बिहार

जिस्मफरोशी के कलंक को धोकर हुनरमंद बन रही महिलाएं, जगा रहीं रोज़गार की अलख

HARRY
20 Oct 2022 10:37 AM GMT
जिस्मफरोशी के कलंक को धोकर हुनरमंद बन रही महिलाएं, जगा रहीं रोज़गार की अलख
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साधारण महिलाओं के समाज में पुरुष के बराबर में व्यवसाय या फिर कोई और रोज़गार करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। वहीं जिस्मफरोशी के धंधे से बाहर निकल कर रोजगार करना तो औऱ भी ज्यादा मुश्किल है। लेकिन इन मानसिकता को बदलते हुए बिहार के मुजफ्फरपुर जिले की रेड लाइट एरिया की महिलाओं ने नई ज़िंदगी जीने की ठानी है। वह देह व्यापार के कलंक को धोकर अब आत्मनिर्भर बने हुए स्वरोज़गार की ओर कदम बढ़ा रही हैं। इसके साथ ही रोजगार की अलख भी जगा रही हैं। आइए विस्तार से जानते हैं क्या है पूरा मामला ?

मुजफ्फरपुर जोहरा गली ( तवायफ मंडी, चतुर्भुज स्थान) में सालों से देह व्यापार का गोरखधंधा होता रहा है। इस गली की कुछ महिलाओं ने जिस्मफरोशी के धंधे का कलंक धोखर खुद को सभ्य समाज में ढालने की कोशिश कर रही है। जोहरा संवर्धन स्वयं सहायता समूह ने पहल करते हुए उन महिलाओं को नई ज़िदगी देने का बीड़ा उठाया है। इन महिलाओं का न सिर्फ हुनरमंद बनाया जा रहा है, बल्कि उनके लिए रोजगार मुहैय्या भी करवाई जा रही है।

जिस्मफरोशी के दल दल से निकल कर अब ये महिलाएं कटपीस से कपड़ा बनाने का काम कर रही हैं। इसके साथ ही गारमेंट्स की बिक्री भी कर रही हैं। जोहरा संवर्धन स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं की मानें तो जोहरा गली की मंहिलाओं को सभ्य समाज में ज़िंदगी बसर करना आसन नही है। समाज के लोग जल्दी इस बात को कबूल नहीं करेंगे। इसलिए चतुर्भुज स्थान की प्रथम नृत्यांगना जोहरा बाई के नाम पर बनाया गया समूह उन महिलाओं की मदद करता है जो खुद की ज़िंदगी संवारना चाहती है।

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