प्रदेश महामंत्री संगठन और प्रशासन की जिम्मेदारी फिर रवि घोष को दी
रायपुर। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पदाधिकारियों के कामकाज को लेकर नए सिरे से बटवारा किया, लेकिन उनके आदेश को प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा ने 24 घंटे के अंदर ही पलट दिया। मुख्यमंत्री निवास पर गुरुवार को कांग्रेस के आला नेताओं की बैठक में बदलाव को लेकर आपत्ति दर्ज कराई गई। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी नेताओं ने कहा कि बिना किसी की राय के पदाधिकारियों के कामकाज में बदलाव किया गया। प्रदेश संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी अरुण सिसोदिया को दे दी गई। जबकि राष्ट्रीय कार्यसमिति के समय मुख्यमंत्री की आपत्ति के बाद महामंत्री संगठन के पद से हटाए गए अमरजीत चावला को एक बार फिर महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दे दी गई।
वरिष्ठ नेताओं से राय लेने के बाद सैलजा ने आदेश जारी किया, जिसमें प्रदेश महामंत्री संगठन और प्रशासन की जिम्मेदारी एक बार फिर रवि घोष को सौंप दिया है। मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित बैठक में विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत, मंत्री टीएस सिंहदेव, शिव डहरिया सहित अन्य नेता मौजूद थे। बैठक के बाद मीडिया से चर्चा में प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि प्रदेश प्रभारी सैलजा ने पत्र लिखा है, इसकी हम समीक्षा कर रहे हैं। अभी नियुक्ति हुई है। आगे हम क्या कर सकते हैं, इस पर चर्चा करेंगे। कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा कि प्रदेश प्रभारी सैलजा के आदेश की समीक्षा की बात कहकर मोहन मरकाम ने साफ कर दिया कि वह प्रभारी के आदेश को तत्काल मानने के लिए तैयार नहीं हैं। मरकाम के तेवर से संगठन में तकरार बढ़ गई है।
संगठन में बदलाव अंदरुनी मामला
गुरुवार सुबह स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर मीडिया ने संगठन में हुई नियुक्ति को लेकर प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा से सवाल किया तो उन्होंने कहा कि यह पार्टी का अंदरुनी मामला है। सत्ता और संगठन दोनों में अच्छा काम चल रहा है। अपने बयान के छह घंटे के भीतर ही सैलजा ने संगठन में हुई नियुक्तियों को रद करने का आदेश जारी कर दिया। मुख्यमंत्री निवास में आयोजित बैठक में सैलजा ने कहा कि पार्टी का संभागीय सम्मेलन पूरा हो गया है। अब कार्यकर्ताओं के बीच जाना है। कांग्रेस का हर नेता बूथ तक पहुंचेगा। जमीनी स्तर पर काम करेगा।
मरकाम ने की थीनए प्रभारियों की नियुक्ति
प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अरुण सिसोदिया को प्रभारी महामंत्री बनाया था। इसके साथ ही महामंत्री रवि घोष को बस्तर संभाग प्रभारी, अमरजीत चावला रायपुर शहर, युवक कांग्रेस एवं एनएसयूआइ का प्रभारी, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रतिमा चंद्राकर को राजनांदगांव प्रभारी, महामंत्री चंद्रशेखर शुक्ला को मोहला मानपुर प्रभारी और महामंत्री यशर्वधन राव को प्रशिक्षण का प्रभारी बनाया गया था।
डॉ रमन बोले- कांग्रेस आदिवासी विरोधी, सैलजा रिमोट कंट्रोल संचालित नेता
छत्तीसगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बुधवार को जिन पदाधिकारियों को नए प्रभार दिए गुरुवार रात इस आदेश को प्रदेश कांग्रेस प्रभारी कुमारी सेलजा ने रद्द कर दिया। एक चि_ी जारी करते हुए उन्होंने मरकाम को निर्देश दिए कि जो नियुक्तियां उन्होंने कि उसे रद्द किया जाता है, उन्होंने अपनी ओर से एक नाम भी बताया और कहा कि इन्हें प्रभारी बना दीजिए।
कांग्रेस के भीतर खेमे में हुई इस खींचतान ने बैठे-बिठाए भारतीय जनता पार्टी को बड़ा मुद्दा दे दिया। लिहाजा संगठन और कई नेता अब कांग्रेस को कोस रहे हैं। अब इस पूरे मामले को आदिवासी नेता यानी कि मोहन मरकाम के अपमान से जोडक़र पेश किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने कुमारी सेलजा को रिमोट कंट्रोल संचालित नेता बताया है
