छत्तीसगढ़

'चिरायु' योजना में 1.76 लाख बच्चों का इलाज

Nilmani Pal
18 Sep 2022 10:16 AM GMT
चिरायु योजना में 1.76 लाख बच्चों का इलाज
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रायपुर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत 'चिरायु' योजना के माध्यम से प्रदेश के एक लाख 76 हजार बच्चों का इलाज किया गया है। इसके तहत 18 दिसंबर 2018 से अब तक विभिन्न हृदय रोगों से पीड़ित 3081, होंठ एवं तालु की विकृति वाले 603, क्लबफुट वाले 670 और जन्मजात मोतियाबिंद से ग्रस्त 334 बच्चों का उपचार किया जा चुका है। 'चिरायु' योजना में इस वित्तीय वर्ष 2022-23 में अब तक 21 हजार 96 बच्चों का इलाज किया गया है।

बाल स्वास्थ्य की देखभाल के लिए प्रदेश भर में 330 चिरायु दल कार्यरत हैं। ये प्रदेश भर के स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर उनकी शारीरिक कमियों व रोगों की पहचान कर निःशुल्क इलाज की व्यवस्था करते हैं।मितानिन व एएनएम के माध्यम से भी इन बच्चों का चिन्हांकन कर चिरायु योजना के अंतर्गत पंजीयन किया जाता है। चिरायु दल द्वारा इन बच्चों की उच्च स्तरीय जांच कर अनुबंधित अस्पतालों में ऑपरेशन करवाया जाता है।

प्रदेश में वर्ष 2014 से राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम संचालित है। कार्यक्रम का उद्देश्य शून्य से 18 वर्ष तक की आयु के बच्चों में फोर-डी (4D) यानि डिफेक्ट एट बर्थ, डिसीज, डिफिसिएन्सी एंड डेवलपमेन्ट डिलेस इनक्लुडिंग डिसएबिलिटी (Defect at birth, Disease, Deficiency & Development delays including disability) की जांच कर शीघ्र उपचार उपलब्ध कराना है। इसके तहत बच्चों में 44 प्रकार की बीमारियों की पहचान व जाँच कर उपचार किया जाता है। जरुरत पड़ने पर उच्च संस्थाओं में रिफर भी किया जाता है। 'चिरायु' योजना के अंतर्गत जन्म से छह सप्ताह की आयु के नवजात शिशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण डिलीवरी प्वाइंट के स्टॉफ द्वारा, छह सप्ताह से छह वर्ष की आयु के बच्चों का आंगनबाड़ी केन्द्रों में और छह वर्ष से 18 वर्ष की आयु के बच्चों का शासकीय एवं अनुदान प्राप्त विद्यालयों में चिरायु दलों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है।

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