बिहार

आंगनबाड़ी केंद्र में इंधन के रूप में लकड़ी का प्रयोग नहीं होगा

Admindelhi1
22 Feb 2024 6:34 AM GMT
आंगनबाड़ी केंद्र में इंधन के रूप में लकड़ी का प्रयोग नहीं होगा
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धुआंरहित ईंधन का होगा प्रयोग

बक्सर: जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों के लिए बनने वाला पोषाहार अब चूल्हे पर नहीं बनेंगे. किसी भी कीमत पर इंधन के रूप में लकड़ी का प्रयोग नहीं होगा. इसके बदले धुआंरहित इंधन के लिए एलपीजी गैस का प्रयोग होगा. इसके लिए प्रत्येक केंद्र पर दो गैस सिलेंडर व आईएसआई मार्क वाला एक बर्नर वाला सिंगल चूल्हा का उपयोग होगा. मासिक रूप से गैस रिफिलिंग की सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी. यह आदेश डीएम रोशन कुशवाहा ने आईसीडीएस के निदेशक के निर्देश मिलने के बाद सभी सीडीपीओ को दिया है.

डीएम ने सीडीपीओ से कहा है कि .2 किलोग्राम का दो घरेलू गैस सिलेंडर कनेक्शन इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड या पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के माध्यम से लिया जाना है. प्रति आंगनबाड़ी केंद्र दो गैस सिलेंडर के लिए 5701 रुपये, गैस चुल्हा के लिए 83 रुपये कुल 6500 रुपये खर्च होंगे. संबंधित गैस कंपनी के वर्तमान दर पर प्रतिमाह गैस रिफिलिंग कराई जाएगी. भविष्य में गैस रिफिलिंग दर में परिवर्तन होने पर परिवर्तित दर के अनुसार व्यय होगा. प्रति आंगनबाड़ी केंद्र पर अधिकतम एक गैस सिलेंडर .2 किलोग्राम गैस उपयोग की सीमा निर्धारित की गयी है. आंगनबाड़ी केंद्र पर गैस का कनेक्शन आंगनबाड़ी विकास समिति के सचिव के नाम से लिया जाना है. डीएम ने सभी सीडीपीओ को अपने कार्यालय कक्ष में कैंप लगाकर सेविकाओं से गैस कनेक्शन के लिए आवेदन लेकर अपने स्तर से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने को कहा गया है. गैस रिफिलिंग के लिए प्रति माह आंगनबाड़ी विकास समिति के सचिव के खाते में राशि उपलब्ध करायी जाएगी.

11 के सहारे चल रहा है 18 सीडीपीओ कार्यालय

आईसीडीएस के जिला बाल परियोयान अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में आंगनबाड़ी के 3356 केंद्र स्वीकृत हैं. वर्तमान में 3200 सेविकाएं कार्यरत हैं. कुछ केंद्र टैग में संचालित हो रहा है. प्रत्येक केंद्र पर 40 बच्चों को मेनू के अनुसार पका पकाया हुआ भोजन देना है. वर्तमान में सीडीपीओ के छह पद रिक्त हैं. इनमें से बेगूसराय शहरी क्षेत्र, मटिहानी, भगवानपुर, चेरियाबरियापुर, छौड़ाही और बखरी शामिल है. 11 सीडीपीओ से ही प्रखंड स्तर पर सीडीपीओ कार्यालय चल रहा है. महिला सुपरवाइजर 1 में से 86 कार्यरत हैं.

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