डॉ रमन सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा- चापलूसी, जी हजूरी वाले सब इनाम के हक़दार हैं, जिनकी रीढ़ सलामत है उन्हें झेलना तिरस्कार है। रिमोट कंट्रोल संचालित कांग्रेस प्रभारी कुमारी सेलजा जी का यह आदेश पूरे छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का अपमान है। आपसी कलह के चलते पहले आदिवासी प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम की तस्वीर से परहेज़ था, अब उनकी कलम से निकले आदेश को निरस्त किया।
वहीं बीजेपी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा- मोहन मरकाम के आदेश निरस्त किए जाने के मसले पर छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया लिखी गई-अपने आदिवासी अध्यक्ष का ऐसा अपमान! मोहन मरकाम की ओर से जारी की गई नियुक्तियों को आदिवासी विरोधी कांग्रेस पार्टी ने निरस्त कर दिया। आदिवासी अपने अधिकार का उपयोग कर रहा है। शायद कांग्रेस को यह पचा नहीं, इन्हें रिमोट कंट्रोल चाहिए। शर्मनाक..।
दुर्ग में 26 जून से विधानसभावार नेताओं का प्रशिक्षण शिविर, शाह के दौरे के बाद गढ़ को बचाए रखना बड़ी चुनौती
दुर्ग में केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद यहां कांग्रेस की सियासी कसरत शुरू हो गई है। इस संभाग की विधानसभा सीटों में दबदबा बरकरार रखने और जमीन मजबूत करने के लिए कांग्रेस पदाधिकारियों का प्रशिक्षण शिविर 26 जून से शुरू होने जा रहा है। यहां दुर्ग संभाग की 17 और रायपुर जिले के अभनपुर समेत कुल 18 विधानसभाओं में प्रशिक्षण शिविर का आयोजन होगा। पदाधिकारियों को दिए जाने वाले इस प्रशिक्षण की रूपरेखा पहले ही तैयार की जा चुकी है लेकिन मुमकिन है कि अमित शाह के दौरे का भी जिक्र इस शिविर में किया जाए। क्योंकि पहले ही सोशल मीडिया में सभी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एक्टिव रहने के साथ कांग्रेस के खिलाफ आने वाली किसी भी बयानबाजी का काउंटर करने को कहा गया है। अमित शाह ने अपने भाषण में कांग्रेस को निशाने पर लिया था और यूपीए सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। ऐसे में प्रशिक्षण शिविर के दौरान शाह के इस बयान के जवाब में केन्द्र सरकार की नाकामियों को लोगों तक पहुंचाने का टास्क दिया जा सकता है।
जिन विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस का प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया जा रहा है, वहां की सभी सीटों में कांग्रेस के ही विधायक काबिज है और सूबे के मंत्रियों की भी विधानसभा सीट है। इसलिए इन इलाकों में कांग्रेस के लिए चुनौती और ज्यादा है क्योंकि बीजेपी के पास इन क्षेत्रों में खोने के लिए कुछ नहीं है जबकि सभी सीटों के लिए जोर आजमाइश जारी है और अमित शाह के दौरे को भी इसी से जोडक़र देखा जा रहा है। जानकारी के मुताबिक प्रशिक्षण शिविर में विधानसभा चुनाव से जुड़े विभिन्न पहलुओं, विषयों पर विशेषज्ञ प्रशिक्षण देंगे। शिविर में उस विधानसभा में निवासरत प्रदेश, जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष, सेक्टर जोन के कमेटी के अध्यक्ष, प्रभारी नगरीय-निकाय और जिला, जनपद पंचायत के निर्वाचित जनप्रतिनिधिगण, कृषि उपज मंडी, सहकारी समिति के पदाधिकारीगण भाग लेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत छत्तीसगढ़ के 6 मंत्री दुर्ग संभाग से ही आते हैं, ऐसे में अमित शाह के इस दौरे के मायने और दुर्ग को साधने की कवायद को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा था कि दुर्ग हमारा गढ़ है, कांग्रेस का हमेशा से वहां गढ़ रहा है भले ही बीच में थोड़ी कमजोर हुई थी लेकिन हमारा दुर्ग कांग्रेस का रहा है।