रायपुर। छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस के 162 मरीजों की पुष्टि हुई है। रायपुर स्थित एम्स में 126 मरीजों का इलाज चल रहा है। 24 मरीज रायपुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती हैं। ब्लैक फंगस से पीड़ित 57 मरीजों का हो सफल ऑपरेशन चुका है। अभी तक ब्लैक फंगस से 16 मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसकी पुष्टि की है।
आइए जानते हैं ब्लैक फंगस के शुरुआती लक्षणों के बारे में, जिन्हें भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
कोरोना से रिकवरी के दौरान या ठीक होने के बाद अगर आपके सिर में लगातार दर्द होता है और एक तरह का दबाव महसूस होता है तो सतर्क हो जाएं, क्योंकि यह ब्लैक फंगस संक्रमण का शुरुआती लक्षण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने की जरूरत है।
आमतौर पर चेहरे पर एक तरफ सूजन होने पर लोग इसे आम समस्या समझ कर उसे छोड़ देते हैं या उससे छुटकारा पाने के लिए घरेलू उपाय करने लगते हैं, लेकिन ध्यान रहे कि कोरोना से ठीक होने के बाद अगर ये समस्या हो रही है, तो सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि यह ब्लैक फंगस का एक लक्षण हो सकता है। इसमें चेहरे पर एकतरफा सूजन के साथ-साथ वहां दर्द और नीचे की तरफ भारीपन भी महसूस हो सकता है।
चूंकि ब्लैक फंगस नाक के रास्ते ही शरीर में प्रवेश करता है, ऐसे में नाक के चारों ओर काली पपड़ी का बन जाना और नाक का बंद हो जाना और दर्द होना, इस संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसपर ध्यान देने की जरूरत है, वरना यह जानलेवा हो सकता है।
चेहरे का रंग बदल जाना, आंखों में भारीपन महसूस होना, बुखार, खांसी और सांस लेने में तकलीफ होना भी ब्लैक फंगस संक्रमण का संकेत हो सकता है। इसके अलावा खून की उल्टियां होना, इसके सबसे खतरनाक लक्षणों में शामिल है। इन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।