छत्तीसगढ़
एटीएम के गार्ड की हत्या-डकैती मामले में 4 आरोपी बरी, हाईकोर्ट ने लिया फैसला
Shantanu Roy
22 March 2022 7:00 PM GMT

x
छत्तीसगढ़
बिलासपुर। सन 2008 में सक्ती के एसबीआई एटीएम के गार्ड की हत्या कर डकैती डालने के आरोपी पुष्पेंद्र चौहान और उसके 3 साथी हाईकोर्ट से बरी हो गए। इसके विरुद्ध लूट के एक दर्जन से ज्यादा और मामले हैं, जिनमें उन्हें बरी किया जा चुका है।
जांजगीर-चांपा जिले के बाराद्वार थाना क्षेत्र के ग्राम दर्राभांठा निवासी पुष्पेंद्र चौहान उर्फ मनीष और उसके तीन अन्य साथियों को पुलिस ने 29 दिसंबर 2008 को स्टेट बैंक एटीएम में गार्ड की हत्या कर 14 लाख रुपये की डकैती करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांजगीर-चांपा के द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश ने इन सभी को आजीवन कारावास की सजा 30 मई 2014 को सुनाई थी।
इनके खिलाफ कुल 14 लाख रुपए का जुर्माना भी किया गया था, जो स्टेट बैंक को दिया जाना था। अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला कोर्ट के फैसले को आरोपियों ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। पुलिस की विवेचना की कई खामियों को सामने लाते हुए आरोपियों के अधिवक्ता ने हाईकोर्ट में दलीलें पेश की। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
बैंक, राहगीरों और रेलवे स्टेशन पर लूट के करीब एक दर्जन मामले भी इन आरोपियों पर बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ और जांजगीर-चांपा की पुलिस ने 2008 और 2009 में दर्ज किया था। इन मामलों में सोहागपुर (कोरबा) के ग्रामीण बैंक से 71 लाख 25 हजार की लूट का बड़ा मामला भी है। इन सभी मामलों में आरोपी पहले से बरी हो चुके हैं।
आरोपी पुष्पेंद्र चौहान पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल से 50 करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का आरोप भी है। इसके अलावा ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को भी अलग-अलग पत्र लिखकर उसने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी थी। ये सभी पत्र उसने बिलासपुर सेंट्रल जेल से भेजे थे। आरोपी इन तीनों मामलों में अभी मुकदमे का सामना कर रहा है।

Shantanu Roy
Next Story