेपी) होती है। यह उपचार पूरी तरह से सुरक्षित है और स्तन कैंसर को ठीक करने में मदद कर सकता है। यदि महिलाएं नियमित व्यायाम के रूप में स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखें और स्वस्थ आहार लें तो यह मोटापे को रोकेगा जो स्तन कैंसर और शरीर में कई अन्य कैंसर के लिए एक ज्ञात जोखिम कारक (रिस्क फैक्टर) है। स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे आम लेकिन आसानी से रोके जा सकने वाले और इलाज योग्य कैंसर है जिसके बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है।
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