कर्रानाला में स्टापडेम बनने से 20 किसानों को मिली सिंचाई की सुविधा
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की फ्लैगशिप योजनाओं में शामिल सुराजी गांव योजना के नरवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम से स्थानीय प्राकृतिक संसाधनों को सहेजने के साथ ही उनका सदुपयोग सुनिश्चित हुआ है। इससे ग्रामीण जनजीवन एवं अर्थव्यवस्था में बदलाव का एक नया दौर शुरू हुआ है। नरवा विकास कार्यक्रम के चलते प्राकृतिक नालों का आवश्यतानुसार उपचार कर जल संरक्षण, भू-जल संवर्धन एवं सिंचाई के लिए उपयोगी बनाया जा रहा है।
राज्य में बीते तीन सालों में 2477 प्राकृतिक नालों (नरवा) को उपयोगी बनाने के उद्देश्य से 614 करोड़ रूपए की लागत से उपचार कार्य के अंतर्गत विविध संरचनाओं का निर्माण किया गया है। जिसके चलते उपचारित नालों में अब मार्च-अप्रैल तक जल भराव रहने लगा है। इससे ग्रामीणों को निस्तार के साथ-साथ किसानों को पम्प के माध्यम से सिंचाई सुविधा भी मिलने लगी है।