
x
छग
रायगढ़। रायगढ़ जिले के आदिवासी बाहुल क्षेत्र धरमजयगढ़ में बरसात के बाद रेंगती मौत का आतंक शुरू हो गया है। आदिवासी इलाके में अभी भी वहां के आदिवासी झाड़फूंक व बैगा के चलते सर्पदंश प्रभावित लोगों को लाते हैं लेकिन समय पर अगर उन्हें इलाज मिलता तो उनकी जिंदगी बच सकती थी और ऐसे मामले लगातार सामने आ रहे हैं जहां जागरूकता के अभाव में रेंगती मौत बेकसुर आदिवासियों की मौत की वजह बन रही है। इसी तरह की दो अलग-अलग घटना एक युवक सहित एक महिला की मौत हो गई।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र में सर्पदंश से पीड़ित एक युवक की झाड़फूक के चक्कर में जान मौत हो गई। युवक के मौत के बाद उसके परिजनों ने बताया कि कल शाम बायसी निवासी धरम सिंह राठिया अपने खेत के बाड़ी में काम कर रहा था। इसी दौरान एक जहरीले सांप ने उसे डस लिया। जिसके बाद परिजन उसे अस्पताल ले जाने के बजाए झाड़फूक कराने तांत्रिक के पास लेकर प्रेमनगर ले गए जहां उसकी मौत हो गई। जिसके बाद युवक के शव को धरमजयगढ़ अस्पताल लाया गया है, जहां पोस्टमार्टम उपरांत उसके शव को परिजनों के सुपुर्द किया जाएगा।
इसी तरह की दूसरी घटना धरमजयगढ़ क्षेत्र के हीक्रोंधा गांव में घटित हुई जहां सर्पदंश पीड़ित एक महिला की इलाज के अभाव में मौत हो गई। महिला के परिजनों ने बताया कि महिला जमीन में सोई हुई थी इसी दौरान तड़के करीब 4 से 5 बजे के बीच उसके बाएं पैर के जांघ में किसी जहरीले जंतु के काटने पर उसकी नींद खुली। इसके बावजूद चिंटी काटने की आशंका से यह बात टाल दिया गया। परंतु बाद में महिला के तबियत बिगड़ने पर आनन-फानन में उसे अस्पताल ले जाया जा रहा था जहां रास्ते में ही महिला ने दम तोड़ दिया। पुलिस इस मामले में मर्ग कायम कर प्रकरण को जांच में ले लिया है।
Next Story