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गुजरात में फिर आने लगे ब्लैक फंगस के केस, वडोदरा में ब्‍लैक फंगस के मरीज़ सामने आये

Admin Delhi 1
14 Jan 2022 12:29 PM GMT
गुजरात में फिर आने लगे ब्लैक फंगस के केस,  वडोदरा में ब्‍लैक फंगस के मरीज़ सामने आये
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गुजरात में फिर आने लगे ब्लैक फंगस के केस, वडोदरा में ब्‍लैक फंगस के मरीज़ सामने आये

कोरोना की तीसरी लहर के बीच गुजरात के वडोदरा में ब्‍लैक फंगस के मामले सामने आने लगे हैं। वडोदरा के एसएसजी अस्पताल (एसएसजीएच) में म्यूकोर्मिकोसिस (एमएम) मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस महीने की शुरुआत इससे पीड‍़‍ि‍त मरीजों की संख्‍या महज तीन थ्‍ज्ञी जो अब बढ़कर आठ हो गई है। हालांक‍ि अस्‍पताल के डॉक्‍टरों का कहना है क‍ि अभी यह कहना जल्‍दबाजी होगा क‍ि ब्‍लैक फंगस के मामले बढ़ रहे हैं। लेकिन डॉक्‍टर ने चेताया क‍ि सावधान रहने की जरूरत है। 7 जनवरी से 12 जनवरी तक एक सप्ताह के अंदर ब्‍लैक फंगस के चार नए मामले सामने आए हैं।

डॉक्‍टरों ने कहा- तैयार रहना होगा

अस्पताल अधीक्षक डॉ रंजनकृष्ण अय्यर का कहना है क‍ि एसएसजीएच में मामले वडोदरा से ही नहीं हो सकते हैं। 'यह कहना जल्दबाजी होगी कि मामले बढ़ने लगे हैं। हम नए मामलों की जानकारी जुटा रहे हैं और पता लगाएंगे कि क्या हुआ था' उन्होंने कहा क‍ि एमएम के बारे में पहले से ही चर्चा चल रही थी। 'हम एम्फोटेरिसिन भी मांग रहे हैं,' उन्होंने कहा।

ईएनटी सर्जन डीआरआरबी भेसनिया ने टीओआई से कहा कि कोविड के मामलों में वृद्धि के साथ हमें ब्‍लैक फंगस से निपटने की प्‍लानिंग करनी होगी। आने वाले दिनों में इसके मामले बढ़ सकते हैं।' भेसनिया ने आगे कहा कि नए मामले भी दूसरी लहर के थे। उनके पास पुराने म्यूकोर्मिकोसिस हो सकते हैं और अब अस्पतालों में बदल रहे हैं।

गुजरात में आठ महीने बाद कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक 11,176 नए मामले सामने आए और पांच रोगियों की मौत हुई। स्वास्थ्य विभाग ने एक विज्ञप्ति में बताया कि राज्य में संक्रमितों की कुल संख्या 8,96,894 जबकि मृतकों की तादाद 10,142 हो गई है।

ब्लैक फंगस क्‍या होता है

कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ब्‍लैक फंगस भी लोगों के लिए मुसीबत बनकर आया था। ब्लैक फंगस के मामले इतने बढ़ गए कि इसे महामारी घोष‍ित करना पड़ा था। देश में 12 हजार से अधिक लोग कोविड के बाद ब्लैक फंगस की गिरफ्त में आए थे। राजधानी के अलावा दूसरे राज्यों में भी म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रसित लोगों की काफी संख्या सामने आई थी।

डॉक्टर मानते हैं कि ब्लैक फंगस के सिम्टम्स को लेकर लोग अनदेखी कर रहे हैं। जयपुर स्थित सीएल पंवार अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट और होम्योपैथिक मेडिकल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (Member homeopathic medical association of india) के सदस्य डॉक्टर एन सी पंवार ने बताया कि ब्लैक फंगस के लक्षणों की सही समय पर पहचान कर ली जाए तो इससे बचा जा सकता है।

डॉक्टर ने बताया कि इन दिनों उन लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है जो कोविड से रिकवर हो रहे हैं और जो डायबिटीज के मरीज हैं। क्योंकि 99 फीसदी यही लोग ब्लैक फंगस की चपेट में आते हैं।

ब्लैक फंगस के सबसे आम लक्षणों में चेहरे का आकार बदलना, काली पपड़ी का बनना, आंशिक पक्षाघात, सूजन, लगातार सिरदर्द और बदतर मामलों में, जबड़े की हड्डी का नुकसान आदि शामिल है।


ब्‍लैक फंगस के लक्षण

आंखों में सूजन, आंखें लाल होना, आंखें खोलने व बंद करने में परेशानी, डबल विजन, दिखाई कम या नहीं दिखना।

नाक बंद होना व नाक से बदबूदार पानी / खून आना।

चेहरे पर सूजन/सिर दर्द/सुन्नपन होना।

दांतों में दर्द, चबाने में परेशानी, उल्टी व खांसने में खून आना।

बुखार, खांसी, साँस लेने में तकलीफ़, खून की उल्टी होना आदि।

बचाव के तरीके

ब्लड शुगर को कंट्रोल में रखना चाहिए।

कोविड के इलाज में स्टेरॉयड का उचित उपयोग।

ऑक्सीजन ह्यूमिडिफायर में साफ पानी का उपयोग।

धूल वाली जगह पर मास्क पहनकर रखें।

मिट्टी, काई और खाद के सम्पर्क में आने से बचें।

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