साउथ वेस्ट दिल्ली के वसंत कुंज थाना पुलिस ने लुटेरों के एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ किया है जो अक्षय कुमार की फिल्म 'स्पेशल 26' की तर्ज पर वारदात को अंजाम देते थे. पुलिस ने ऐसे 6 लुटेरों को गिरफ्तार किया है. वसंत कुंज थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि ये गैंग जो स्पेशल 26 फिल्म की तरह वारदात को अंजाम देता है खुद को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच के अधिकारी बताकर ये एक दफ़्तर के अंदर घुस गए और इलेक्ट्रॉनिक सामान को लेकर फरार हो गए. लेकिन जांच के बाद वसंतकुंज साऊथ थाना पुलिस ने सभी छह दोस्तों को दबोच लिया। आरोपियों के नाम सौरभ, रघुविंद्र, मंजीत कुमार, समित कुमार, संजय कुमार और मुदासिर नजीर हैं. इनके पास से तीन लैपटॉप, तीन महंगी घड़ी, एक आईपेड, एक कैमरा बरामद किया गया है. फिलहाल पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर रही है. पुलिस उपायुक्त इंगित प्रताप सिंह ने बताया कि 15-16 मार्च की रात को घिटोरनी गांव के कॉल सेंटर में डकैती डालने का मामला सामने आया. कॉल सेंटर के मालिक सुशांत राज ने अपनी शिकायत में बताया कि चार लोग पहले एक गाड़ी में कॉल सेंटर के गेट पर आए. जहां उन्होंने देखा कि कॉल सेंटर में काम नहीं चल रहा है और कोई मौजूद नहीं था.
उन्होंने गेट तोड़ दिया और कॉल सेंटर के अंदर आ गए. आरोपियों ने वहां मौजूद सुरक्षाकर्मी को जमकर पीटा और बंधक बना लिया. आरोपियों ने कॉल सेंटर का दूसरा गेट तोड़ा और वहां से सामान लूट लिया. घटना के दौरान कॉल सेंटर के मालिक भी जाग गए तो आरोपियों ने उन्हें खुद को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा का अधिकारी बताया और वहां से फरार हो गए. इंस्पेक्टर अजय कुमार नेगी, एसआई मुकेश, एएसआई रामनिवास की टीम ने संबंधित धारा में केस दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू की. पुलिस ने मौके के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज, सर्विलांस और मुखबिरों से जानकारी जुटाई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली. पुलिस ने सुरक्षाकर्मी और मालिक से दोबारा पूछताछ की तो सामने आया कि लॉकडाउन के बाद से उनका ऑफिस बंद है. लेकिन, वह लोगों के साक्षात्कार के लिए नोएडा ऑफिस जा रहे हैं. पुलिस ने साक्षात्कार किए गए सभी लोगों से पूछताछ की. पूछताछ के दौरान समित कुमार का नाम सामने आया. समित के बारे में जानकारी जुटाने के बाद सामने आया कि उसका मोबाइल वारदात वाली रात को घटनास्थल वाली जगह पर एक्टिव था. पुलिस ने समित को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो मामला खुल गया और पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई. जांच में यह भी सामने आया कि समित पीड़ित का पुराना दोस्त है और उसे पहले से जानता था.
आरोपियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया कि स्पेशल 26 फिल्म देखकर वह उससे प्रभावित हुए और इसके बाद उन्होंने फिल्म की तरह ही लोगों को लूटने की साजिश रची. आरोपियों में मुदासिर नजीर खुद को एसीपी और रघुविंद्र इंस्पेक्टर और बाकि के लोग उनकी टीम के रूप में काम करते थे. आरोपी पहले संदिग्ध कॉल सेंटर का चयन करते थे. उसके बाद वेब और स्थानीय लोगों से पूछताछ के बाद जानकारी जुटाते थे. फिर सभी आरोपी कॉल सेंटरों में छापा मारने जाते थे. कॉल सेंटरों के मालिकों से समझौता करने के नाम पर पैसे वसूलते थे. आरोपियों में शामिल मुदासिर नजीर, समित कुमार और मंजीत कुमार तीनों इंजीनियर हैं, जबकि सौरभ, रघुविंद्र दोनों स्नातक कर चुके हैं. सौरभ दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक है और रघुविंद्र के पिता दिल्ली पुलिस में रहे हैं. संजय 12वीं पास है, लेकिन वह एक म्यूजिक ग्रुप के लिए गिटार बजाता है.