छत्तीसगढ़

102 महतारी एक्सप्रेस सेवा बनीं वरदान

Admin2
4 Jun 2021 12:47 PM GMT
102 महतारी एक्सप्रेस सेवा बनीं वरदान
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रायपुर। मातृत्व सुरक्षा एवं शिशु सुरक्षा के उद्देश्य से शुरू की गई महतारी एक्सप्रेस सुविधा आज प्रदेश के सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए वरदान साबित हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा की जिम्मेदारी को जीवीके इमरजेंसी मैनेजमेंट एंड रिसर्च इंच्टीच्यूट (जीवीके ईएमआरआई) संस्था ने निभाते हुए अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक कुल 6,48,812 मरीजों की सहायता की है जिसमें 6,510 कोविड-19 मरीज भी शामिल हैं।

कोविड काल के दौरान भी महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारी अपनी सेवा में तत्पर हैं। इसी क्रम में बीते दो माह यानि अप्रैल और मई 2021 को ही लें तो महतारी एक्सप्रेस 102 ने कुल 4424 कोविड मरीजों को अस्पताल पहुंचाया है। इनमें सर्वाधिक रायगढ़ 832, जशपुर 691 तथा सुकमा 530 मरीजों को लाभ मिला है। इसके अलावा बीजापुर 494, बस्तर कांकेर 401, राजनांदगांव 304 तथा नारायणपुर 301 मरीजों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। उल्लेखनीय है प्रदेश में अगस्त 2013 में मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर से 21 एंबुलेंस के साथ 102 महतारी एक्सप्रेस की सेवा की शुरूआत की गई थी। वर्तमान में 324 एंबुलेंस सेवा जीवीके ईएमआरआई संस्था द्वारा प्रदेश में 24 घंटे और 365 दिन संचालित किए जा रहे हैं। 102 टोल फ्री नंबर पर कॉल करके किसी भी प्रकार की प्रसव संबंधी सहायता, 0 से 1 वर्ष तक के बीमार नवजात शिशु को स्वास्थ्य सहायता एवं नसबंदी सेवा का लाभ भी लिया जा सकता है।

वनांचल के ग्रामीणों को राहत - 102 महतारी एक्सप्रेस सेवा द्वारा वनांचल के ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए काफी सहुलित मिल रही है। कोंडागांव की रहने वाली लीली का कहना है 102 के कर्मियों के अथक प्रयास से ही वह और उनके नवजात शिशु की जान बच सकी। डिलीवरी के वक्त अस्पताल पहुंचने के लिए उन्होंने 102 फोन किया और 102 के कर्मचारी फौरन पहुंचे और नदी पार कर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। इसी तरह सूरजपुर की रीना ने बताया उनके घर अस्पताल पहुंचने का साधन मौजूद नहीं था इसलिए सरकारी अस्पताल पहुंचाने और वहां से घर पहुंचाने में महतारी एक्सप्रेस के कर्मचारियों ने मदद की। वहीं बलौदाबाजार की शालिनी साहू ने बताया कि मौके पर मितानिन नीर बाई ने 102 को नहीं बुलाया होता तो शायद वह समय पर अस्पताल नहीं पहुंच पातीं। इस तरह एंबुलेस के जरिए सुदूर जंगलों के ग्रामिणों को स्वास्थ्य सहायाता पहुंचाई गई है। सघन वनक्षेत्र या खराब रास्तों वाले क्षेत्रों में 102 महतारी सेवा के कर्मचारी 3 से 4 किलोमीटर तक पैदल चलकर गर्भवती महिलाओं को अस्पताल पहुंचाने के कार्य में जुटे हैं।

मरीजों की सेवा एक नजर में - शिबू कुमार पीआऱओ ने बताया महतारी एक्सप्रेस 102 सेवा का लाभ लाखों मरीजों ने लिया है। 102 के जरिए अप्रैल 2020 से मार्च 2021 तक कुल 6,48,812 लोगों की सेवा की है। इनमें प्रसव पूर्व जांच-1,59,087, प्रसव के लिए अस्पताल पहुंचे-1,58,270, प्रसव के बाद घर वापसी- 2,49,390, बड़े अस्पताल रेफर-38,660, 0-1 वर्ष के बच्चे से संबंधित- 36,895 तथा 6,510 कोविड-19 मरीजों को सेवा प्रदान की है।

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