बिहार
हिन्दी में काम करना भावुक प्रतिक्रिया नहीं, मौलिक अधिकार है : डॉ. चंद्रभानु
Shantanu Roy
1 Oct 2022 6:05 PM GMT

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बेगूसराय। नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (एनटीपीसी) बरौनी में राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार एवं कार्यालयीन कार्यों में प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए आयोजित हिन्दी पखवाड़ा का आज समापन हो गया। हिन्दी पखवाड़ा के दौरान एनटीपीसी बरौनी में कार्यरत कर्मचारियों, सीआईएसएफ तथा उनके परिवार के सदस्यों के लिए हिन्दी निबंध, कविता पाठ, भाषण, हस्ताक्षर सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई, जिसमें प्रतियोगिताओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। पखवाड़े का समापन समारोह स्टेज-टू में स्थित प्रशासनिक भवन के सभागार में आयोजित किया गया। इस समारोह में दरभंगा विश्वविद्यालय में हिन्दी विभाग के आचार्य डॉ. चंद्र भानु प्रसाद सिंह एवं विशेष आमंत्रित के रूप में एनटीपीसी दादरी के राजभाषा अधिकारी आलोक अधिकारी सम्मिलित हुए। जिन्हें परियोजना प्रमुख रमाकांत पंडा ने अंगवस्त्र और मधुबनी पेंटिंग भेंट कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. चंद्रभानु प्रसाद सिंह ने भाषा की महत्वता के ऊपर प्रकाश डालते हुए हिन्दी भाषा के सांस्कृतिक और शासकीय उपयोग पर चर्चा की। उन्होंने संविधान के आधार पर राजभाषा हिन्दी के इतिहास और राष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध सिमरिया की भूमि में पैदा हुए राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर के लेख और उनकी विचारधारों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि हिन्दी भाषा में काम करना कोई भावुक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह हमारा मौलिक अधिकार है।जबकि, आलोक अधिकारी ने अपने संबोधन में हिन्दी भाषा को प्रशासनिक एवं औपचारिक तौर में उपयोग करने के लिए सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख रमाकांत पंडा ने एनटीपीसी बरौनी में हिन्दी भाषा के संचार एवं प्रसार को निरंतर बढ़ावा देने के लिए सभी अधिकारियों को प्रोत्साहित किया तथा कहा कि साहित्य के प्रति रुचि हम सबको रखनी चाहिए। राजभाषा अनुभाग द्वारा आयोजित समापन समारोह में सभी महाप्रबंधक, विभागाध्यक्ष एवं मानव संसाधन के अधिकारी सहित अन्य उपस्थित थे।
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