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मरने के लिए महिला ने गंडक नदी में लगाई छलांग
वैशाली: बिहार के वैशाली में एक महिला ने मरने के लिए गंडक नदी में छलांग लगा (SDRF Team Saves Woman In Vaishali) दी. तभी वहां मौजूद SDARF की टीम ने नदी में कूदकर महिला को बचा लिया. दरअसल बेटे और बहू की प्रताड़ना से परेशान पटना की एक महिला ने गंडक नदी में छलांग लगाकर खुदकुशी का प्रयास किया. हालांकि एसडीआरएफ की टीम ने जान पर खेलकर महिला की जान बचा ली और महिला को गंडक की तेज धारा के बीच से सुरक्षित बाहर निकाल लिया. जिसके बाद उसको नगर थाना के हवाले कर दिया गया. घटना हाजीपुर गंडक पुरानी पुल की है. महिला का नाम मंजू देवी है जो पटना के कुम्हरार की रहनेवाली है. उसके पति का नाम ओमप्रकाश है.
महिला ने की खुदकुशी की कोशिश : मिली जानकारी के अनुसार महिला खुदकुशी करने के इरादे से ही पटना से हाजीपुर पहुंची थी और यहां पहुंचने के बाद गंडक नदी पर बने पुराने पुल से नदी में कूद गई. महिला के नदी में छलांग लगाते हुए स्थानीय लोगों के साथ-साथ एसडीआरएफ की टीम ने भी देखा, जिसके बाद नदी की तेज धार में बह रही महिला को बचाने के लिए एसडीआरएफ के एसआई धुरेंद्र सिंह ने रेस्क्यू टीम को महिला को बचाने के लिए भेजा. जिसके बाद कड़ी मशक्कत कर टीम ने महिला को सुरक्षित बाहर निकाल लिया. महिला जीना नहीं चाहती है उसका कहना है कि खुद की बहू ना सिर्फ परेशान करती है बल्कि मारपीट भी करती है. इसलिए अब जीना नहीं चाहती हूं. महिला बार बार एसडीआरएफ जवानों से नहीं बचाने की गुहार लगा रही थी. बहरहाल महिला को नगर थाना के हवाले कर दिया गया है और पुलिस महिला से पूछताछ कर परिजनों को सूचना दे चुकी है.
SDRF की टीम ने महिला को डूबने से बचाया : महिला को बचाने के लिए एसडीआरएफ की टीम ने जो रेस्क्यू किया था. उसका वीडियो भी सामने आया है. वीडियो में महिला को वोट पर रखकर हाजीपुर के क्लब घाट की ओर लाया जा रहा है. बता दें कि नारायणी नदी का जल स्तर इन दिनों काफी बढ़ा हुआ है. नदी की धारा भी बेहद तेज है. ऐसे में रेस्क्यू करना एक चुनौती का काम है. जिसे एसडीआरएफ के जांबाज राजीव रंजन, घनश्याम शर्मा, मनोज कुमार, राम किशोर राय, दिलीप कुमार, जय किशोर पासवान और उमेश कुमार की टीम ने बखूबी अंजाम दिया. इसी टीम ने कुछ दिन एक लड़की की भी तब जान बचाई थी जब वह प्रेम प्रसंग में परेशान होकर आत्महत्या के लिए नारायणी नदी में कूद गई थी.
3 वर्ष पहले की थी इकलौते बेटे की शादी : एसडीआरएफ के अथक परिश्रम के बाद महिला की जान तो बच गई, लेकिन उसका दर्द सभी के सामने छलक उठा. उसने कहा कि- 'उसका इकलौता बेटा है जो दुकान चलाता है. 3 साल पहले मैंने अपने इकलौते बेटे की शादी यह सोच कर कि थी कि अब उसे आराम मिलेगा. लेकिन शादी के बाद से ही बहू प्रताड़ित करने लगी, बेटा भी उसका साथ देने लगा. घर के सारे काम मुझे करने पड़ते थे. थोड़ी सी भी गड़बड़ी होने पर मेरी पिटाई तक की जाती थी. यही कारण है कि मैंन मरने का फैसला लिया.'

Rani Sahu
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