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भागलपुर। भागलपुर स्टेशन परिसर मेँ रविवार को तिरंगा झंडे के साये मेँ पीस सेंटर परिधि के बैनर तले गांधी जयंती के अवसर पर विश्व अहिंसा दिवस आयोजित हुआ। गांधी के संग प्रेम के रंग कार्यक्रम मेँ विनय भारती ने गांधी के प्रिय भजन वैष्णव जन ते, रघुपति राघव राजा राम और कई गीत गाये। कार्यक्रम स्थल पर चित्रकार राहुल द्वारा कैनवास पर गांधी के चित्र उकेरे गए। गांधी को याद करते हुए उदय ने कहा कि गांधी जैसी शख्सियत कभी कभी पैदा होते हैँ। गांधी दक्षिण अफ्रीका में जाकर रंग भेद के खिलाफ अहिंसक तरीके से लड़ते हैं और जीतते हैं। यह उनके सत्याग्रह कि जीत थी। दुनियां के इतिहास मेँ गांधी जैसा व्यक्तित्व अद्वितीय है। चर्चिल ने जिसे अधनंगा फकीर कहा वह प्रेम करुणा और न्याय की मशीन था। अवसर पर भारतीय रेल मालदा डिवीजन के डीआरएम यतेंद्र कुमार कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने स्वच्छता को सम्मान का विषय बताते हुए स्वच्छता को गांधी का दर्शन बताया तथा कहा कि ना सिर्फ हमें अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए बल्कि अपने मन को स्वच्छ करना चाहिए। रेलवे स्टेशन के स्टेशन अधीक्षक राजीव शंकर ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि परिधि के द्वारा इस कार्यक्रम ने पूरे स्टेशन परिसर को गांधीमय कर दिया।
वक्ताओं के कहा कि आजादी की लड़ाई आगे बढ़ाते हुए गांधी प्लेग पीड़ितों की सेवा करने लगते हैं, अछूतोद्धार के कार्यक्रम चलाते हैं, कुष्ट रोगियों की सेवा करते हैं। जब आजादी द्वार पर आ खड़ी होती है तो जश्न मनाने और मंत्रीमंडल बनाने के बजाय वे नौआखली में बैठ जाते हैँ। सम्प्रदायिक हिंसा की आग बुझाने, जिसमें वे सफल भी होते हैं। 30 जनवरी से पहले भी उनपर कई जानलेवा हमले हुए थे लेकिन वे न तो रुके न ही सुरक्षा ली। मरते वक़्त भी गोली मारने वाले को माफ करने को कहा। डॉ अम्बेडकर उनके कटु आलोचक थे। फिर भी गांधी ने पहल कर उन्हें संविधान सभा मेँ लाया। एकराम हुसैन साद ने कहा कि गांधी का जीवन हमें प्रेम और अहिंसा का संदेश देता है। यू एन द्वारा गांधी जयंती 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिवस घोषित किया जाना भारतियों के लिए शान की बात है। राहुल ने कहा गांधी हमारे धरोहर हैं, हमें इस बात का गर्व होना चाहिए कि हम उस भारत मेँ पैदा हुए हैं जहां गांधी हुए थे। इस अवसर पर सुषमा में कहा कि गांधी जी चाहते थे समाज में किसी के साथ धर्म व जाति के आधार पर भेदभाव न हो। सबके साथ समान व्यवहार हो। महिलाओं का सम्मान हो। सबको न्याय मिले। गांधीजी ने भारतीय समाज में व्याप्त छुआछूत जैसी बुराइयों के प्रति लगातार आवाज उठाई। डा जयंत जलद ने कहा गांधी जी ने भारतीयों को स्वदेशी वस्तुओं के प्रेम करना सिखाया। विदेशी वस्त्रों की होली जलवाई। नतीजतन स्वदेशी उद्योग धंधों का बढ़ावा मिला। पीस सेंटर परिधि ने इस अवसर पर गोराडीह के कासिमपुर में भी गाँधी जयंती का आयोजन किया। इस अवसर पर जयनारायण, मनोज कुमार, एकराम हुसैन साद, ललन आदि मौजूद थे।
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