पटना: मतदान प्रतिशत बढ़ाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन कई स्तरों पर तैयारी कर रहा है. जिले में सामान्य बूथों के अलावा चार अन्य तरह के मतदान केन्द्र भी बनाने की रणनीति बनायी जा रही है. पिंक बूथ व आदर्श बूथ पहले से बनाये जाते रहे हैं. इसके अलावा इस बार वुमन मैनेज्ड बूथ, यूथ मैनेज्ड बूथ व पीडब्ल्यूडी मैनेज्ड बूथ बनाने की रणनीति पर काम शुरू किया गया है. जिला प्रशासन ने प्रखंडों से ऐसे बूथ बनाने का प्रस्ताव मांगा है.
इन बूथों पर पेयजल, शौचालय व अन्य मूलभूत सुविधाओं के साथ विशेष रूप से सजावट कर आर्कषक बनाया जाएगा. पिंक बूथ को ही इस बार वुमन मैनेज्ड बूथ यानि महिला प्रबंधित बूथ कहा जाएगा. इस बूथ पर हेल्प डेस्क होगा, जो महिलाओं से जुड़े तमाम कार्यों में सहायता करेगा. पिंक बूथ पर तैनात सभी अधिकारी और कार्यकर्ता सिर्फ महिलाएं होती हैं. यहां तक कि सुरक्षा व्यवस्था की कमान भी महिलाओं के हाथों में होती है. इन बूथों को बनाने के लिए इस्तेमाल किया गया कपड़ा, टेबल क्लॉथ, गुब्बारे से लेकर हर कुछ गुलाबी रंग का होता है.
पिंक बूथ का निर्माण महिलाओं की सुरक्षा और उनसे जुड़े मामलों को निबटाने के लिए किया जाता है. पिंक बूथ का मुख्य मकसद महिला सशक्तीकरण है.
ऐसी व्यवस्था की जाती है कि महिलाओं को अपनी परेशानी कहने में झिझक न हो. उनकी सुरक्षा में हर सफल कदम उठाया जा सके.
आदर्श मतदान केन्द्र
आदर्श मतदान केंद्र परिकल्पित मतदान केंद्र है. पिछले कुछ सालों से विधानसभा और लोकसभा चुनावों के लिए मतदाता जागरूकता के लिए आदर्श मतदान केंद्र को यथार्थ बनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे केन्द्र पर हर उस मानवीय आवश्यकता का ध्यान रखा जाता है, जिसकी सम्भावना हो सकती है. जैसे मतदाताओं की संख्या अधिक होने पर खुले आसमान के नीचे न खड़े रहना पड़े. अत उनके बैठने और अपनी बारी आने की प्रतीक्षा में रुकावट न हो. पीने के पानी की समुचित व्यवस्था की जाती है. यदि मतदाता के साथ छोटे बच्चे भी आए हैं तो वे वहां बहल सकें. कोई वृद्ध मतदाता हैं तो वे थोड़ा आराम कर सकें. वहां तैनात किए गए बूथ लेवल आफिसर अपेक्षाकृत अधिक प्रशिक्षित, दक्ष और सहयोगी बर्ताव करने वाले होते हैं.