रायपुर। राम अवतार जग्गी के हत्याकांड में शामिल अभियुक्त राजू भदोरिया , धर्मेंद्र उर्फ लल्लन, एक अन्य आज रायपुर न्यायालय के समक्ष सरेंडर किया। ये तीनों मप्र के भिंड से परिजनों, वकीलों के साथ पहुंचे। वहीं पिछले दिनों याह्या ढेबर,चिमन सिंह, सूर्यकांत तिवारी, तीन पूर्व पुलिसअफसरों ने सरेंडर किया था। कुल 27 मे से 10 सरेंडर कर चुके हैं। सरेंडर करने वाले कुछ अभियुक्त जेल से बाहर निकलने की तैयारी कर रहे हैं । वे स्वास्थ्यगत कारणों से इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती होने की जुगत में है।
याह्या ढेबर ने रायपुर कोर्ट में किया सरेंडरhttps://t.co/0MKq9L8hcM
— Pappu Farishta Journalist by birth (@pappu_farishta) April 30, 2024
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जोगी शासनकाल में हुआ था जग्गी हत्याकांड
रामवतार जग्गी हत्याकांड 2003 में अजीत जोगी के शासनकाल में हुआ था। अमित जोगी के उनके कट्टर समर्थक स्वामी भक्ति में रामवतार जग्गी हत्याकांड के स्वरूप में आया था। जिसका एफआईआर स्वर्गीय विद्याचरण शुक्ल के दबाव में मौदहापारा थाने में दर्ज हुआ था, जिसमें 32 आरोपियों के नाम हत्याकांड में सामने आए थे। सभी आरोपियों को 7 -8 साल के उपरांत हाई कोर्ट से ज़मानत अपील के द्वारा मिली थी जो विगत सप्ताह हाईकोर्ट ने लोअर कोर्ट के फ़ैसले को बरकरार रखते हुए सभी आरोपियों की जमानत रद्द कर दी और सभी आरोपियों को एक हफ्ते का समय सजा हेतु सरेंडर करने का दिया था। जिसमें महापौर के सगे बड़े भाई याहया ढेबर सहित 22 आरोपियों को अपनी सजा पूरी करने के लिए वापस जेल जाना था। लेकिन कोर्ट में दो आरोपी अभय गोयल और आरसी त्रिवेदी द्वारा सरेंडर का समय बढ़ाने का आवेदन दिया था।