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9.40 लाख परिवारों के 7.12 लाख सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत टीबी हारेगा-देश जीतेगा अभियान जारी है। इस अभियान के तहत चलाए जा रहे एस्क्टिव केस फाइंडिंग कार्यक्रम में 128 नए टीबी पाजिटीव मरीजों की पहचान की गई है। रायपुर जिले में 2,500 से अधिक खोजी दल द्वारा कुल 9.40 लाख परिवारों के 7.12 लाख सदस्यों की स्क्रीनिंग की गई। टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो बैक्टीरिया के कारण फैलता है। इसे तपेदिक या ट्यूबरक्लोसिस भी कहा जाता है। टीबी रोग से पीडि़त व्यक्ति के खांसने या छीकने से, टीबी के कीटाणु श्वसन के द्वारा स्वस्थ व्यक्ति के शरीर मे प्रवेश करके उसे संक्रमित करता है। यह आमतौर पर फेफड़ों से शुरू होती है। सबसे प्रमुख फेफड़ों की टीबी ही है, लेकिन यह ब्रेन, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी आदि शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है। टीबी रोगी के बारे में सूचना देने वाले व्यक्ति गैर वेतनभोगी को 500 रुपये दिए जा रहे हैं। इलाज के दौरान रोगियों को भी प्रतिमाह 500 रुपये दिए जा रहे हैं। बस्तर जिला को टीबी से पूर्णत: मुक्त करने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रही है। इसमें समाज के सभी जागरूक प्रबुद्ध वर्ग, सभी अस्पताल, चिकित्सकों और निजी अस्पतालों की भूमिका निभाने की आवश्यकता है। जिले में टीबी मरीजों की पहचान करने और टीबी के प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से 10 सितंबर से 30 अक्टूबर तक सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया गया था। इस दौरान घर-घर टीबी रोगी खोजने के लिए जिले के सभी ब्लाक में 2,500 टीबी की जांच करने के लिए दल पहुंचा। अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ को 2023 तक टीबी मुक्त राज्य बनाने के लिए जिले की पूरी जनसंख्या की टीबी जांच कर नए रोगियों की पहचान जरूरी है।
राजधानी में अब कम होने लगे डेंगू के मरीज
रायपुर जिले में अब तक 480 से अधिक डेंगू मरीज सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में वर्षवार डेंगू के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2017 में 62, वर्ष 2018 में 170, वर्ष 2019 में 100, वर्ष 2020 में 11 और वर्ष 2021 में अब तक 480 से अधिक मरीज मिल चुके हैं। सीएमएचओ डा. मीरा बघेल ने डेंगू को लेकर बताया कि वर्ष 2021 में फरवरी में एक, मार्च में दो, जून में 22, जुलाई में 47, अगस्त में 245, सितंबर में 127, अक्टूबर में 33 डेंगू के मरीज मिले। डेंगू के ज्यादातर केस जुलाई से सितंबर के बीच आते हैं। अब डेंगू के मरीजों की संख्या कम हो गई है। धीरे-धीरे अब यह पूरी तरह खत्म हो जाएगी। अभी में डेंगू नियंत्रण अभियान चलाने के साथ ही प्रत्येक शासकीय अस्पताल में डेंगू के जांच व इलाज की व्यवस्था की गई है। अधिकारी ने बताया कि हर साल की अपेक्षा इस वर्ष डेंगू के खिलाफ अभियान बेहतर तरीके से चलाया गया। बड़े शासकीय अस्पतालों के साथ ही प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में जांच व्यवस्था की गई। रैपिड किट से हर दिन करीब 500 जांचें हो रहे थे। हालांकि बीच में रैपिट एंटीजन किट की वजह से थोड़ी समस्याएं भी आई थीं। उन्होंने कहा कि डेंगू जैसी बीमारियों का प्रकोप तीन से पांच साल औसत से अधिक बढ़ता है। लेकिन अच्छी बात यह रही कि राजधानी में मिलने वाले डेंगू के सभी केस सामान्य डेंगू ही पाए गए।
प्रदेश में फिर बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, 27 नए मरीज
छत्तीसगढ़ में शनिवार को कोरोना वायरस के 27 नए मरीजों की पहचान हुई है. जबकि एक भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई है. वहीं प्रदेश में आज 26 मरीजों ने कोरोना वायरस को मात दी है. प्रदेश की औसत पॉजिटिविटी दर 0.26 प्रतिशत है.छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग की जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार छत्तीसगढ़ में 9 लाख 92 हजार 316 मरीज कोरोना वायरस को मात दे चुके हैं. अब कुल एक्टिव मरीज 259 हैं. कोरोना वायरस से अब तक 13 हजार 584 लोगों की मौत हो चुकी है. राज्य में आज 10 हजार 264 लोगों का कोरोना टेस्ट किया गया है.19 जिलों में आज कोरोना का कोई नया मामला नहीं प्रदेश में आज 6 नवंबर को 19 जिलों राजनांदगांव, बालोद, बेमेतरा, कबीरधाम, धमतरी, बलौदाबाजार, महासमुंद, गरियाबंद, मुंगेली, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर, बलरामपुर, बस्तर, सुकमा, कांकेर, नारायणपुर एवं बीजापुर में कोरोना का कोई नया मामला नहीं आया है. कोण्डागांव व दंतेवाड़ा से 01-01, रायपुर व बिलासपुर से 02-02, जांजगीर-चांपा से 03, दुर्ग व रायगढ़ से 04-04, कोरबा व जशपुर से 05-05 कोरोना संक्रमित पाए गए।