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बिहार | जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा है कि महिला आरक्षण बिल भाजपा की एक और जुमलेबाजी है. जिस प्रकार वर्ष 2014 लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा ने जमुलेबाजी की थी, उसी तरह 2024 के पहले उसने नया जुमला दिया है.
महिला आरक्षण बिल लाना ही था तो केंद्र सरकार पिछले साढ़े नौ सालों तक क्यों नहीं लाई? लोकसभा चुनाव के छह महीने पहले यह बिल लाना यह बताता है कि भाजपा का इरादा कुछ और ही है. ललन सिंह पत्रकारों से बात कर रहे थे.
ललन सिंह ने कहा कि आरक्षण को लेकर देश में बिहार मॉडल लागू होना चाहिए. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता में आते ही पहले ग्राम पंचायतों और फिर नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत का आरक्षण दिया. उन्होंने कहा कि दरअसल महिला सशक्तीकरण और इनके आरक्षण के नाम पर प्रधानमंत्री ने इवेंट मैनेजमेंट किया है. आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री की मंशा महिला आरक्षण देने की नहीं है. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि नरेंद्र मोदी जब तक गुजरात के मुख्यमंत्री थे महिलाओं को आरक्षण दिए थे क्या?
अभी केंद्र ने जो महिला आरक्षण का बिल लाया है, उसमें है कि पहले जनगणना होगी, फिर परिसीमन होगा. इसके लिए परिसीमन आयोग बनेगा. लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना होगी फिर परिसीमन आयोग बनेगा तब तक 2029 आ जाएगा. उन्होंने कहा कि आरक्षण में आरक्षण पूरे देश की मांग है. इसीलिए मांग हो रही है जाति आधारित जनगणना देश में कराई जाए. इससे पता चलेगा कि किस समाज की क्या आबादी है और उसी हिसाब से महिलाओं को आरक्षण दिया जा सकता है.
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Harrison
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