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नई दिल्ली: शिक्षा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि बोर्ड परीक्षाएं साल में दो बार आयोजित की जाएंगी, जिसमें छात्रों के पास सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाए रखने का विकल्प होगा और कक्षा 11 और 12 के छात्रों को दो भाषाओं का अध्ययन करना होगा, जिनमें से एक भारतीय होनी चाहिए। शिक्षा मंत्रालय द्वारा घोषित नए पाठ्यक्रम ढांचे के अनुसार, कक्षा 11 और 12 में विषयों की पसंद स्ट्रीम तक सीमित नहीं होगी और छात्रों को चुनने में लचीलापन मिलेगा। कस्तूरीरंगन समिति के मार्गदर्शन में एक संचालन समिति ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पाठ्यक्रम ढांचे पर एक रिपोर्ट तैयार की है और इसे सरकार को सौंप दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षा मंत्रालय ने आगे की कार्रवाई के लिए इसे राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) को सौंप दिया है। एनसीईआरटी ने पाठ्यक्रम के लिए दो समितियों - राष्ट्रीय निरीक्षण समिति और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम और पाठ्यपुस्तक समिति - की स्थापना की है। प्रधान ने कहा, ''हम उम्मीद करते हैं कि ये दोनों समितियां 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप और मूल भारतीय सोच पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार करेंगी'' शिक्षा मंत्री ने कहा, ''हम चाहते हैं कि वे कक्षा 3 से 12 तक के लिए भविष्य की शिक्षण और सीखने की सामग्री तैयार करें.'' पहली ओरिएंटेशन मीटिंग आज हुई। "हमें विश्वास है कि नई पाठ्यपुस्तकें सभी आवश्यकताओं को पूरा करेंगी, खासकर जब दुनिया भारत से बहुत उम्मीद कर रही है, जब पीएम ने देश को अमृत काल का सपना दिखाया है।"
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Triveni
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