छत्तीसगढ़

पहले हर चीज थी अपनी मगर अब लगता है...

Nilmani Pal
23 Sep 2022 6:08 AM GMT
पहले हर चीज थी अपनी मगर अब लगता है...
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ज़ाकिर घुरसेना/ कैलाश यादव

राजनांदगाव से भाजपा सांसद संतोष पांडेय के चहेरे भाई अब कांग्रेस में शामिल हो गए। भाजपाई एक ओर कांग्रेसियों को देशद्रोही और मुस्लिम समर्थक बताने के लिए नित नए जुगत में रहते हैं और दूसरी ओर भाजपा सांसद के भाई कांग्रेस प्रवेश कर लिए यानी पांडेय जी अपने भाई को यह समझने में नाकाम रहे कि कांग्रेस देशद्रोही पार्टी है। अगले साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं ऐसे में भाजपाई हैरान परेशान हैं। जनता में खुसुर फुसुर है कि जब भाजपा सांसद अपने भाई को यह समझने में नाकाम रहे तो छत्तीसगढ़ की जनता को कैसे समझायेंगे? कवर्धा में पूरी कोशिश कर हिन्दू-मुस्लिम कर छत्तीसगढ़ की फिजा खराब कर ध्रुवीकरण को बढ़ावा दिया जाए लेकिन उसकी हवा भाजपा सांसद के भाई ने निकाल दी। दूसरी बात ये भी है कि भाजपा में परिवारवाद को बढ़ावा नहीं देने का फरमान जारी हुआ है। ऐसे में कई नेता बेरोजगार हो जायेंगे। कहीं इसी से बचने के लिए तो कांग्रेस प्रवेश नहीं हुआ। बहरहाल समय का इंतजार है। फि़लहाल दाऊ जी और अकबर की बल्ले-बल्ले है। जनता में खुसुर-फुसर है कि प्रदेश के दोनों राजनीतिक पार्टी भाई-भाई है, इधर-उधर जाने से कुछ नहीं होता लोग तो वही काम करेंगे जो हाईकमान का फरमान होगा। मशहूर शायर निदा फाजली ने ठीक ही कहा है पहले हर चीज थी अपनी मगर अब लगता है अपने ही घर में किसी दूसरे घर के हैं हम।

अगले जनम मोहे चीता कीजो ...

पिछले दिनों पीएम मोदी जी के 72 वें जन्मदिन पर नामीबिया से भारत में विलुप्त चीता लाया गया। चीता महाशय का भरपूर स्वागत किया गया। अब जनता इस बात को सोच कर परेशान है कि इसी समय राजस्थान में लम्पी वायरस से ग्रस्त हजारों गायों की अकाल मौत हो गई थी, उसके इलाज के लिए ही अगर कुछ कर देते तो हजारों की तादात में गौ माता अकाल काल के गाल में नहीं समाते। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जितना खर्च चीता लाने में किया गया उतने में तो भारत में साल भर गाय पल जाती। लगता है पीएम मोदी को सलाहकारों ने देश में गायों की भुखमरी और लंपी वायरस से अकाल मौतों के बारे में नहीं बताया, नहीं तो मोदी जी चीता लाने से पहले गायों की हालात दुरुस्त करने में जुट जाते। चीतों को भोजन में चीतल परोसा गया जिससे राजस्थान-हरियाणा और वन्य जीव प्रेमियों की भृकुटी तन गई है। कूनो के जंगल में कई जानवर ईश्वर से प्रार्थना करने लगे है कि मुझे अगले जनम मोहे चीता कीजो।

ऑपरेशन लोटस तो नहीं

जोगी कांग्रेस के नेता अमित जोगी की बात माने तो लोरमी से जोगी कांग्रेस के विधायक धर्मजीत सिंह पूरी पार्टी को भाजपा में विलय करना चाहते थे। अगर ये सही है तो अमित जोगी ने भाजपा और धर्मजीत सिंह की मंसूबे पर पानी फेर दिया है। अमित जोगी का कहना है की धर्मजीत सिंह छत्तीसगढ़ के एकनाथ शिंदे बनना चाहते थे लेकिन एकनाथ शिंदे की बात अलग थी एक साथ चालीस विधायकों को लेकर वे मुख्यमंत्री बन गए क्या छत्तीसगढ़ में ऐसी स्थिति बन पाती क्योकि कांग्रेस के पास एकहत्तर विधायकों का भारी भरकम बहुमत है यहां कुछ कर पाना भाजपा और जोगी कांग्रेस के बूते की बात नहीं है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि जोगी साहब के जिंदा रहते तक ही जोगी कांग्रेस थी, उसके बाद तो जोगड़ा कांग्रेस बन गया है। ऐसे में लोग का भागना लाजमी कहा जा रहा है।

आयाराम-गयाराम का सिलसिला शुरू, टर्राने लगे चुनावी मेंढक

छत्तीसगढ़ में चुनाव भले ही एक साल बाद होगा, लेकिन चुनावी मेंढ़कों ने टर्राना शुरू कर दिया है। दोनों प्रमुख पार्टियों में आयाराम-गयाराम को लेकर बयानबाजी हो रही है कि यह तो टेलर है, पिक्चर तो अभी बाकी है मेरे दोस्त। आगे-आगे देखिए क्या पिक्चर बनती है। चुनाव आने से पहले कई लोगों ने पाला बदलना शुरू कर दिया है। दूसरे दलों से आए नेताओं का भाजपा में स्वागत किया गया। जनता में खुसुर-फुसुर है कि क्या ये भी लोट्स आपरेशन का हिस्सा है, जो मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ में पहुंच गया है। जो कही का ईंट कहीं को रोड़ा भाजपा ने कुनबा जोड़ा।

कका है तो भरोसा है

दो दिन चले घटनाक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बालोद में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में थे। सीएम बघेल राजधानी पहुंचे तो मीडिया ने उनसे आपरेशन लोटस को लेकर सवाल किया। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि अभी तो भाजपा छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के पीछे लगी हुई है। पूरे देश में विपक्षियों को अपने पक्ष में करने का काम तो कर ही रहे हैं और जहां वह नहीं कर सकती है, उसके लिए ईडी और आइटी, सीबीआई का सहारा लेती हैं। डराने, धमकाने और पाला बदलवाने में लगे हैं। सीएम बघेल से जब यह सवाल किया गया कि क्या सतर्क रहने की जरूरत है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा कि हम लोग पूरी तरह चार सालों से सतर्क हैं। हम भाजपा के चाल चरित्र को जानते है, मुंह राम बगल में छुरी ही इस पार्टी की पहचान बन गई है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि भाजपा छत्तीसगढ़ में लाख जतन कर ले लेकिन कका के भरोसा वाले बबा के साथ नहीं जाएंगे। क्योंकि जिस तरह भूपेश बघेल सरकार चला रहे उसकी तारीफ पूरे देश में हो रही है। पीएम से लेकर केंद्रीय मंत्री कर रहे है। वहंीं एक सांसद के भाई से भूपेश बघेल ने बोलवा ही दिया कि कका है तो भरोसा है।

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