छत्तीसगढ़

कर्रानाला में स्टापडेम बनने से 20 किसानों को मिली सिंचाई की सुविधा

Shantanu Roy
16 Feb 2022 4:43 PM GMT
कर्रानाला में स्टापडेम बनने से 20 किसानों को मिली सिंचाई की सुविधा
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125 एकड़ में सिंचाई के लिए मिलने लगा पानी

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल सुराजी गांव योजना के नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम से स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के साथ ही उनका सदुपयोग सुनिश्चित हुआ है। इससे ग्रामीण जनजीवन एवं अर्थव्यवस्था में बदलाव का एक नया दौर शुरू हुआ है। नरवा विकास कार्यक्रम के चलते प्राकृतिक नालों का आवश्यतानुसार उपचार कर जल संरक्षण, भू-जल संवर्धन एवं सिंचाई के लिए उपयोगी बनाया जा रहा है।

राज्य में बीते तीन सालों में 2477 प्राकृतिक नालों (नरवा) को उपयोगी बनाने के उद्देश्य से 614 करोड़ रूपए की लागत से उपचार कार्य के अंतर्गत विविध संरचनाओं का निर्माण किया गया है। जिसके चलते उपचारित नालों में अब मार्च-अप्रैल तक जल भराव रहने लगा है। इससे ग्रामीणों को निस्तार के साथ-साथ किसानों को पम्प के माध्यम से सिंचाई सुविधा भी मिलने लगी है।

नरवा विकास कार्यक्रम के चलते नालों में व्यर्थ बह रहे पानी को रोकने में मदद मिली है। जांजगीर-चांपा जिले के वनमंडल चांपा में कैम्पा मद से बलौदा विकासखंड के ग्राम गतवा के कर्रानाला में 34.55 लाख रूपये की लागत से स्टॉप डेम का निर्माण कराया गया है।
इस स्टॉप के बन जाने से नाले के किनारे के 20 किसानों को लगभग 125 एकड़ में सिंचाई सुविधा मिलने लगी है। स्टाफ डैम में पर्याप्त मात्रा में जल का भराव होने से किसान अनाज के अलावा सब्जी की खेती कर अतिरिक्त आय भी अर्जित करने लगे हैं। वन विभाग द्वारा गतवा स्टॉप डैम के पानी का उपयोग कर नर्सरी में पौधे भी तैयार किए जा रहे हैं। कर्रानाला की लंबाई 12 किलोमीटर है। स्टापडेम बनने से इसमें 2200 हेक्टेयर क्षेत्र में जल भराव रहने लगा है।

Shantanu Roy

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