2 बच्चों को मिलेगा राज्य वीरता पुरस्कार, करंट फैलने से रोका और लोगों की बचाई थी जान
अपनी जिंदगी दांव में लगा अमन ज्योति ने बचाई दोस्त की जान
कोरबा जिले के अमन ज्योति ने अपने दोस्त को बचाने के लिए अपनी जिंदगी दांव में लगा दी थी। यह घटना 01 अगस्त 2021 की है। इस दिन फ्रेंडशिप डे था। दोपहर लगभग 02 बजे अपने एक मित्र साहिल पैगवार का जन्मदिन मनाने के लिए 20 किलोमीटर दूर पिकनिक स्पॉट परसाखेला बांध के झरना के पास पिकनिक मनाने गए थे। इसी दौरान कक्षा 12 वीं में अध्ययनरत एक छात्र आशीष ठाकुर, जलप्रपात के पहले, किनारे में अपना हाथ-पैर धोने के लिए गया। वहां चट्टान में पैर फिसल कर गिरने के कारण वह पानी के तेज धार में बहने लगा। आगे गहरी खाई होने के कारण उसमें गिरने का खतरा था। खतरनाक फिसलन चट्टान और पानी की तेज धार में आशीष को बहते देख सभी मित्र घबरा गए। आशीष को तैरना नहीं आता था और वे बचाओ-बचाओ चिल्लाने लगा। अपने से उम्र में बड़ा आशीष को बचाने 15 वर्षीय छात्र अमनज्योति अपने मित्र पानी के तेज बहाव में कूद गया। अमन को भी तैरना नहीं आता था, किन्तु वह यह सोचकर कि मित्र को किसी भी तरह बचाने की कोशिश कर लेगा, वह पानी में कूद गया। पानी में चट्टानों के बीच बहते हुए अपने मित्र आशीष को अमन ने पकड़ लिया। कुछ देर तक आशीष को रोक कर रखे जाने के बाद एक अन्य मित्र दीपांशु पहुंच जाने से वे दोनों आशीष को किनारे पर ले आए। पानी के तेज बहाव में बहने के कारण आशीष बेहोश हो चुका था। किनारे पर लाकर उन्होंने आशीष के पेट में भरे पानी को बाहर निकाला। अमन की सूझबूझ एवं साहस से उसके मित्र आशीष की जान बच गई। पानी के तेज बहाव और चट्टानों में टकराने के कारण अमन के हाथ की हड्डी खिसक गई थी। हाथ, पैर, गले और छाती में गहरी चोट भी लगी। सभी मित्र आशीष और अमन को लेकर जिला चिकित्सालय में पहुंचे। यहां उपचार के बाद जब सभी सुरक्षित घर लौटे तो सभी ने अमन के साहसिक कार्यों की प्रशंसा की।
करंट फैलने से रोका और लोगों की जान बचाई शौर्य ने
यह घटना 13 जून 2021 की है। प्रातः लगभग 11.00 ग्राम सेनचुवा, पोस्ट- छाती, जिला- धमतरी निवासी भूषण चंद्राकर, महेन्द्र तारक, परसराम साहू, योगेश्वर साहू, डोमन पटेल, विजय सभी लोग खेत में साफ-सफाई व आवश्यक कार्य कर रहे थे। इसी समय खेत में से गुजरने वाले बिजली के तार खेत में स्थित बबूल के वृक्ष से टकराया और आग लग गई, जिससे वृक्ष की डाली जलने लगी। वहीं बालक शौर्य प्रताप चंद्राकर अपने पिताजी भूषण चंद्राकर के साथ खेत देखने गया था। शौर्य आग जलते देखकर सभी को खेत से निकलने के लिये जोर-जोर से चिल्लाया और शीघ्र ही लाइन मेन सुरेन्द्र धु्रव को बिजली ऑफिस छाती में फोन पर विद्युत पावर को बंद करने की सूचना दी। विद्युत पावर के बंद होने से एक बहुत बड़ा हादसा टल गया। खेत में पानी भरा था। पानी के कारण विद्युत करंट फैल सकता था । बालक शौर्य प्रताप चंद्राकर की सूझबूझ और दूरदर्शिता से वहां उपस्थित सभी लोगों की जान बच गई। स्थानीय लोगों ने शौर्य के इस साहसिक कार्य की प्रशंसा की।