छत्तीसगढ़

30 रोज़े हुए मुक्कमल, कल मस्जिदों में ईद की नमाज अदा होगी

Shantanu Roy
10 April 2024 1:28 PM GMT
30 रोज़े हुए मुक्कमल, कल मस्जिदों में ईद की नमाज अदा होगी
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रायपुर में कल मनेगी ईद
रायपुर। आज 30 रोजे मुक्कमल हुए क्यूंकि बदली होने की वजह से चांद आज शयद नहीं दिखा। चूंकि 30 रोजे आज मुक़्क़मल हो चुके है उस लिहाज़ से कल यानी 11 अप्रैल को अलग-अलग वक़्त में विभिन्न मस्जिदों और ईदगाहों में ईद की नमाज़ अलग-अलग वक्तों में अदा की जाएगी।
रमजान का पाक माह पूरा होने के बाद इस्लामिक कैलेंडर के शव्वाल महीने के पहले दिन ईद मनाई जाती है। दुनियाभर का मुस्लिम समुदाय इस पाक महीने में रोजा रखता हैं और पूरे महीने अल्लाह की इबादत की जाती है। भारत में भी शुक्रवार को चांद देखने के बाद 11 अप्रैल को ईद मनाने की उम्मीद की जा रही थी। ईद से एक दिन पहले रोजेदारों सहित अन्य लोगों ने अलविदा की नमाज पढ़ी। कहा जाता है कि जुमे के दिन ही वो जन्नत वापस लौटे थे। इसलिए मान्यता है कि जुमे की नमाज अदा करने से गुनाहों से पीछा छूट जाता है।
जुमे की एक नमाज अदा करना 30 नमाज अदा करने का सवाब देता है। रोजेदारों की इबादत के बाद ईद का दिन मुबारक होता है। इसका सुबूत शुक्रवार को देश के सभी राज्यों के बाजारों में देखने को मिला। ईद की खरीदारी में लोगों ने तपती गर्मी की परवाह की और न ही सर्द मौसम की। यूपी से लेकर कश्मीर तक सब लोग ईद मनाने के जोश से भरे रहे है। सेवइयां की दुकानें हो, चूड़ी की दुकान हो, फल की दुकानें हो या फिर कपड़ों की हर तरफ लोगों की भीड़ रही. मेहंदी लगाने वाले की दुकानों पर भी अच्छी खासी भीड़ रही. ईद उल फितर के मौके पर रोजेदार और पूरा घर मिलकर सुबह ईद की तैयारी करते हैं. कुछ मीठी चीज खाते हैं. इस ईद में मीठी सेवइयां खाने का रिवाज है।
राजधानी दिल्ली समेत देश के कई बड़े शहरों में शव्वाल महीने का चांद नजर आ गया है. बुधवार शाम करीब सवा सात बजे ईद के चांद का दीदार हुआ. गुरुवार 11 अप्रैल को धूमधाम के साथ देशभर में ईद-उल-फितर का त्योहार मनाया जाएगा. जामा मस्जिद की चांद कमेटी ने थोड़ी देर पहले ही चांद नजर आने का ऐलान किया है. जामा मस्जिद में गुरुवार सुबह 6:30 बजे और फतेहपुरी मस्जिद में सुबह 7:30 बजे ईद की नमाज होगी.
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ईद का चांद दिखने के बाद सभी देशवासियों को ईद-उल-फितर की मुबारकबाद दी है. मालूम हो कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में शव्वाल का चांद एक दिन पहले ही नजर आ गया जिसकी वजह से वहां ईद का त्योहार बुधवार 10 अप्रैल को मनाया गया है. दुनिया में इस्लाम का सेंटर कहे जाने वाले सऊदी अरब में भी बुधवार को ईद का त्योहार मनाया गया है. ईद-उल-फितर की सबसे खास बात है कि इस त्योहार की तारीख हिजरी कैलेंडर की वजह से साल-दर-साल बदलती रहती है. यह कैलेंडर चांद पर आधारित होता है. इसमें दिनों की गिनती चांद की घटती-बढ़ती चाल के अनुसार की जाती है.
ईद का त्योहार खुशियों और भाईचारे का त्योहार है. इस दिन मुस्लिम लोग सुबह ईद की नमाज पढ़ते हैं. इसके बाद एक दूसरे को गले मिलकर ईद की बधाई दी जाती है. इसके साथ ही एक दूसरों के घर जाकर मुंह मीठा भी किया जाता है. मीठे में ईद के दिन के लिए खास सेवइयां, खीर और तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं. ईद -उल-फितर का खास त्योहार रमजान का पाक महीने पूरा होने के बाद मनाया जाता है. रमजान के पाक महीने में मुस्लिम लोग रोजा रखकर सच्चे दिल से खुदा की इबादत करते हैं. रमजान के आखिरी रोजे के बाद शव्वाल महीने की पहली तारीख को ईद का त्योहार मनाया जाता है.
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