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दुर्ग। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग के द्वारा सभी जिलों में मानव तस्करी रोकथाम अन्य हितधारकों तथा पीड़ितों के पूनर्वास से संबंधित प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। इसके परिपालन में प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें जिला संरक्षण अधिकारी, नवा बिहान के अधिकारी, मानव तस्करी रोकथाम पर कार्य करने वाले सामाजिक कार्यकर्ता तथा जिले के पुलिस विभाग के जवाबदार अधिकारी उपस्थित हुए। इस कार्यशाला में आधुनिकीकरण, आर्थिक विकास, पलायन एवं अन्य नवीन परिदृश्य में मानव तस्करी विशेषकर महिलाओं के मानव तस्करी रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीड़ितों के पूनर्वास विषय पर चर्चा की गई तथा एक राष्ट्रीय नीति तैयार करने पर विचार किया गया।
मौजूदा कानून तथा नए लागू हुए कानून के क्रियान्वयन एवं प्रभाव तथा आवश्यक संशोधन पर भी परिचर्चा की गई एवं कार्यशाला में छत्तीसगढ़ राज्य में मानव व्यापार विशेषकर महिलाओं के अनैतिक व्यापार की रोकथाम हेतु किए जा रहे प्रयासों से अवगत कराया। मानव व्यापार में सबसे अहम भूमिका प्लेसमेंट एजेंसियों की होती है जो अच्छी नौकरी का प्रलोभन देकर मेट्रो सिटी में ले जाकर उनकी तस्करी करते है। प्रत्येक जिले में मानव व्यापार की रोकथाम हेतु निर्मित सेल की जानकारी दी गई। साथ ही राज्य में विभिन्ना शिविर के आयोजन के माध्यम से मानव तस्करी की रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीड़ितों के पुनर्वास के लिए प्रचार-प्रसार एवं अन्य प्रयासों से अवगत कराया गया है।
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