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रायपुर. शिक्षा के बदलते इस वातावरण में हिंदी माध्यम स्कूलों का क्रेज खत्म होता जा रहा है। पहले हिंदी माध्यम स्कूलों में एडमिशन को लेकर मारामारी चल रही थी, लेकिन इन 4 से 5 सालों में हिंदी माध्यम स्कूलों को तगड़ा झटका लगा है।
छत्तीसगढ़ के लगभग 2 हजार हिंदी माध्यम के स्कूल बंद हो चुके हैं। तो वहीं कुछ स्कूल अभी भी आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। मामले में शिक्षाविद का कहना है कि पालक भी खुद यही चाहते हैं कि उनका बच्चा उनसे ज्यादा बेहतर शिक्षा प्राप्त करे इसलिए वो अंग्रेजी माध्यम की पढ़ाई की ओर रुख कर रहे हैं।
वहीं, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता बताते हैं कि RTE के तहत हिंदी माध्यम स्कूलों में प्रवेश लेने वालों की संख्या ना के बराबर है। जबकि अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सीटें फुल हैं।
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