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आप भी करेंगे दिव्यांग के जज्बे को सलाम, दोनों हाथ गंवाने के बावजूद IAS बनने का सपना

Admin4
29 Jun 2022 6:42 PM GMT
आप भी करेंगे दिव्यांग के जज्बे को सलाम, दोनों हाथ गंवाने के बावजूद IAS बनने का सपना
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बिहार में मुंगेर के आरएस कॉलेज में इन दिनों ग्रेजुएशन की परीक्षा चल रही है. इसमें एक छात्र के हौसले को हर कोई सलाम कर रहा है. पूरे जिले में उसकी चर्चा है. दिव्यांग नंदलाल दोनों पैर के सहारे परीक्षा दे रहे हैं. उनके दोनों हाथ नहीं हैं. पढ़ने की इच्छा और IAS बनने के सपने को पूरा करने के लिए नंदलाल ने खुद को मजबूरियों के आगे झुकने नहीं दिया.

नंदलाल हवेली खड़गपुर नगर इलाके के संत टोला का निवासी हैं. अभी वे बीए फर्स्ट ईयर परीक्षा आरएस कॉलेज तारापुर में दे रहे हैं. उसके पिता अजय साह छोटी दुकान चलाते हैं. गरीबी और मजबूरी से लड़ रहे नंदलाल अपने हौसलों के दम पर ही पढ़ाई कर रहे हैं.

नंदलाल ने बताया, 'साल 2006 में बिजली करंट लगने के कारण मेरे दोनों हाथ कट गए. दादाजी ने हिम्मत दिया और पैर से लिखना सिखाया. 2017 में फर्स्ट डिविजन से मैट्रिक परीक्षा पास की. इससे खुश होकर तत्कालीन एसडीओ संजीव कुमार ने एक लाख की राशि दी. बीए करने के बाद बीएड की पढ़ाई करने की मेरी प्लानिंग है. इसके बाद मेरा आईएएस बनने का लक्ष्य है. परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से मुझे कई बार दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.'

हालांकि अपने मजबूत इरादों के साथ नंदलाल आगे बढ़ रहे हैं. उन्होंने साल 2019 में इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा फर्स्ट क्लास में पास की थी. उन्हें 500 अंकों में 325 अंक मिले थे. अब ग्रेजुएशन में अर्थशास्त्र की परीक्षा पैरों के सहारे ही दे रहे हैं.

कॉलेज के प्रोफेसर उदय शंकर दास ने बताया, 'एक युवक जो कि दोनों हाथों से दिव्यांग है, वह बीए पार्ट वन का परीक्षा दे रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि वो हाथों से नहीं, बल्कि पैर से लिख रहा है. यह काबिले तारीफ है. हमें उम्मीद है कि वो कड़ी मेहनत के साथ वो अपने लक्ष्य को हासिल करने में कामयाब होंगे

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