बिहार
संगीत के प्रति नहीं देखी होगी ऐसी दीवानगी, घर को बना लिया म्यूजिक म्यूजियम
Manish Sahu
20 Aug 2023 11:58 AM GMT

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बिहार: गीत-संगीत के दीवाने तो आपको बहुत मिल जाएंगे, लेकिन मुजफ्फरपुर के शेरपुर के रहने वाले यशवंत पराशर जैसा संगीत प्रेमी विरले ही मिलेंगे. संगीत के प्रेम में अपने घर को ही संगीत संग्रहालय में तब्दील कर दिया. इसने घर पर संगीत की दुनिया के वे तमाम इंस्ट्रूमेंट, सीडी, कैसेट आदि मिल जाएंगे जो अब बाजार में नही दिखते हैं. चाहे वह हाथ से चलने वाला ग्रामोफोन हो या संगीत के शुरुआती समय का साउंड सिस्टम. इसके साथ ही आरपीएम के हजारों पीस कैसेट यशवंत के घर पर बने म्यूजिक लाइब्रेरी में उपलब्ध है. यशवंत कहते हैं कि अच्छी संगीत सुनने के लिए अच्छा साउंड सिस्टम खरीदता गया और संग्रह करता चला गया.
यशवंत बताते हैं कि संगीत में उनकी रूचि पुरानी है. उन्होंने कैसेट और उपकरण इकट्ठा करने की शुरुआत 1980 से ही कर दी थी. शुरुआत में उन्होंने कभी नहीं सोचा था की उन्हें यह संग्रह तैयार करना है, लेकिन संगीत में रूचि के कारण वे कैसेट और एलपी रिकॉर्ड खरीदते गए और देखते-देखते उन्होंने इतना बड़ा संग्रह बना लिया. तब से लेकर आज तक वे लगातार संग्रह जारी रखे हुए हैं.
10 हजार से ज्यादा कैसेट है इनके पास
यशवंत कहते हैं कि संगीत के डिजिटल मीडियम को छोड़ दें, तो कैसेट, सीडी और एलपी रिकॉर्ड के 10 हजार से अधिक कैसेट उनके पास है. इसमें सबसे बड़ा हिस्सा भारतीय शास्त्रीय संगीत का है. इसके साथ ही विदेशी संगीत और पॉप म्यूजिक का भी बड़ा संग्रह है. यशवंत कहते हैं कि लोकगीत के भी कई संग्रह उनकी लाइब्रेरी में है.
1940 का इंग्लैंड मॉडल ग्रामोफोन भी है पास
यशवंत का शास्त्रीय संगीत से भी जुड़ाव बेहद खास है. ऐसे में उन्होंने शास्त्रीय संगीत के इंस्ट्रूमेंट संग्रह पर ज्यादा ध्यान दिया. डिजीटल और कैसेट से पहले मिलने वाले एलपी रिकॉर्ड का भी एक बड़ा संग्रह यशवंत के पास उपलब्ध है. यशवंत के पास उनके निजी संग्रह में 1940 का बना ग्रामोफोन है, जो की इंग्लैंड मॉडल है. इसके साथ ही 1960 के वक्त का ट्रांजिस्टर भी उनके पास उपलब्ध है. यशवंत बताते हैं कि हर दौर में संगीत में कई बदलाव हुए. वे बस उन्हें सहजेने का प्रयास कर रहे हैं.
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